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Wednesday, December 21, 2022

संगीता नर्सिंग होम बिजुरी की कई शिकायतों के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई, संरक्षण के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी की भूमिका संदिग्ध, नगर में बना चर्चा का विषय



संगीता नर्सिंग होम से रेफर के बाद नवविवाहिता गर्भवती महिला की 10 मिनट बाद रास्ते में हुई मौत,परिजनों ने नर्सिंग होम संचालक पर लापरवाही का लगाया आरोप


 अनियमितता की कई शिकायत के बाद भी नहीं जागे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी


 क्या अन्य दुर्घटना गठित होने का इंतजार कर रहे हैं कर रहे अधिकारी ?


इंट्रो :-"पैसा खुदा तो नहीं लेकिन खुदा से कम नहीं" कि कहावत को चरितार्थ करता दिखा नर्सिंग होम संचालक ! एक ओर प्रदेश की सरकार अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था मुहैया कराने के लिए प्रयास कर रही है वहीं दूसरी ओर कुछ नर्सिंग होम संचालकों द्वारा रसूख व पैसों के दम पर मनमानी रूप से संचालित करते हुए लूट का अड्डा बना बैठे हैं कही डिलीवरी के नाम पर मनमाना पैसा लेने के बाद भी कुशल डॉ. न होने की वजह से आम जनता की जिंदगी से खिलवाड़ करने का कार्य किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर  जिले के स्वास्थ्य अधिकारी अपने केबिन में हाथ के ऊपर हाथ धरे बैठे रहते हैं, यदि जानकारी दी जाए तो पहले शिकायत करने की बात करते है और  शिकायत के बाद कार्यवाही की बात की जाए तो उक्त शिकायत के विषय से हटकर यहां कारवाही वहां कारवाही बताते हुए टालमटोल कर दिया जाता है जो कहीं न कहीं इस तरह नियम विरुद्ध तरीके से संचालित नर्सिंग होम संचालकों को लूटने व आम आदमी के जीवन से खिलवाड़ करने की खुली छूट दे दी गई हो! ऐसी  परिस्थिति में अब जिले की संवेदनशील कलेक्टर को स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने के लिए अवैध रूप से संचालित क्लीनिक और नियम विरुद्ध संचालित नर्सिंग होम की जांच कराकर चल रहे मौत के खेल को रोकने के लिए सामने आना होगा! 

अनूपपुर(प्रकाश सिंह परिहार ):- अनूपपुर जिले के अंतिम छोर बिजुरी जो कोयलांचल क्षेत्र होने के साथ-साथ आसपास के विभिन्न ग्रामों से जुड़ा हुआ है आदिवासी और कोयलांचल क्षेत्र होने के कारण कम पढ़े लिखे एवं भोले भाले व्यक्ति निवास करते हैं जिन्हें इलाज व डिलीवरी के नाम से लूटने के लिए संगीता नर्सिंग होम जो अव्यवस्थाओं और मानको के विपरीत संचालित है ऐसा ही एक जीता जागता उदाहरण बीते दिनों रात के दरमियान गोविंदा कॉलरी से डिलीवरी कराने संगीता नर्सिंग होम पहुंचे! पहुंचते ही डिलीवरी के नाम पर 5 हजार जमा कराकर किया एडमिट और फिर ऑपरेशन के नाम पर 40 हजार में हुई बात ऑपरेट करते ही हालत बिगड़ता देख ऑक्सीजन की कमी बता आनन-फानन में शहडोल किया रेफर और फिर ऑक्सीजन के नाम पर लिए 4 हजार रूपए! हॉस्पिटल से निकलते ही 10 मिनट बाद टोल के पहले ऑक्सीजन बंद होने से महिला एवं गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई!


अस्पताल प्रबंधक और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग -परिजन 


बिजुरी में संचालित संगीता नर्सिंग होम की लापरवाही के कारण एक 21 वर्षीय नवविवाहिता महिला की मौत होने का मामला सामने आया है जहा महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत के बाद गुस्साए परिजनों द्वारा अस्पताल प्रबंधन एवं दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर कोतमा स्वास्थ्य केंद्र में शुक्रवार की रात भर प्रदर्शन व हंगामा किया जाता रहा घटना की सूचना पर पुलिस टीम द्वारा पहुंचकर समझाइश दी गई तब जाकर मामला शांत हुआ और बड़ा सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि एडमिट के दौरान नर्सिंग होम में कौन सा ट्रीटमेंट व इलाज किया गया और रेफर के दौरान न तो किए गए दवाई की पर्ची दी गई और ना ही परिजनों को कुछ बताया गया और आनन-फानन में ऑक्सीजन के नाम पर 4 हजार जमा कराते हुए भेज दिया गया जिसमे  परिजन द्वारा मीडिया के सामने बयान दिया गया जो कहीं ना कहीं नर्सिंग होम के ऊपर कई प्रश्न चिन्ह खड़ा करते दिखाई दे रहा है जिसकी निष्पक्षता के साथ जांच उपरांत ही कुछ पता लग सकता है!


