किरर टोल प्लाजा पर फूटा ट्रांसपोर्टरों का गुस्सा, 5 घंटे तक बाधित रहा शहडोल-अमरकंटक मार्ग
प्रशासन की लापरवाही पड़ी भारी- गढ्ढों वाली सड़क पर वसूली का विरोध, यात्रियों को बांटने पड़े समोसे और पानी
इंट्रो -अमरकंटक मार्ग पर प्रशासनिक अनदेखी का खामियाजा मंगलवार को आम जनता को भुगतना पड़ा। किरर टोल प्लाजा पर बिना सड़क मरम्मत के की जा रही वसूली के खिलाफ पहले से चेतावनी दे चुके ट्रांसपोर्टरों का सब्र जवाब दे गया और दोपहर से मुख्य सड़क पर चक्काजाम कर दिया गया। नतीजा यह रहा कि करीब 5 घंटे तक बसों, ट्रकों और कारों के पहिये थमे रहे, यात्री बेहाल रहे और व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए।
अनूपपुर(प्रकाश सिंह परिहार)। शहडोल-अमरकंटक मुख्य मार्ग के किरर टोल प्लाजा पर मंगलवार को उस समय भारी अराजकता की स्थिति बन गई, जब नाराज ट्रांसपोर्टरों ने दोपहर 1 बजे से सड़क पर चक्काजाम कर दिया। सड़क की जर्जर हालत और बिना मेंटेनेंस के अवैध वसूली के विरोध में करीब 5 घंटे तक आवागमन पूरी तरह ठप रहा। हजारों यात्री, बसें और ट्रक जाम में फंसे रहे। अंततः एमपीआरडीसी (MPRDC) द्वारा टोल वसूली बंद करने के लिखित आश्वासन के बाद शाम को जाम खोला जा सका।
चेतावनी को हल्के में लेना पड़ा भारी
हैरानी की बात यह है कि ट्रांसपोर्टरों ने इस आंदोलन की लिखित सूचना कलेक्टर और एसडीएम पुष्पराजगढ़ को क्रमशः 2 दिसंबर और 17 दिसंबर को ही दे दी थी। ज्ञापन में स्पष्ट कहा गया था कि यदि 23 दिसंबर तक मांगों पर विचार नहीं हुआ, तो चक्काजाम किया जाएगा। बावजूद इसके, प्रशासन ने न तो कोई वैकल्पिक व्यवस्था की और न ही आंदोलनकारियों से पहले संवाद किया। नतीजा यह रहा कि घंटों तक आम जनता को परेशानी झेलनी पड़ी।
जर्जर सड़क और मौत के गढ्ढे, फिर भी वसूली जारी
ट्रांसपोर्टरों का आरोप है कि किरर घाट और पोंडकी में एमपीआरडीसी द्वारा लगाए गए टोल नाके पूरी तरह 'छलावा' हैं। सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं और शोल्डर नहीं भरे गए हैं, जिससे आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। बिना सड़क मरम्मत किए टोल वसूली को लेकर जनता में गहरा आक्रोश था।
जाम में फंसे बच्चों को खिलाया नाश्ता दिखा मानवीय चेहरा
जहाँ एक ओर टोल प्लाजा पर मूलभूत सुविधाओं जैसे पानी और शौचालय का अभाव दिखा, वहीं प्रदर्शनकारी ट्रांसपोर्टरों ने मानवीय मिसाल पेश की। जाम में फंसी बसों के बच्चों और महिलाओं को परेशान देख ट्रांसपोर्टरों ने खुद समोसे और पानी की बोतलें मंगवाकर वितरित कीं।
प्रशासन की सुस्ती और नोकझोंक
जाम लगने के तुरंत बाद कोतवाली टीआई अरविंद जैन पहुंचे, लेकिन मामला सुलझ नहीं सका। 3 घंटे बाद तहसीलदार और एसडीओपी पहुंचे, पर उनके पास कोई ठोस समाधान नहीं था। शाम को जब एसडीएम अनूपपुर और एमपीआरडीसी के एजीएम बी.एस. वास्कल पहुंचे, तब जाकर उच्च अधिकारियों से चर्चा के बाद निर्णय लिया गया की जब तक सड़क का 30 प्रतिशत मेंटेनेंस कार्य पूर्ण नहीं हो जाता, तब तक टोल नाके पर वसूली बंद रहेगी। शेष मरम्मत कार्य भी जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया गया है।
इनका कहना है
हमने अपने उच्चअधिकारियों से बात की जिसमें यह निर्णय लिया गया कि जल्द ही मेंटनेश कार्य पूर्ण कराया जायेगा साथ ही जब तक 30 प्रतिशत कार्य पूर्ण नही होता तब तक उक्त नाके में पैसे वसूली नही होगी।
बी.एस. वास्कल
एजीएम, एमपीआरडीसी
एमपीआरडीसी के अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिया गया है कि जल्द ही सडक़ के गढ्ढों का भराव कर सडक़ मरम्मत किया जायेगा तब तक नाके में वसूली रूकी रहेगी।
कमलेश पुरी
एसडीएम अनूपपुर
हमें किसी भी प्रकार की आंदोलन वाली सूचना नही थी सडक़ जाम करना गैर कानूनी है जिसमें कानूनी पक्ष के तहत कार्यवाही की जावेगी।
सुमित केरकेट्टा
एसडीओपी, अनूपपुर

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