मौत का डोला-कॉलरी व नगर परिषद की बड़ी लापरवाही
सड़क पर गड्ढे या गड्डे पर सड़क डोला तिराहा बना 'हादसों का अड्डा', हमेशा होते रहती है घटना
बिजुरी से मनेन्द्रगढ़ मार्ग पर स्थित डोला तिराहा की सड़क नहीं, बल्कि यह नगर परिषद डोला और कॉलरी प्रबंधन की घोर आपराधिक अनदेखी का खुला प्रमाण है। गहरे और चौड़े गड्ढों में तब्दील यह व्यस्त तिराहा हर दिन दुर्घटनाओं को न्योता दे रहा है। दोनों ही जिम्मेदार संस्थाओं की इस लापरवाही के कारण कभी भी कोई बड़ी जनहानि या सामूहिक दुर्घटना होने की आशंका प्रबल हो गई है और जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से पलडा झाड़ते दिखाई दे रहे हैं!
अनूपपुर ( प्रकाश सिंह परिहार)।बिजुरी-मनेन्द्रगढ़ मार्ग पर स्थित डोला तिराहा की सड़क नहीं, बल्कि यह नगर परिषद डोला और कॉलरी प्रबंधन की घोर आपराधिक लापरवाही का जीता-जागता प्रमाण बन चुका है। गड्ढों की वजह से जर्जर हो चुकी यह सड़क अब 'यमदूत' का काम कर रही है। इन दोनों जिम्मेदार संस्थाओं की मिलीभगत और अनदेखी ने क्षेत्र की जनता को मौत के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है, जिसके चलते किसी भी वक्त बड़ी घटना होने की आशंका पैदा हो गई है।
कॉलरी और नगर परिषद को क्या किसी 'बलिदान' का है इंतज़ार.....?
डोला तिराहा क्षेत्र से कॉलरी का भारी परिवहन गुजरता है, जिससे यह स्पष्ट है कि सड़क की बदहाली के लिए कॉलरी प्रबंधन सीधे तौर पर जिम्मेदार है, जिसकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह सड़क को दुरुस्त रखे। वहीं क्षेत्र के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और मार्ग को यातायात योग्य बनाए रखना नगर परिषद डोला का कानूनी दायित्व है।
जिम्मेदारों ने अपनी जिम्मेदारी से झारा पलरा
स्थानीय लोग बताते हैं कि जब भी वे शिकायत करते हैं, तो नगर परिषद कहती है कि यह कॉलरी क्षेत्र है और कॉलरी प्रबंधन कहता है कि यह नगर परिषद की सीमा में आता है। जिम्मेदारी को एक-दूसरे पर थोपने के इस 'खेल' में पिस रही है केवल आम जनता।
नजर अंदाज किए गए हादसे
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, पिछले दो महीने में डोला तिराहे पर छोटे-बड़े सैंकड़ो से अधिक हादसे हो चुके हैं, जिनमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इसके बावजू, न तो कॉलरी के उच्च अधिकारी और न ही नगर परिषद के अध्यक्ष/मुख्य नगरपालिका अधिकारी की नींद टूटी है।
बड़ी दुर्घटना का ख़तरा
भारी कोयला ट्रकों के गुजरने और गड्ढों के कारण अक्सर छोटे वाहन अनियंत्रित हो जाते हैं। स्थानीय निवासियों का डर है कि किसी भी दिन इन ट्रकों की टक्कर से कोई यात्री बस या कई दोपहिया वाहन चालक एक साथ शिकार हो सकते हैं, जिससे बड़ी जनहानि हो सकती है।वही स्थानीय नागरिकों का कहना है कि "नगर परिषद और कॉलरी प्रबंधन दोनों ने मिलकर इस सड़क को मौत का जाल बना दिया है। ये तब तक कार्रवाई नहीं करेंगे, जब तक यहा किसी गरीब की जान नहीं चली जाती। इनकी मिलीभगत से जानबूझकर ये अनदेखी की जा रही है।
कठोर कार्रवाई की मांग, आखिर कब चुप्पी तोड़ेंगे जिम्मेदार अधिकारी
स्थानीय जनता जिम्मेदार से मांग की है कि प्रशासन तत्काल प्रभाव से नगर परिषद डोला के पदाधिकारियों और कॉलरी प्रबंधन के जिम्मेदार अधिकारियों पर जनता की जान जोखिम में डालने और कर्तव्य में लापरवाही बरतने के लिए कठोर कानूनी कार्रवाई करे।
इनका कहना है
इस पूरे विषय को लेकर जिले के संवेदनशील कलेक्टर हर्षल पंचोली जी से फोन के माध्यम से संपर्क साधने का प्रयास किया गया लेकिन किसी कारणो बस कॉल नहीं उठा!
हमारे द्वारा सड़क बनाने हेतु फंड की डिमांड मंत्री व कलेक्टर महोदय से की गई है फंड सैंक्शन होते ही हमारे द्वारा सड़क बनवाई जाएगी साथ ही बड़े-बड़े गड्डो को हमारे द्वारा लेबलिंग करवाई जाती है लेकिन कॉलरी के कोयले लोड भारी ट्रक चलने से 24 घंटे में ही सड़क टूट जाती है!
राजेश मार्को
मुख्य नगर परिषद अधिकारी डोला
इस विषय में मैं नहीं बता पाऊंगा मैं अभी मीटिंग में हूं!
मनोज बिश्नोई
मुख्य महाप्रबंधक हसदेव क्षेत्र

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