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Thursday, December 25, 2025

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा अमृत भारत मिशन-बिजुरी स्टेशन बना विकास के नाम पर लूट का अड्डा



भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा अमृत भारत मिशन-बिजुरी स्टेशन बना विकास के नाम पर लूट का अड्डा



अमृत भारत योजना में भ्रष्टाचार का जहर घोल रहा ठेकेदार और अफसर- कायाकल्प में कमला कंस्ट्रक्शन का तांडव



6.29 करोड़ की योजना पर अधिकारियों की मूक सहमति से डाका, कमला कंस्ट्रक्शन की तानाशाही से जनता में भारी आक्रोश



इंट्रो -प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को जमीदोज करने और सरकारी खजाने को दीमक की तरह चाटने का खुला खेल बिजुरी रेलवे स्टेशन पर सरेआम खेला जा रहा है। 6.29 करोड़ की लागत से होने वाला स्टेशन का कायाकल्प अब भ्रष्टाचार का भेट चढ़ चुका है। बिलासपुर जोन के जिम्मेदार अधिकारियों की छत्रछाया में कमला कंस्ट्रक्शन ने रेलवे के एस्टीमेट को रद्दी का टुकड़ा समझकर कूड़ेदान में फेंक दिया है।​अंधेरगर्दी का आलम यह है कि जिस कार्य को फरवरी 2025 की समय सीमा में पूर्ण होकर जनता को समर्पित होना था वह आज ठेकेदार की कछुआ चाल और रेंगते निर्माण के कारण अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। जिम्मेदार अधिकारियों ने अपनी आंखों पर कमीशनखोरी की पट्टी बांध ली है जिसके कारण ठेकेदार बेखौफ होकर घटिया दर्जे के मटेरियल से स्टेशन की नींव कमजोर कर रहा है। समय सीमा बीत चुकी है लेकिन स्टेशन पर विकास की जगह विनाश और निर्माण की जगह भ्रष्टाचार का मलबा बिखरा पड़ा है। यह न केवल सरकारी पैसे का  दोहन है बल्कि देश की सबसे बड़ी संस्था रेलवे की साख पर वो गहरा जख्म है!


 प्रकाश सिंह परिहार की कलम से 


अनूपपुर/बिजुरी। रेलवे स्टेशन बिजुरी के कायाकल्प का सपना अब जनता के लिए दुख का कारण बनता जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की अमृत भारत योजना को बिलासपुर जोन के भ्रष्ट तंत्र ने भ्रष्टाचार की बलि चढ़ा दिया है। यहाँ विकास नहीं बल्कि सरकारी तिजोरी खाली करने की होड लगी हुई है। कमला कंस्ट्रक्शन बिलासपुर ने रेलवे के नियमों को अपनी जेब में रखकर घटिया निर्माण की जो इबारत लिखी है वह भविष्य में किसी बड़े हादसे की गवाही देगी।बिजुरी स्टेशन का यह निर्माण अब केवल ईंट-पत्थर का ढांचा नहीं रह गया है बल्कि यह बिलासपुर रेल मंडल की साख और ईमानदारी की परीक्षा है। यदि जांच व कार्रवाई नहीं हुई तो साफ संदेश जाएगा कि भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत ऊपर तक फैली हुई हैं।


एस्टीमेट के विपरीत निर्माण कार्य जारी 



रेलवे ने जो एस्टीमेट और मानक तय किए थे उन्हें ठेकेदार ने कूड़ेदान में फेंक दिया है। स्टेशन पर जो काम हो रहा है उसमें गुणवत्ता दूर-दूर तक नजर नहीं आती। घटिया रेत और नाममात्र की सीमेंट का घोल चढ़ाकर रेलवे की आंखों में धूल झोंकी जा रही है। यह निर्माण नहीं बल्कि भ्रष्टाचार का  मजाक है और चल रहे कार्यों पर अधिकारियों की कोई जिम्मेदारी ना दिखना वह भी किसी खुली छूट से कम नहीं है!


कमीशनखोरी के दलदल में धंसा तंत्र- क्यों चुप हैं रेलवे के साहब..?

इतनी बड़ी अनियमितता बिना विभागीय साठगांठ के मुमकिन नहीं है। आखिर क्या वजह है कि बिलासपुर जोन के जिम्मेदार अधिकारी इस घटिया काम पर आंखें मूंदे बैठे हैं? क्या अधिकारियों की मेज तक 'सुविधा शुल्क' पहुंच चुका है? जनता पूछ रही है कि एस्टीमेट की धज्जियां उड़ाने वाले इस ठेकेदार पर अब तक नकेल क्यों नहीं कसी गई?


