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Thursday, August 22, 2024

साहब -आखिर CTE- CTO परमिशन के पहले कैसे जारी हुआ रेत भंडारण की टी.पी....?



 साहब -आखिर CTE- CTO परमिशन के पहले कैसे जारी हुआ रेत भंडारण की टी.पी....?



 प्रदूषण व माइनिंग विभाग के भौतिक सत्यापन कि खुली पोल -CTE और CTO जारी होने के पहले ग्राम गोहन्ड्रा मे जारी हुआ रेत भण्डारण की टीपी


.....तो क्या रेत ठेकेदार को फायदा पहुंचाने जिम्मेदार विभाग ने नियमो को दे दिया तिलांजलि.....?



इंट्रो :- अनूपपुर जिले में असोसियट कामर्श द्वारा रेत का ठेका लिया गया जिसके बाद ठेकेदार द्वारा रेत खनन का कार्य शुरू किया गया अवैध खनन को लेकर जिले की सभी रेत खदाने सुर्खियों मे रही है और रेत ठेकेदार के मनमानी के कारण विवाद की स्थिति तक उत्पन्न हुई है जिस प्रकार अवैध उत्खनन एवं एनजीटी व सिया के नियमों को दरकिनार कर ठेकेदार द्वारा मनमानी ढंग से खनन का कार्य किया गया है जो की स्वीकृत रेत खदान एरिया के आसपास वृक्षारोपण तक करना ठेकेदार ने उचित नहीं समझा और जिम्मेदार अधिकारी कार्यवाही की जगह खुले आम संरक्षण देने का कार्य किये जो आज भी चर्चा का विषय बना हुआ है!



अनूपपुर(प्रकाश सिंह परिहार) :-अनूपपुर जिले का रेत ठेकेदार M/s असोसियट कामर्श(रेत स्टॉक)Outward No:16499, 10/06/2024 Consent No:CTE-122253 अप्लीकेशन रिसीप्ट नंबर 1373598 CTO -20/06/2024 को रिसीव किया गया लेकिन पलूशन क्लिरियंस के पहले अनूपपुर जिले के रेत स्टॉक गोहड्रा तहसील -कोतमा और ग्राम पसला तहसील-अनूपपुर एवं ग्राम बरगवा तहसील -अनूपपुर को रेत स्टॉक की अनुमति दी गई लेकिन रेत ठेकेदार द्वारा प्रदूषण बोर्ड शहडोल के क्षेत्रीय प्रबंधक मुकेश श्रीवास्तव द्वारा जारी CTE और CTO के पहले ही नियमों को दरकिनार कर प्रदूषण व एन.जी.टी शिया के नियमों को दरकिनार कर रेत स्टॉक किया गया जिसकी टी. पी. भी 10/06/2024 के पहले लगभग हजारों क्यूबिक मीटर जारी की गई है  सीएम हेल्पलाइन शिकायत के बाद प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों को जानकारी होने के बाद भी उक्त स्थल निरीक्षण कर कार्यवाही के जगह संरक्षण देने का कार्य पॉल्यूशन बोर्ड के अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है!


CTE और CTO जारी के पहले भण्डारण के नियम 

 जिले के कोतमा क्षेत्र के रेत ठेकेदार M/s असोसियट कामर्श(रेत स्टॉक) ग्राम -गोहड्रा तहसील -कोतमा मे मानसून सत्र के पहले भंडारण के लिए खनिज विभाग से अनुमति के लिए आवेदन दिया गया भंडारण अनुमति के लिए नियमानुसार पॉल्यूशन बोर्ड ऑफिस शहडोल के क्षेत्रीय अधिकारी से CTE आवेदन देने के बाद CTO आदेश प्राप्त होने के बाद ही खनिज विभाग से टी. पी चालू होना चाहिए लेकिन CTO जारी होने के पहले CTE आवेदन के बाद पॉल्यूशन बोर्ड के अधिकारियों द्वारा रेत स्टॉक स्थल का निरीक्षण किया जाना चाहिए और CTE जारी होने के पूर्व किए गए भंडारण मे कार्यवाही करना चाहिए लेकिन ऐसा ना करते हुए ठेकेदार के साठ -गांठ कर अपने शासकीय पद का दुरुपयोग करते हुए भंडारण की खुली छूट दे दी गई!CTO और CTE का सीपीसीबी अनुमोदन का महत्व  केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के लिए नोडल प्राधिकरण है। इस प्रकार, CPCB अनुमोदन - CTE और CTO वास्तव में महत्वपूर्ण हैं। CPCB के अतिरिक्त कार्यों का उल्लेख जल अधिनियम 1974 और वायु अधिनियम 1981 में किया गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उद्योगों के वर्गीकरण के संदर्भ में 2012 में जारी अपने पहले के निर्देशों को वापस ले लिया। बाद में, बोर्ड ने प्रदूषण सूचकांक के स्तर के आधार पर लाल, नारंगी, हरे और सफेद श्रेणियों के तहत औद्योगिक इकाइयों का संशोधित वर्गीकरण जारी किया। सी.टी.ई. और सी.टी.ओ. बोर्ड द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अनुसार उपयुक्त प्राधिकारी द्वारा जांच के बाद मामले की योग्यता के आधार पर प्रदान या अस्वीकृत किया जाता है। अधिकृत अधिकारी के डिजिटल हस्ताक्षर वाले अनुमोदन प्रमाण पत्र ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से जारी किए जाते हैं।


