रिजवान खान
शहडोल। कोयला खदानों में चोरी ना हो इसके लिए कोल इंडिया ने सीआईएसएफ का सहारा लिया है लेकिन बावजूद इसके भी कोयले की चोरी है कि थमने का नाम नहीं ले रही है बताया जाता है कि शहडोल अनूपपुर की सीमा में रामपुर कोयला खदान से इन दिनों नए-नए कोल माफियाओं द्वारा बड़े पैमाने में कोयला चोरी को अंजाम दिया जा रहा है बताया जाता है कि इसमें जिम्मेदारों का भी सह है और हाल कुछ ऐसा है कि बड़े पैमाने में चोरी को छोटे पैमाने पर स्थानीय लोगों की चोरी बताकर मामले को प्रबंधन भी रफा दफा कर देता है। इसके अलावा ट्रांसपोर्ट कंपनियों द्वारा गुणवत्ता युक्त कोयले के नाम पर भी बड़े पैमाने पर खेल खेला जा रहा है जिसका मास्टरमाइंड टेक्निकल इंस्पेक्टर जितेंद्र पांडे बताए जाते हैं यही नहीं कोयले के इस खेल में कई छोटे-बड़े खिलाड़ी शामिल है। आर ओ एम और स्टीम के नाम पर चल रहे इस खेल की राशि का बंदरबांट नीचे से लेकर ऊपर तक बराबर होता है प्रति टन के हिसाब से रेट तय है तो वही लोडिंग के लिए भी प्राइवेट मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा है इसके अलावा एसईसीएल कोल इंडिया के कायदों और नियमों को धता बताने में कोल इंडिया एसईसीसीएल के ही कर्मचारी किसी प्रकार की कमी नहीं छोड़ रहे हैं।
बड़े पैमाने पर कोयला चोरी
बताया जाता है कि रामपुर कोयला खदान से इन दिनों तीन से चार लोगों द्वारा अलग-अलग टीम बनाकर बड़े पैमाने पर बोरियों से कोयला इकट्ठा किया जाता है और शाम होते ही चोरी के कोयले को फर्जी टीपी के सहारे बाया अनूपपुर बिलासपुर पेंड्रा और रायपुर के लिए रवाना किया जाता है जिसमें स्थानीय पुलिस की भूमिका संदिग्ध है साथ ही सीआईएसएफ की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। सूत्रों की माने तो थोड़ा-थोड़ा इकट्ठा करके करीब तीन से चार हाईवा कोयला स्थानिय कोल माफिया द्वारा प्रतिदिन अनूपपुर के रास्ते छत्तीसगढ़ रवाना किया जा रहा है जिस पर अनूपपुर पुलिस की भूमिका संदिग्ध है।
शेष जारी.. 2.0
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