 पेटी कॉन्ट्रैक्टर के भरोसे अमृत बना विष



 नगर की जनता सहित वहां लगे मजदूरों ने नाम ना बताने के शर्त में बताया कि उक्त कार्य किसी बिलासपुर के ठेकेदार द्वारा नहीं कराया जा रहा है यह कार्य चिरमिरी के ठेकेदार द्वारा पेटी कॉन्ट्रैक्टर में लेकर कराया जा रहा है इससे यह प्रतीत हो रहा है कि मुख्य ठेकेदार ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़कर काम को पेटी कॉन्ट्रैक्टरों के हवाले कर दिया है। ये पेटी कॉन्ट्रैक्टर सिर्फ अपना मुनाफा देख रहे हैं। साइट पर न कोई जिम्मेदार इंजीनियर रहता है और न ही कोई तकनीकी सलाहकार। ऐसा लगता है जैसे बिजुरी स्टेशन ठेकेदार को दान में दे दिया गया है।


 कछुआ चाल चल रहा कार्य फरवरी 2025 का लक्ष्य महज दिखावा



फरवरी 2025 की डेडलाइन टाइम लेकिन लास्ट दिसंबर 2025 में भी कार्य पूरा नहीं हो पाया है  और  ठेकेदार की सुस्ती बता रही है कि उसे प्रशासन का कोई खौफ नहीं है। कछुआ चाल से चल रहे इस कार्य ने आम जनता का जीना मुहाल कर दिया है। सरकार की मंशा थी यात्रियों को सुविधा देना लेकिन यहाँ तो ठेकेदार की मनमानी ने स्टेशन को नरक बना दिया है।


कागजों पर आधुनिक, जमीन पर जर्जर- सुरक्षा के साथ घोर खिलवाड़



अमृत भारत योजना के तहत जो ढांचा खड़ा किया जा रहा है वह पहली बारिश भी झेल पाएगा या नहीं इस पर भी बड़ा संदेश खड़ा हो रहा है  घटिया मटेरियल का इस्तेमाल, पुरानी दीवाल के ऊपर नई दीवार खड़ा कर निर्माण किया जाना यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ जैसा है। अब बात यह खड़ी हो रही है कि यदि यह स्टेशन मे कोई बड़ी घटना होती है तो क्या इसका दोष लेने के लिए रेलवे के अधिकारी सामने आएंगे?


सरकार की साख पर बट्टा लगाता भ्रष्ट गठजोड़

एक तरफ सरकार रेलवे के आधुनिकीकरण का ढिंढोरा पीट रही है, वहीं दूसरी ओर बिजुरी में बैठा भ्रष्ट तंत्र सरकार की छवि पर कालिख पोत रहा है। करोड़ों की बंदरबांट और गुणवत्ता से समझौते ने यह साबित कर दिया है कि यहाँ सिस्टम पूरी तरह से ठेकेदार के आगे घुटने टेक चुका है।


अब खामोश नहीं रहेगा बिजुरी की जनता

ठेकेदार और रेलवे के अधिकारियों की जुगलबंदी से हो रहे इस इस तरह के कार्य पर अब स्थानीय नागरिकों ने मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। यदि तत्काल उच्च स्तरीय जांच और घटिया काम को नहीं रोका गया तो यह मामला रेल मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचाने की तैयारी है। जनता मे भारी आक्रोश देखा जा रहा है जनता यह सवाल कर रही है कि क्या रेलवे बोर्ड को ठेकेदार की इस मनमानी की खबर नहीं है व घटिया मटेरियल की जांच के लिए अब तक सैम्पल क्यों नहीं लिए गए और निर्धारित समय से कार्य पूरा न होने पर आखिर ठेकेदार पर कार्यवाही क्यों नहीं जा रही है!

क्या कहती है जनता

अमृत भारत योजना क्षेत्र के लिए गौरव की बात है लेकिन निर्माडाधीन एजेंसी द्वारा इस तरह गुणवत्ता विहीन कार्य व तय समय सीमा पर कार्य न करना घोर लापरवाही को प्रदर्शित करता है इस तरह सिविल विभाग की लापरवाही और कमाई का जरिया बना लिया है। घटिया निर्माण की शिकायत डी.आर.एम रेल मंत्री और पी.एम.ओ से की जाएगी!

दीपक शर्मा- विधायक प्रतिनिधि

मानक स्तर को दरकिनार कर स्टेशन का जो ढांचा खड़ा किया गया है उसकी नींव इतनी कमजोर है कि वह पहली तेज बारिश भी न झेलने की संभावना है । पुरानी जर्जर दीवारों के ऊपर नई ईंटें रखकर अधिकारी किसकी सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं? हमें आधुनिक स्टेशन चाहिए मौत का चैंबर नहीं।

 राजा मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार 


आसपास ग्रामीण क्षेत्र के लिए रेलवे स्टेशन बिजुरी ही यात्रा के लिए इकलौती जगह है लेकिन अमृत - 2 के तहत चल रहे कार्य समय में ना पूरा होने से आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है साथ हि बिजुरी स्टेशन मे चल रहे कार्य  एस्टीमेट को दरकिनार करते हुए किया जा रहा है समय रहते गुणवत्ता की जांच होनी चाहिए इससे कोई घटना न हो सके!

 जीवन सिंह,जनपद अध्यक्ष कोतमा 

फरवरी 2025 की डेडलाइन बीत गई लेकिन स्टेशन आज भी किसी खंडहर जैसा दिखता है। हर जगह मलबा बिखरा है जिससे बुजुर्गों और बच्चों को चलने में दिक्कत होती है। ठेकेदार की मनमानी और अधिकारियों की चुप्पी यह बताने के लिए काफी है कि कमीशन का खेल बहुत ऊपर तक है।

रवि शुक्ला, यात्री


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