मंसूर के वार्ड क्र.-07 में अवैध प्लाटिंग के बीच नपा ने बनवाई सड़क, सरकारी धन का प्राइवेट व्यक्ति को दिया गया व्यक्तिगतलाभ
बिना परमिशन कॉलोनी का डेवलपमेंट, सरकारी धन के दुरुपयोग व संरक्षण देने पर अधिकारियों के ऊपर क्या कलेक्टर करेंगे कार्यवाही
प्राइवेट जमीन पर नपा ने बनाई सड़क, तो क्या नपा के संरक्षण में हो रहा है मंसूर के अवैध प्लाटिंग का कार्य
अनूपपुर(कोतमा):- ज़िले के सबसे बड़े व्यवसायिक केंद्र माने जाने वाले कोतमा नगर पालिका क्षेत्र में इन दिनों भूमाफिया और अवैध प्लाटिंग कर लोगों को छल करने वाले गैंग का आतंक तेजी से बढ़ चला है। कोतमा राजस्व विभाग व नगर पालिका की अनदेखी ने भू माफियाओं को संरक्षण दे रखा है। बिना परमिशन अवैध प्लाटिंग कर नियम को धता बताकर अवैध प्लाटिंग का कार्य कर रहे हैं। कोतमा और आसपास क्षेत्रों में नगरपालिका के नामचीन भू माफिया इन दिनों सक्रिय हैं। कोतमा नगर पालिका के राजस्व विभाग की कथित सांठगांठ से जारी अवैध तरीके से बिना नगर पालिका के राजस्व विभाग की परमिशन के बगैर घरों का निर्माण किया जा रहा है। हालांकि अवैध प्लाटिंग में कुछ जगह राजस्व अधिकारी व नपा की टीम द्वारा कार्यवाही की गई है!
आखिर मंसूर के अवैध प्लाटिंग में कार्यवाही क्यों नहीं........?
नपा द्वारा निजी भूमि में पहले सड़क निर्माण कराया गया जो कि सरकारी धन को अपनी सम्पत्ति समझते हुये निजी भूमि मालिक को व्यक्तिगत लाभ देने का कार्य किया गया है जिसे सरकारी राशि का दोहन कहना भी गलत नहीं कहा जायेगा सड़क बनते ही जमीन की कीमत बढ़ी और जमीन मालिक द्वारा बिना डायवर्शन नपा परमिशन के बिना अवैध प्लाटिंग कर ऊंचे दर पर बिक्री कर अपना जेब भर लिया और राजस्व को क्षति पहुंचाने का कार्य किया गया, इस तरह की सुविधा मुहैया करवाते हुए नपा द्वारा अपनी जिम्मेदारी को तिलांजलि देते हुए सरकारी राशि के दोहन के साथ-साथ संरक्षण देने का कार्य किया जा रहा है और उक्त भूमि में प्रशासन का बुलडोजर न चलना भी कई प्रश्न चिन्ह खड़ा करता दिखाई दे रहा है जो की क्षेत्र सहित पूरे नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है!
बगैर अनुमति प्लाटिंग और निर्माण कार्य, जानकारी की बाद भी कार्यवाही नहीं
कोतमा शहर से लेकर गांव तक अनुमति के बगैर जमीन की अफरा तफरी को अंजाम दिया जा रहा। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के बिना कई एकड़ खेती वाली जमीन भी बेची जा रही है। वार्ड क्रमांक 7 मेंमंसूर द्वारा अपनी खेतिहर भूमि पर अवैध तरीके से बिना परमिशन के प्लॉटिंग कर डायवर्सन की भूमि को खंड खंड कर बेचा जा रहा है जो कि नियमों के बिल्कुल विपरीत है। सरकार से टैक्स की चोरी कर राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से प्रशासन को चूना लगाने का काम किया जा रहा है। हाल ऐसा है कि क्षेत्रीय नेताओं की मिलीभगत से खेत के मध्य से पहले तो शासकीय सड़क का निर्माण कराया गया और अब सड़क निर्माण के बाद जमीन के दाम आसमान पर चढ़ने पर उसे बिना परमिशन अवैध तरीके से बेचा जा रहा है।
वार्ड क्रमांक 07 में प्राइवेट भूमि पर बना दी शासकीय सड़क
मुख्यमंत्री शिवराज चौहान की मंशा है कि किसी भी प्रकार की अवैध प्लाटिंग कर अवैध कॉलोनियों का निर्माण किसी भी क्षेत्र में न हो जिसके लिए हाल ही में नगर पालिका अध्यक्ष के साथ बैठक लेकर शिवराज ने इसकी घोषणा की थी लेकिन कोतमा में इसके विपरीत वार्ड क्रमांक 7 में खसरा क्रमांक 561 में प्राइवेट भूमि को सांठगांठ कर क्रय विक्रय हेतु नगर पालिका द्वारा प्राइवेट भूमि के मध्य से सड़क का निर्माण कर दिया गया जिससे उस सड़क के कारण भूमि का मूल्य बढ़ गया है और वहां अवैध प्लाटिंग कर ग्राहकों को महंगे दर पर कृषि की भूमि निर्माण हेतु बेची जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब तक बिना कलेक्टर के अनुमति के डायवर्शन भूमि पर तीन प्लाट को प्लाटिंग कर बेच दिया गया है बताया जाता है कि उक्त भूमि का मालिक सब्जी मंडी के बगल से चूड़ी का व्यवसाई है जिसकी ऊपर तक पहुंच होने से से किसी भी प्रकार की कार्यवाही कोतमा के राजस्व विभाग द्वारा नहीं की जा रही है, और नगरपालिका द्वारा सड़क बनाकर संरक्षण देने का कार्य किया जा रहा है जबकि डायवर्सन भूमि को बिना कलेक्टर की अनुमति के क्रय विक्रय नहीं किया जा सकता है फिर भी वह माफियाओं और राजस्व के अधिकारी कर्मचारियों की सांठगांठ से बिना अनुमति के यह संभव हो रहा है!
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