दुग्ध प्रशीतन केन्द्र बिजुरी के स्थापना कार्य का कलेक्टर ने किया अवलोकन, पशुपालकों से चर्चा कर प्राप्त किया फीड बैक
पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाने जिला प्रशासन कर रहा अभिनव प्रयास
अनूपपुर(प्रकाश सिंह परिहार):- जिले में दुग्ध की शुद्ध व गुणवत्तापूर्ण उपलब्धता तथा पशुपालकों को उनके अपने ही घर से दुग्ध विक्रय कर उचित मूल्य दिलाये जाने की परियोजना पर जिला प्रशासन अनूपपुर व पशुपालन एवं डेयरी विभाग अनूपपुर द्वारा कोतमा व अनूपपुर जनपद क्षेत्र के साथ ही नगरीय निकाय बिजुरी में अभिनव परियोजना पर कार्य किया जा रहा है। परियोजना के तहत बिजुरी में दुग्ध प्रशीतन केंद्र की स्थापना हेतु कार्ययोजना जिला खनिज मद से तैयार की गई है जिसकी लागत 4.14 करोड़ रुपये है। योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए पशुपालन एवं डेयरी विभाग व जबलपुर सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित जबलपुर द्वारा कार्य किया जा रहा है। परियोजना कार्य की प्रगति तथा दुग्ध समिति के अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष, पशु पालकों से परियोजना का फीड बैक लेने आज कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने संबंधित मैदानी क्षेत्र ग्राम बनगवा व दुग्ध शीत केन्द्र संयंत्र स्थल बिजुरी का भ्रमण किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अभय सिंह ओहरिया, पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उप संचालक डॉ. व्ही.पी.एस. चौहान,दुग्ध संघ के अधिकारी अग्रणी जिला प्रबंधक श्री रॉय संजीत कुमार, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री, एमपीएसईबी, जनपद अनूपपुर व कोतमा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित सर्व संबंधित अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे।
कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने नगर परिषद बनगवॉ में समिति पदाधिकारियों की बैठक में कहा कि कोतमा एवं अनूपपुर विकासखण्ड तथा बिजुरी नगरपालिका क्षेत्र में दुग्ध की प्रचुरता को दृष्टिगत रख प्रथम चरण में इस क्षेत्र में दुग्ध परियोजना की शुरुआत की गई है। पशुपालकों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाकर आत्म निर्भरता प्रदान करना व व्यवसाय की सुरक्षा के लिए सम्मिलित प्रयास किए जाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने पशुपालकों को आजीविका की इस महत्वपूर्ण परियोजना की स्थापना में सहयोग व समन्वय के साथ कार्य करने की अपेक्षा व्यक्त की। इस अवसर पर कलेक्टर सुश्री मीना ने पाैराधार एवं राजनगर समिति के पदाधिकारियों को दूध टेस्टिंग मशीन प्रदान की।
अनूपपुर जिले के कोतमा, अनूपपुर विकासखण्डों के साथ ही बिजुरी नगरीय निकाय अंतर्गत 50 से अधिक दुग्ध क्षेत्रों का सर्वेक्षण कराया गया। सर्वेक्षण उपरांत तीन वर्षीय परियोजना के प्रथम वर्ष में समिति गठन के लक्ष्य अनुसार 9 समितियों का गठन कर लिया गया है। 9 समितियों में 17 ग्रामों के पशुपालक सम्मिलित हैं। प्रथम वर्ष अनूपपुर विकासखण्ड के पौराधार, राजनगर, भालूमाड़ा, लामाटोला, जमुड़ी, सकोला, पकरिया, छिल्पा, बिजुरी 9 समिति जिनकी सदस्य संख्या 203 है तथा इसी तरह द्वितीय वर्ष हेतु कोतमा विकासखण्ड के गुलीडांड़, मझौली, बेनीबहरा, थानगांव, बहेराबांध, डोंगरिया, बेलगांव, बैहाटोला 08 समिति में 168 सदस्य सम्मिलित किए गए हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उप संचालक डॉ. व्ही.पी.एस. चौहान ने बताया है कि प्रथम वर्ष के सभी समितियों का एक नवीन दुग्ध मार्ग का गठन किया गया है।
वर्तमान में समिति से लगभग 500 लीटर प्रतिदिन दुग्ध संकलन का कार्य कर संकलित दूध का संग्रहण दुग्ध शीतकेन्द्र केशवाही में किया जा रहा है। समितियों के दुग्ध प्रदायकों को दुग्ध का भुगतान उनके निजी बैंक खाते में किया जा रहा है। परियोजना प्रबंधन के तहत दुग्ध समिति सदस्यों को उनके द्वारा प्रदाय किए जा रहे दुग्ध के क्रय दर पर अतिरिक्त 5 रुपये का क्रयअनुदान तथा 5 रु का आहार अनुदान प्रथक से प्रदान किया जा रहा है।आगामी वर्षों में समितियां आत्मनिर्भर होकर कार्य कर सकेंगी।
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