यह है मामला

बताया जाता है कि रेनू देवी 21 वर्ष पति श्रीदास निवासी गोविंदा कॉलरी जिसका मायका झारखंड है शादी 2021 में हुई थीं। शुक्रवार को डिलीवरी के लिए संगीता नर्सिंग होम बिजुरी में गई जहां डिलीवरी कराने के नाम पर 5 हजार जमा कराए और ऑपरेशन के नाम पर 40 हजार और जमा कराने को कहते हुए ऑपरेशन की तैयारी कर दी गई । केस बिगड़ जाने एवं जच्चा-बच्चा की हालत गंभीर होने पर आनन-फानन में अस्पताल प्रबंधन द्वारा ऑक्सीजन कम होने का बहाना बनाते हुए शहडोल ले जाने की सलाह देते हुए रेफर कर दिया गया जिसके बाद ऑक्सीजन के नाम से 4 हजार और वसूल कर मरीज को मरणासन्न हालत में भगा दिया। जिसके बाद 10 मिनट बाद ही रास्ते में महिला एवं गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई। शनिवार को तहसीलदार एवं पुलिस की उपस्थिति में महिला का सव परीक्षण एवं पंचनामा की कार्यवाही की गई नवविवाहिता होने के कारण मामले की जांच एसडीओपी द्वारा की जाएगी।


 सुर्खियों में बना रहता है नर्सिंग होम

 ऐसे तो बात करें तो अपने कारनामों को लेकर हमेशा बिजुरी में संचालित संगीता नर्सिंग होम सुर्खियों में बना रहता है वार्ड क्रमांक 9 मे नजूल की भूमि में बने 2 मंजिला बिल्डिंग मे संचालित है जहा गाड़ी पार्क सड़क पर ही करना पड़ता है जिससे वहां पर रहने वाले लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है,वही मनमानी ढंग से मरीजों से वसूला जाने वाले पैसो और रसूख का रुतबा नर्सिंग होम संचालक  डॉ. बीके शर्मा में झलकती है जो अब पत्रकारों को भी देख लेने की धमकी खुले आम देता है हालांकि जिसकी शिकायत भी थाने में की गई है!


 जांच के नाम पर कोरमपूर्ति, सीएमएचओ का मिल रहा संरक्षण


 जानकारी के अनुसार यदि जांच अधिकारी इन विषयों पर जांच करते हैं तो नर्सिंग होम के कई पोल सामने आएंगे यह है शिकायत के विषय -


1. प्राप्त दस्तावेजों में ऑपरेशन की अनुमति ऑक्सीजन सिलेण्डर की संख्या ऑपरेशन के दौरान दिये जाने वाले एनेस्थीसिया से संबंधित चिकित्सक के दस्तावेज व नाम अंकित नहीं है। 2. नर्सिंग होम की भूमि की राजिस्ट्री तथा बाजार राजिस्टर में पंजीकृत की गई भूमि के दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। 3. वर्तमान में नर्सिंग होम में नर्स जगपती बाई, रेचल वरूगीस, न्यूटन दूलारे तथा डॉ० कामता प्रसाद पटेल भीतिक रूप से कार्यरत नहीं है। फिर भी इन सभी के दस्तावेज सी.एच.एम.ओ. कार्यालय अनूपपुर में फर्जी तरीके से संलग्न है। 4. वर्तमान में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ के दस्तावेज स्वास्थ्य विभाग में उलब्ध नहीं है। 5. नर्सिंग होम में चल रही सोनोग्राफी मशीन संचालन के लिए किसी भी प्रकार के वैधानिक प्रमाण पत्र रेडियोलॉजिस्ट विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं है।6. संगीता नर्सिंग होम संचालक द्वारा सी.एच.एम.ओ. कार्यालय अनूपपुर में प्रेषित जानकारी में एम्बुलेंश चालक रजनीश तिवारी जिनकी योग्यता (बी०ए०, डी.एम.एल.टी.) है वह कभी भी नर्सिंग होम में कार्यरत नहीं था। 7. संगीता नर्सिंग होम में दवाईयों का संधारण तथा पैथालॉजी का संचालन किस आधार पर किया जा रहा है, जिसके वैधानिक दस्तावेज उपलब्ध नही है। 8. संगीता नर्सिंग होम में वाहन पार्किंग व्यवस्था नही की गई जिससे दो और चार पहिया सड़क पर खड़े रहते हैं, पार्किंग मुख्य मार्ग पर कराई जाती है जो सड़क महज 15 फिट चौड़ी है!


 इनका कहना है

 आपके द्वारा मामला संज्ञान में आया है इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात करता हूँ!

 सरोधन सिंह

अपर कलेक्टर,अनूपपुर


संगीता नर्सिंग होम बिजुरी में डिलेवरी के नाम पर 5 हजार व ऑक्सीजन के लिए 4 हजार  जमा करा लिए प्रसूता की हालत बिगड़ते देख शहड़ोल मेडिकल कालेज रेफर कर दिए 6 किलोमीटर आगे जाते ही ऑक्सीजन काम करना बंद कर दिया जिससे प्रसूता और बच्चे की मौत हो गयी।

प्रसूता के परिजन


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