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Tuesday, December 9, 2025

पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में शहर का ट्रैफिक सुधरा, पर पूरे जिले में ओवरलोड वाहनों से बढ़ रहा मौत का खतरा



पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में शहर का ट्रैफिक सुधरा, पर पूरे जिले में ओवरलोड वाहनों से बढ़ रहा मौत का खतरा

कोयलांचल, जैतहरी, पुष्पराजगढ़, कोतमा,राजनगर, बिजुरी,वेंकटनगर, चचाई हर क्षेत्र में ओवरलोडिंग का आतंक

 आखिर इन कोयला,बलकर व फ्लाई ऐश, रेत, गिट्टी, मिट्टी ओवरलोड वाहनों पर कार्यवाही कब...?



इंट्रो- जिले भर में पुलिस अधीक्षक के सक्रिय, संवेदनशील और कुशल नेतृत्व से सामान्य यातायात व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार देखा जा रहा है। शहर की सड़कें जाम से मुक्त हो रही हैं, ट्रैफिक पुलिस की तैनाती बढ़ाई गई है और यातायात नियमों का पालन कराने में सख़्ती अपनाई जा रही है। इसका परिणाम यह हुआ है कि शहर में अनुशासित यातायात और सुगम आवागमन का सकारात्मक माहौल बना है, जिसकी जिलेभर में लोगों द्वारा खुलकर सराहना की जा रही है।लेकिन इस सुधार के बीच एक बड़ी और गंभीर समस्या पूरे अनूपपुर जिले के सिर पर मंडरा रही है यह समस्या है जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में धड़ल्ले से दौड़ रहे ओवरलोड कोयला, बलकर और फ्लाई ऐश लोड वाहन जो सड़क सुरक्षा, पर्यावरण और जनजीवन पर भारी खतरा बना हुआ हैं।


प्रकाश सिंह परिहार कि कलम से

अनूपपुर -जिले के कोयलांचल, जैतहरी,भालूमाडा, वेंकटनगर पुष्पराजगढ़ क्षेत्र में ओवरलोड वाहनों का आतंक जस का तस बना हुआ है। कोयला लदे हाइवा, भारी भरकम बल्कर और जैतहरी-मोजर बेयर से निकलने वाले फ्लाई ऐश ट्रक रात-दिन सड़कों पर ऐसे दनदनाते हैं मानो कानून इनके लिए बना ही न हो। हालत इतनी खराब है कि ग्रामीण इन ट्रकों को ‘चलता-फिरता यमराज’ कहने लगे हैं।कोयलांचल क्षेत्र की बात करे तो कई सड़कों की हालत बेहद जर्जर हो चुकी है भारी वाहनों के दबाव से सड़कें गहरी दरारों और गड्ढों में बदल गई हैं। लेकिन इन पर आज तक ना तो यातायात की नजर पड़ी और न ही आरटीओ विभाग में बैठे अधिकारी की नजर से कोसों दूर नजर आ रहे ओवरलोड वाहन!

कोयलांचल ही नहीं-पूरा जिला ओवरलोड वाहनों से त्रस्त

जिले का कोई भी प्रमुख क्षेत्र ओवरलोडिंग की मार से अछूता नहीं है चाहे वो अनूपपुर-कोतमा मार्ग, जमुना-कोतमा ओवरलोड कोयला वाहनों की भरमार, सड़क जर्जर, रात में तेज रफ्तार से बढ़ता हादसों का खतरावोही बात करें जैतहरी-मोजर बेयर क्षेत्र फ्लाई ऐश लोड वाहनों की कतारें, बिना कवर के परिवहन से धूल प्रदूषण चरम पर। पुष्पराजगढ़ का मार्ग असंख्य ओवरलोड डंपर, संकरी सड़कों को तोड़ते हुए ग्रामीणों के जीवन को जोखिम में डाल रहे हैं।बिजुरी-डोला-राजनगर -अमाडांड- जमुना साइडिंग ओवरलोडिंग के कारण खदानों के आसपास व सड़को पर लगातार दुर्घटनाएँ हों रही है! राज्य मार्ग की हालत ओवरलोड हाइवा व सड़क किनारे अवस्थित ढंग से खड़े ट्रकों की वजह से सबसे अधिक प्रभावित।जनता का कहना है कि जिले में जितनी समस्याएँ ओवरलोड वाहनों के कारण हैं उतनी किसी अन्य वजह से नहीं।


“यमराज बनकर दौड़ रहे वाहन”-जनता लगा रही घुहार

 हमारी टीम द्वारा जब शहर व ग्रामीण क्षेत्र में जाकर अलग-अलग प्रकार के लोगों से जब बात की तो यह बात प्रमुखता से निकल कर आया कि शहर का ट्रैफिक सुधारने के लिए पुलिस की मेहनत सराहनीय है मैरिज गार्डन के आसपास पार्किंग व्यवस्था न होने के वजह से विवाह का सीजन होने के कारण यातायात व्यवस्था डागम ढोल दिखाई दी लेकिन वही दूसरी ओर  ओवरलोड वाहनों के लिए मानो कोई कानून ही नहीं मनमानी ढंग से परिवहन किया जा रहा है!


