डीएफओ की हठधर्मिता- अपने अधीनस्थ महिला कर्मचारी को करता था प्रताड़ित, उच्च अधिकारियों की टीम द्वारा जांच मे लगे आरोप सिद्ध पाए जाने के बाद भी कार्यवाही लंबित
चाइना की टॉर्च हो या फिर प्रतिबंधित कीटनाशक दवाईया खरीदने का मामला, रिटायरमेंट के पहले भ्रष्टाचार कर सरकारी धन गमन करने की तैयारी हो चुकी है पूरी
भ्रष्टाचार में जो देगा साथ उसी के साथ डीएफओ साहब जो नहीं देगा साथ उसके खिलाफ साहब करेंगे लिखा पड़ी,- पद का दिखाएंगे दम
साहब का रसूख -उच्च मैनेजमेंट के चर्चे हुए आम उच्च अधिकारियों के टेबल में जांच रिपोर्ट में फसा झाम
इंट्रो:- वनमंडला अधिकारी अनूपपुर के रूप में जबसे एस.के प्रजापति के पद भार ग्रहण करने से ही रिटायरमेंट के पहले अपना सपना पूरा करने के उद्देश्य से भ्रष्टाचार को अंजाम देने का कारनामा शुरू किया ठेकेदार के साथ साथ गांठ कर मनमानी तरीके से शुरू हुआ खरीदी का खेल तो खपत के लिए वन परिक्षेत्र अधिकारियों के साइन की जरूरत पड़ी तो जब गलत काम करने से रेंजरो ने किया इंकार तो डीएफओ साहब नें अपने सरकारी पद का दुरुपयोग करते हुए रेंजरो को मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया पद के रुतबे में मजलूग श्री प्रजापति ने महिला को भी प्रताड़ित किया बात बड़ी तो सभी ने लिखित रूप से सीसीएफ शहडोल के समक्ष शिकायत की!
अनूपपुर( गजेंद्र सिंह परिहार):- अनूपपुर वन मंडल के डीएफओ पर महिला प्रताड़ना का आरोप सिद्ध पाए जाने के बाद भी अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया जबकि इस मामले में दो वरिष्ठ अधिकारियों से जांच कराई गई सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जांच रिपोर्ट सिद्ध पाए जाने के बाद भी प्रतिवेदन उच्च अधिकारियो के समक्ष लंबित है जो कहीं ना कहीं वनमंडला अधिकारी का उच्च लेवल का मैनेजमेंट या फिर यह कहना भी गलत नहीं होगा कि उच्च अधिकारियों की देखरेख पर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं वन मंडल अधिकारी श्री प्रजापति! अभी तक कार्यवाही ना होना कई तरह के प्रश्न चिन्ह जन्म दे रहे हैं साथ ही मेड इन चीन की टॉर्च, प्रतिबंधित कीटनाशक दवाइयां का खरीदी की भी जांच होने के बाद एस.के प्रजापति मैनेजमेंट के खिलाड़ी होने के कारण जांच पर एक्शन नहीं हो पा रहा है!
जारी किया था तुगलकी फरमान
जब वन परिक्षेत्र अधिकारियों पर दबाव नहीं बना तो श्री प्रजापति ने आदेश जारी करते हुए अनूपपुर वन मंडल अंतर्गत पदस्थ वन हमले का निजी मोबाइल नंबर मांगने का पत्राचार किया गया लेकिन पद का धोष साहब का रुतबा इस कदर बढ़ा की तुगलकी फरमान जारी करते हुए आम आदमी के मूल अधिकारों की आवेला करते हुए निजता के मौलिक अधिकार को दरकिनार कर दिया गया!
महिला अधिकारी से की अभद्रता
वनमंडला अधिकारी द्वारा विगत मन में वन मंडल कार्यालय अनूपपुर में ली गई बैठकों में अधीनस्थ अधिकारियों से अभद्रता पूर्ण व्यवहार किया गया लेकिन बाद वहां नहीं रुकी भ्रष्टाचार का दम पद का रुतबा इस कदर बड़ा की जिसमें वन मंडल अनूपपुर अंतर्गत पदस्थ एक महिला अधिकारी से भी अभद्रता पूर्वक व्यवहार किया गया भ्रष्टाचार में साथ न देने से मना करने पर बैठक के पूर्व ही व्यक्तिगत छीटाकसी कर प्रताड़ित किया हालांकि इसकी शिकायत मुख्य वन संरक्षक के समक्ष लगभग आधा दर्जन रेंजर उपस्थित होकर शिकायत की गई थी जिसकी जांच भी भोपाल द्वारा गठित टीमों द्वारा की गई जिसमें मिली जानकारी के अनुसार जांच सही पाए जाने के बाद भी डीएफओ के रसूक के सामने महीनो बीत जाने के बाद भी जांच पर कार्यवाही अभी तक लंबित बनी हुई है!
