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Tuesday, October 3, 2023

वन परिक्षेत्राधिकारी के शिकायत के बाद जांच टीम पहुंची थी जांच करने, महीनों बीतने के बाद भी कार्यवाही लंबित


वन परिक्षेत्राधिकारी के शिकायत के बाद जांच टीम पहुंची थी जांच करने, महीनों बीतने के बाद भी  कार्यवाही लंबित


 वनमंडला अधिकारी श्री प्रजापति मानसिक रूप से कर रहे हैं वन परिक्षेत्र अधिकारियों को प्रताड़ित, मुख्य वन संरक्षक से हुई थी शिकायत


 स्थिति बनी ज्यो कि त्यों,भर्रेशाही रवैया में वन मंडलाधिकारी, आखिर कहां अटकी जांच रिपोर्ट 


इंट्रो:- अनूपपुर जिले में वन मंडल अधिकारी के रूप में जब से एस.के प्रजापति की पदस्थापना हुई है तब से पूरे क्षेत्र की स्थिति परिस्थिति डागम डोल होते दिखाई दे रही है, चाहे खरीदी में भ्रष्टाचार का मामला हो या फिर वन परिक्षेत्र अधिकारियों को प्रताड़ित कर अनावश्यक दबावडाल कर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है हालांकि इसकी शिकायत मुख्य वन संरक्षक शहडोल के समक्ष सभी वन पर परिक्षेत्र अधिकारियों द्वारा किया गया जांच भी हुई लेकिन नहीं बदले साहब के तेवर और स्थित ज्यो का त्यों बनी हुई है! खरीदी मामले में भी सरकारी धन का उपयोग करना साहब के लिए आम बात हो चुकी है ऐसा प्रतीत हो रहा है कि रिटायरमेंट की रिकवरी करने के उद्देश्य से अनूपपुर का पदभार ग्रहण करने के बाद से ही अपनी मनमानी रवैया अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर दबाव बनाते हुए भ्रष्टाचार कर ठेकेदार के साथ मिली भगत कर मालामाल होने की फिराक पर है यदि समय रहते उच्च अधिकारियों द्वारा रोक लगाने का कार्य नहीं किया गया तो आने वाले समय में पूरे मत का दुरुपयोग होना आम बात लगेगी!


शहडोल:-वन मंडल अनूपपुर में जनवरी 2023 से पदस्थ वन मंडल अधिकारी  एस.के. प्रजापति द्वारा निरंतर अपनी पदस्थापना के उपरांत शासन के नियमों के विरुद्ध अपने पद का दुरुपयोग करते हुए वन मंडल अनूपपुर में पदस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों पर अनावश्यक रूप से दबाव बनाकर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है जिसमे कृषि में उपयोग होने वाली प्रतिबंधित कीटनाशक दवाइयों की लगभग 15 लाख की खरीदी नियम विरुद्ध की गई एवं अधीनस्थ वन अमले पर उक्त दवाइयों के छिड़काव को जंगल में करवाने हेतु अनावश्यक दबाव बनाया गया प्रतिबंधित कीटनाशक दवाइयां की जंगल में क्या उपयोगिता है यह बेहद गंभीर संधिगता से परिपूर्ण व भ्रष्टाचार का मामला है। इस तरह वन मंडलाधिकारी द्वारा लगातार भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है और सरकारी राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है!