ओवरलोड वाहनों पर RTO की चुप्पी

सड़कों पर मौत बनकर दौड़ रहे 'यमराज', कार्रवाई शून्य RTO की ढिलाई से बेलगाम हुए वाहन चालक, राजस्व को भी लग रहा चूना शहर और आस-पास की सड़कों पर क्षमता से अधिक माल ढोने वाले (ओवरलोड) वाहनों का आतंक दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है, लेकिन परिवहन विभाग (RTO) की ओर से इन पर कार्रवाई लगभग शून्य है। भारी-भरकम ट्रकों, डंपरों और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में नियमों को ताक पर रखकर माल भरा जा रहा है, जो न केवल सड़क सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है, बल्कि सरकारी राजस्व को भी भारी नुकसान पहुंचा रहा है।


परिवहन विभाग द्वारा नही की जाती ओव्हरलोड वाहनों की जाँच

एसईसीएल से कोयला ट्रांसपोर्ट के लिए ट्रांसपोर्टर द्वारा लगाए गए वाहनों को परिवहन के लिए जो कार्य दिया गया है उस टेंडर में स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है कि जिन कंपनियों के द्वारा  ट्रांसपोर्टिंग  की जाएगी उनमें ऊपर से त्रिपाल लगाई जाएगी लेकिन कालरी से कोयले परिवहन में लगे  ट्रांसपोर्टरो द्वारा बिना त्रिपाल कवर किये ही कोयले का परिवहन करते आ रहे हैं साथ ही 14 चक्के के वाहन में 18 चक्के के वेट का परिवहन किया जा रहा है और कुछ जगह में 18 चके की गाड़ी में 14 चके को लगा कर परिवहन किया जा रहा है जिससे कि बड़े-बड़े कोयले सड़कों में आए दिन गिरते रहते हैं और कुछ लोग इससे चोटिल भी होते रहते हैं।


ओवरलोड वाहनों से बढ़ती चुनौतियों

जिस प्रकार ओवरलोड हैवी वाहन परिवहन का कार्य कर रही है उससे जनता को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है कई ऐसी सड़कें है जो कुछ महीनों में ही टूट जाती हैं और वाहनों में ट्रिपाल न ढकने से धूल प्रदूषण से सांस संबंधी बीमारियाँ बढ़ रही हैं कम समय में ज्यादा परिवहन के लालच में हाईस्पीड के कारण लगातार दुर्घटनाएं भी सामने आ रही है साथ हि स्कूली बच्चों और दोपहिया वाहन चालकों पर जान का खतरा बना रहता है!

पूरे जिले में नाराजगी-जनता पूछ रही आखिर कार्रवाई कब....?

ओवरलोड व हाईस्पीड वाहनों के कारण हो रही दुर्घटना व बिना समय ही मृत्यु के शिकार हो जाने के वजह से जनता में आक्रोश  बढ़ता जा रहा है और जनता प्रशासन से सवाल कर रही है कि जब सामान्य ट्रैफिक पर इतनी सख्ती है तो ओवरलोड माफिया पर आखिर कार्यवाही कब होगा जिले में कई जगह से यह आरोप भी सामने आए हैं कि कुछ मार्ग जैतहरी से भालूमाडा ओसीएम गड्डे फीलिंग का कार्य करवाया जा रहा है फ्लाई ऐश लोड वाहन बेधड़क मनमानी ढंग से परिवहन कार्य किया जा रहा है लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इन ओवरलोड वाहनों को मौन संरक्षण प्राप्त है चेकिंग पॉइंट केवल कागजों तक सीमित हैं विभागीय समन्वय के अभाव में ओवरलोडिंग पर रोक नहीं लग पा रही है जो कहीं ना कहीं आए दिन दुर्घटनाओं का कारण बन रही है!

 संयुक्त कार्यवाही की उठ रही मांग

लगातार हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए सामाजिक संगठनों, व्यापारियों और ग्रामीणों ने  जिला प्रशासन से मांग कर रही है कि जीरो टॉलरेंस नीति लागू की जाए और ओवरलोड वाहनों पर सख्त कार्रवाई की जाये जिससे दुर्घटनाओं को रोकने के लिए चलाए जा रहे अभियान को और एक नई दिशा मिल सके!

 ओवरलोड वाहन ओ बंद-तब होगी सड़के सुरक्षित

जिले की सड़कें सुरक्षित तभी संभव है जब ओवरलोडिंग वाहन बंद होगी पुलिस अधीक्षक के निर्देश में शहर में कामयाबी मिली है।अब जनता की अपेक्षा है कि पूरे जिले को ओवरलोडिंग के आतंक से मुक्त कराने के लिए भी वही दृढ़ता दिखाई जाए। यदि समय रहते ओवरलोड वाहनों को रोक दिया गया तो उससे सड़क सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण, नागरिकों के जीवन की रक्षा आसानी से हो पाएगी!


इनका कहना है

 इस पूरे मामले को संज्ञान में लेकर इस पर भी कार्यवाही की जाएगी!

 मोतीउर्र रहमान

 पुलिस अधीक्षक अनूपपुर


इस विषय को लेकर आरटीओ अधिकारी सुरेंद्र सिंह गौतम के मोबाइल न.-9407399557 मे कई बार कॉल किया गया लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुआ!



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