 जांच की जगह संरक्षण दे रहे अधिकारी 

 पॉल्यूशन बोर्ड शहडोल के अधिकारियों की माने स्टॉक  यार्ड को हरे रंग की श्रेणी में रखा गया है यदि रेत भंडारण हरे रंग की श्रेणी में आता है तो पर्यावरण विभाग शहडोल द्वारा रेत ठेकेदार M/s असोसियट कामर्श(रेत स्टॉक)Outward No:16499, 10/06/2024 Consent No:CTE-122253 अप्लीकेशन रिसीप्ट नंबर 1373598 और बकायदे दिनांक CTO -20/06/2024 जारी किया गया बात तो यह भी आ रही है कि पॉल्यूशन बोर्ड के अधिकारियों को ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी की एक ओर तकनीकी यंत्री द्वारा हरे रंग की श्रेणी में स्टॉक यार्ड को रखने की बात कही जा रही है वहीं दूसरी ओर संभाग के वरिष्ठ प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी द्वारा बकायदे CTE और CTO जारी किया गया है अब बात यह खड़ी हो रही है कि एक ही विभाग के अधिकारियों के दो अलग-अलग चीजे दिखाई दे रहा है! यह तो जांच का विषय है कि आखिर उक्त भंडारण में कौन सा जिन छुपा हुआ है कि CTO आदेश जारी होने के पहले उक्त भंडारण स्थल में भंडारित रेत का भौतिक सत्यापन हुआ है या नहीं! यह भी जांच का विषय है!


पर्यावरण और खनिज विभाग की भूमिका मे खड़े हो रहे प्रश्नचिन्ह..?

 मध्यप्रदेश सरकार की प्रदूषण बोर्ड एवं खनिज विभाग बहुत ही महत्वपूर्ण शाखा होती है लेकिन जब विभाग के अधिकारी नियम विरुद्ध कार्यों को संरक्षण देने का कार्य शुरू कर दे तो अवैध कार्यों को बढ़ावा मिलना शुरू हो जाता है ऐसा ही एक मामला अनूपपुर जिले मे रेत ठेकेदार एसोसिएट अनार्स द्वारा ग्राम गोहांड्रा तहसील कोतमा मे रेत भंडारण अनुमति के पूर्व ही भंडारित किया जाने लगा पॉल्यूशन बोर्ड शहडोल द्वारा जारी CTE-CTO आदेश  के पूर्व ही खनिज विभाग द्वारा टी.पी चालू कर दिया गया इसका खुलासा तब हुआ जब हमारी टीम द्वारा मौके स्थल में भंडारण करने वाले वाहनों के नंबर से स्टेट माइनिंग कॉरपोरेशन के साइड में जाकर चेक किया गया तो यह बात सामने आई की प्रदूषण बोर्ड द्वारा CTE और CTO आदेश जारी होने के पूर्व ही ठेकेदार द्वारा भंडारण किया जाने लगा CTE -CTO आदेश जारी होने के पहले पॉल्यूशन बोर्ड के अधिकारियो द्वारा उक्त स्थल का भौतिक निरीक्षण करना अनिवार्य होता है और यदि भौतिक निरीक्षण किया गया है तो उक्त भंडारण स्थल में जारी आदेश के पहले भंडारित रेत पर प्रदूषण नियमों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई...?  हालांकि यह जांच का विषय है और बात यह भी खड़ी हो रही है कि CTO और CTE आदेश के पहले खनिज विभाग द्वारा कैसे टी पी चालू कर दिया गया उक्त मामले की सुछमता से जांच की जाए तो बहुत से पहलुओं के राज खुलेंगे!


 

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