आपदा काल मे खाद्य मंत्री के गृह जिले में राशन के लिए तरस रहे लोग
जिले के 140 दुकानों में खाद्यान्न ना पहुंचने पर बसपा नेता ने उठाए सवाल
अनूपपुर:-जहां कोरोना आपदा काल मे लोगों को राहत प्रदान करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 3 महीने का राशन एक साथ दिए जाने का निर्णय लिया गया है वही खाद्य मंत्री के गृह जिले में 140 उचित मूल्य दुकानों में अब तक राशन उपलब्ध नहीं है । जिसको लेकर बहुजन समाज पार्टी नगर इकाई बिजुरी के अध्यक्ष जावेद अहमद के द्वारा शासन के इस रवैए पर चिंता जाहिर करते हुए इसे दिखावा करार दिया गया है ।
बसपा नेता श्री अहमद ने कहा कि जब खाद्य मंत्री के गृह जिले का यह हाल है तो पूरे प्रदेश में तो और भी गंभीर स्थिति होगी । मुख्यमंत्री के द्वारा इस विपत्ति काल में भी स्थिति की गंभीरता को न समझते हुए लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है । कोतमा विकासखंड क्षेत्र में ही 60 दुकाने ऐसी है जहां अब तक खाद्यान्न नहीं पहुंच पाया है । प्रतिदिन दूरदराज से राशन मिलने की आस में लोग सुबह से शाम तक दुकानों के बाहर बैठकर सेल्समैन का इंतजार कर रहे हैं । राशन न मिलने के कारण सेल्समैन भी दुकानों को बंद कर बैठे हुए हैं ।
आपदा प्रबंधन समिति के गठन पर उठाए सवाल.....
श्री अहमद ने कहा कि जिले से लेकर ग्राम स्तर तक आपदा प्रबंधन समिति का गठन करते हुए इसकी बैठक ली जा रही है। लेकिन इतनी बैठकों के बाद भी लोगों को जीने के लिए जरूरी राशन नहीं मिल पा रहा है । ऐसे समय में गरीब रथ तथा मजदूर वर्ग के लोगों को ना तो काम मिल रहा है और ना ही संक्रमण के डर से कोई उनकी मदद के लिए आगे आ रहा है ।
नागरिक आपूर्ति तथा खाद्य विभाग की मनमानी पर हो कार्यवाही.....
श्री अहमद ने कहा कि खाद्यान्न समय पर उपलब्ध ना होने के लिए नागरिक आपूर्ति निगम तथा खाद्य विभाग दोनों एक दूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं । खाद्यान्न का परिवहन उचित मूल्य दुकानों तक समय पर क्यों नहीं हो पाया इसकी जानकारी लेते हुए परिवहन कर्ता का टेंडर निरस्त किया जाए । पूरे प्रदेश में राशन वितरण के लिए 24 श्रेणियों में समस्त बीपीएल परिवार, वन अधिकार पट्टेधारी, समस्त भूमिहीन कोटवार, मध्यप्रदेश में निवासरत समस्त अनुसूचित जाति के परिवार, मध्यप्रदेश में निवासरत समस्त अनुसूचित जनजाति के परिवार, वर्ष 2013-14 प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवार जिनकी फसलों से क्षति 50 प्रतिशत या उससे अधिक हो, समस्त ऐसे व्यक्ति जो मध्यप्रदेश भवन तथा अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिक हैं एवं उन पर आश्रित परिवार के सदस्य, बंद पड़ी मिलों में नियोजित पूर्व श्रमिक, बीड़ी श्रमिक कल्याण निधि अधिनियम 1972 के परिचय पात्रता धारी बीड़ी श्रमिक, ग्रामीण क्षेत्रों के समस्त ऐसे व्यक्ति जो मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना अंतर्गत भूमिहीन खेतिहर पंजीकृत मजदूर एवं आश्रित परिवार के सदस्य, साइकिल रिक्शा चालक एवं हाथ ठेला चालक कल्याण योजना में पंजीकृत व्यक्ति तथा ग्रामीण क्षेत्रों में पंजीकृत साइकिल रिक्शा हाथ ठेला चालक एवं परिवार के सदस्य, घरेलू कामकाजी महिलाएं, फेरीवाले, नगरी निकायों में पंजीकृत केशशिल्पी, सामाजिक सुरक्षा पेंशन के पंजीकृत हितग्राही एवं परिवार के सदस्य, अनाथ आश्रम/निराश्रित विकलांग छात्रावासों में निवासरत बच्चे तथा वृद्वाश्रमों में निःशुल्क निवासरत वृद्वजन, पंजीकृत बहुविकलांग एवं मंदबुद्वि व्यक्ति, रेल्वे में पंजीकृत कुली, मंडियों में अनुज्ञप्तिधारी हम्माल एवं तुलावटी, कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग अंतर्गत पंजीकृत बुनकर एवं शिल्पी, एचआईवी संक्रमित व्यक्ति, मत्स्य पालन करने वाले सहकारी समितियों में पंजीकृत परिवार/सदस्य, पंजीकृत व्यवसायिक वाहन चालक/परिचालक, विमुक्त घुमक्कड़ एवं अद्र्व घुमक्कड़ जातियों के परिवार जो पूर्व से अनुसूचित जाति जनजाति परिवारों को पात्र मानते हुए स्थानीय निकायों को इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल में दर्ज करते हुए ऐसे व्यक्तियों को राशन उपलब्ध कराने की बात कही गई है । लेकिन नगर पालिका में जब इस योजना का लाभ लेने के लिए लोग पहुंच रहे हैं तो पोर्टल ना खुलने के कारण इनकी प्रविष्टि नहीं हो पाने से राशन नहीं मिल पा रहा है ।
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