यह था मामला 

मुख्य वन संरक्षक शहडोल के समक्ष सभी वन परिक्षेत्र अधिकारियों द्वारा लिखित आवेदन देते हुए बताया कि वन मण्डल अनूपपुर अन्तर्गत पदस्थ हम समस्त वन परिक्षेत्राधिकारी अत्यधिक विषम परिस्थिति में विवश होकर श्रीमान् को सूचित कर रहे हैं कि श्री एस. के. प्रजापति, वन मण्डलाधिकारी अनूपपुर के द्वारा पिछले कुछ माह से हम सभी वन परिक्षेत्राधिकारियों के विरुद्ध अनावश्यक पत्राचार किया जा रहा है। साथ ही अनैतिक व अनुचित कार्यों के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है। हमारे द्वारा निष्ठापूर्वक शासकीय कर्तव्यों का निर्वहन किया जा रहा है, किन्तु वन मण्डलाधिकारी अनूपपुर द्वारा क्षेत्रीय प्रवास एवं समीक्षा बैठक के दौरान द्वारा हमारे ऊपर लापरवाही का आरोप तथा सार्वजनिक रूप से अशोभनीय, अनुचित व अपमानजनक शब्दों का प्रयोग कर मानसिक प्रताड़ना कि जा रही है।


 शासकीय कार्यों का निर्वहन करने में हो रही कठिनाइयों

 श्री प्रजापति की पदस्थापना के बाद से ही अपने अधीनस्थ कर्मचारी व वन परिक्षेत्र अधिकारियों पर जिस तरह दबाव बनाया जा रहा था जिसकी जानकारी वन परिक्षेत्र अधिकारियों द्वारा मुख्य वन संरक्षक के सामने  समय-समय पर मौखिक रूप से अवगत कराया गया है, किन्तु अब वन मण्डलाधिकारी अनूपपुर द्वारा दी जा रही अत्यधिक प्रताड़ना के कारण उनके अधीनस्थ रहकर शासकीय कर्तव्यों व दायित्वों के निर्वहन में अत्यधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी विषम परिस्थिति के कारण उत्पन्न मानसिक एवं अनुचित दबाव में हम सभी परिक्षेत्राधिकारी के साथ कोई भी अप्रिय घटना घट सकती है।


जांच उपरांत भी स्थिति ज्यो कि त्यों

 वन परिक्षेत्र अधिकारियों की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए जांच टीम द्वारा जांच की गई थी लेकिन महीनो बीत जाने के बाद भी स्थिति  ज्यो कि त्यों बनी हुई है और सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वन मंडल अधिकारी द्वारा अपने भर्रे शाही रवैय्या अपनाते हुए भ्रष्टाचार की इबारत सहित दबाव बनाने का लगातार किया जा रहा है जांच टीम द्वारा महीने भर पहले जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों के समस्त देने के बाद भी आगे की कार्यवाही न होना कहीं न कहीं भ्रष्टाचार को बढ़ावा सहित मानसिक बताना के लिए खुली छूट दे रखें है अधिकारी  जिस कारण मामले को ठंडे बस्ते के हवाले करते हुए मानसिक प्रताड़ना करने हेतु वनमंडलाअधिकारी को खुली छूट दे रखे हैं जिम्मेदार!


 मामला ठंडे बस्ते के हवाले, भ्रष्टाचार की भी हुई थी शिकायत

 वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा की गई शिकायत पर जांच टीम द्वारा जांच की गई लेकिन महीनो बीत जाने के बाद भी आज तक किसी भी प्रकार का उच्च अधिकारियों द्वारा नहीं लिया गया जो कहीं ना कहीं वन मंडल अधिकारी की ऊंची पकड़ को दर्शाता खरीदी में किए गए भ्रष्टाचार की भी शिकायत होने के बाद भी जांच उपरांत कार्रवाई न होना उच्च अधिकारियों द्वारा खुली छूट देने के बराबर है साथ ही सभी क्षेत्रों में कार्य प्रभावित हो रहे हैं और वन मंडलाअधिकारी अपने रवैया से बात आते नहीं दिखाई दे रहे हैं!


इनका कहना है

इस विषय में जांच टीम द्वारा जांच की गई है जो भी कारवाही होनी है भोपाल से होना है इस विषय पर पूरी बात न सुनकर अधिकारी द्वारा कॉल काट दिया गया और फिर पुनः फोन रिसीव नहीं किया  गया!

 एल.एल उइके

 मुख्य वन संरक्षक  शहडोल



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