डोला में भालू का आतंक –13 वर्षीय बच्ची पर हमला, वार्डवासी दहशत में
.....तो क्या बड़ी अनहोनी के बाद जागेंगे वन विभाग के अधिकारी
अनूपपुर/डोला - नगर परिषद डोला क्षेत्र में लगातार भालुओं का आतंक बढ़ता जा रहा है। आए दिन वार्डों में भालुओं के घुसने और लोगों पर हमला करने की घटनाएं सामने आ रही हैं। ताज़ा मामला वार्ड क्रमांक 4 का है, जहाँ रविवार सुबह करीब 4:45 बजे भालू ने 13 वर्षीय रागनी राजभर पर हमला कर दिया। घायल बच्ची को मनेन्द्रगढ़ अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उसके शरीर पर सात टांके लगे। फिलहाल उसका उपचार जारी है और परिवार भयभीत है।
वार्डवासियों में दहशत, रातें जागकर काटने को मजबूर
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि कई बार भालू रात में घरों में घुसकर तोड़फोड़ करते हैं और सामने आने पर हमला कर देते हैं। अब हालत यह है कि लोग अंधेरा होते ही घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं। वार्डवासियों का कहना है कि “हम रोज डर के साये में जी रहे हैं, ना बच्चों को सुरक्षित छोड़ सकते हैं, ना खुद चैन से सो पाते हैं।”
कई बार दी गई सूचना,फिर भी वन विभाग गहरी नींद में
नागरिकों ने कई बार वन विभाग के अधिकारियों और जिले के उच्च अधिकारियों को सूचना दी। यहाँ तक कि स्थानीय पत्रकारों ने भी बार-बार खबरों के माध्यम से प्रशासन को आगाह किया। इसके बावजूद वन विभाग सिर्फ़ आश्वासन देता रहा, लेकिन कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाया गया।
वार्ड पार्षद ने लिखा पत्र – “जनता को बचाइए”
वार्ड क्रमांक 4 की पार्षद श्रीमति प्रियंका सिंह ने वन विभाग को पत्र लिखकर निवेदन किया है कि नगर मे शाम होते ही भालुओं का आतंक बढ़ जाता है जिससे हमारे वार्ड सहित समुचा डोला नगर भालू के डर से भयभीत है जिसे तत्काल पकड़कर सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जाए, ताकि नगर के लोगों की जान-माल की रक्षा हो सके। पार्षद ने चेतावनी दी कि अगर जल्द कार्यवाही नहीं हुई तो जनता आंदोलन का रास्ता अपनाएगी।
आखिर कार कब तक चलेगा सीमा का खेल....?
गौरतलब है कि हर बार वन विभाग यह कहकर पल्ला झाड़ लेता है कि “भालू छत्तीसगढ़ से आ रहा है”, जबकि छत्तीसगढ़ का वन विभाग इसे मध्यप्रदेश का बता देता है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा का यह खेल आखिर कब तक चलेगा? जनता सवाल कर रही है कि प्रशासन कब जिम्मेदारी लेगा और कब शुरू होगा आदमखोर भालू का रेस्क्यू ऑपरेशन। स्पष्ट है कि डोला में वन विभाग और प्रशासन की लापरवाही के कारण जनता दहशत में जी रही है। यदि जल्द कार्यवाही नहीं हुई तो स्थिति और भयावह हो सकती है।
इनका कहना है।
भालू की संख्या ज्यादा है रेस्कीयू करने में दिक्कत होती है फिर भी हम रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारी को सौंपेंगे जल्द ही कुछ न कुछ निराकरण किया जाएगा।
विपिन कुमार पटेल
वन मंडल अधिकार अनूपपुर

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