प्रतिबंधित कीटनाशक दवाइ सहीत चीन की लाइट की हुई खरीदी
वन मंडल अनूपपुर में जनवरी 2023 से पदस्थ वन मंडल अधिकारी एस.के. प्रजापति द्वारा निरंतर अपनी पदस्थापना के उपरांत शासन के नियमों के विरुद्ध अपने पद का दुरुपयोग करते हुए वन मंडल अनूपपुर में पदस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों पर अनावश्यक रूप से दबाव बनाकर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है जिसमे कृषि में उपयोग होने वाली प्रतिबंधित कीटनाशक दवाइयों की लगभग 15 लाख की खरीदी नियम विरुद्ध की गई एवं अधीनस्थ वन अमले पर उक्त दवाइयों के छिड़काव को जंगल में करवाने हेतु अनावश्यक दबाव बनाया गया प्रतिबंधित कीटनाशक दवाइयां की जंगल में क्या उपयोगिता है यह बेहद गंभीर संधिगता से परिपूर्ण व भ्रष्टाचार का मामला है। इस तरह वन मंडलाधिकारी द्वारा लगातार भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है और सरकारी राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है!
जांच रिपोर्ट सहित कार्यवाही लंबित
श्री प्रजापति की पदस्थापना के बाद से ही अपने अधीनस्थ कर्मचारी व वन परिक्षेत्र अधिकारियों पर जिस तरह दबाव बनाया जा रहा था जिसकी जानकारी वन परिक्षेत्र अधिकारियों द्वारा मुख्य वन संरक्षक के सामने समय-समय पर मौखिक रूप से अवगत कराया गया है, किन्तु अब वन मण्डलाधिकारी अनूपपुर द्वारा दी जा रही अत्यधिक प्रताड़ना के कारण उनके अधीनस्थ रहकर शासकीय कर्तव्यों व दायित्वों के निर्वहन में अत्यधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति व भय का वातावरण निर्मित होने से मुख्य वन संरक्षक के समस्त सभी परिक्षेत्राधिकारीयों ने किसी भी प्रकार की अपनी घटना होने की बात कही लेकिन साहब दबदबा अभी भी जारी!
मैनेजमेंट के चर्चे हुए आम
उक्त घटनाक्रम की शिकायत होने के बाद भोपाल द्वारा गठित टीम ने जैतहरी स्थित सर्किट हाउस में बारी बारी में सारे वन परिक्षेत्र अधिकारियों के कथन लिए गए साथी वन मंडल अधिकारी द्वारा किए गए खरीदी मामले में भ्रष्टाचार की भी जांच की गई जिसकी जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारी भोपाल मे कार्यवाही लंबित हो गई लेकिन गांव की यह कहावत है कि जहां आग लगी होती है धुआँ वहीं से उठता है! तो यह कहना भी गलत नहीं होगा कि दस्तावेजों की जांच व वन परिक्षेत्र अधिकारियों के कथन के बाद कहीं ना कहीं सत्यता तो पाई गई होगी या फिर सत्यता नहीं पाई गई तो वन मंडल अधिकारी को क्लीन चिट देकर बरी क्यों नहीं किया गया? या फिर भ्रष्टाचार की जड़ ठेकेदार से मिली भगत कर कर कमाए गए पैसों के दम पर जांच उपरांत भोपाल जाना कहीं ना कहीं मैनेजमेंट को प्रदर्शित करता है और इस तरह के गंभीर आरोपों के बाद भी उच्च अधिकारियों की शांति यह प्रदर्शित कर रही है कि रिटायरमेंट तक के लिए सब को खुली छूट दे दी गई है!
इनका कहना है
जांच हुई थी जिसमें कार्रवाई के लिए भेजा गया है दूसरी शाखा से जल्द कार्रवाई होगी!
एपीसीसीएफ भोपाल
डीएफओ अनूपपुर के खिलाफ जो शिकायत हुई थी उसकी जांच टीम भोपाल से गठित होने के बाद जांच की है उक्त जांच में उच्च अधिकारी ही कार्यवाही करेंगे!
एल. एल. उइके
मुख्य वन संरक्षक शहडोल संभाग
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