वाहन स्वामी के नाम पर बनाया गया फर्जी एग्रीमेंट, बदल दिए गए आरोपी....
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक से होगी शिकायत, दमोह से गिरफ्तार हो सकता है वाहन स्वामी
शहडोल: लगभग डेढ़ माह पहले यातायात एवं कोतवाली पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा कार्यवाही करते हुए बलपुरवा बाइपास के समीप से अवैध शराब का जखीरा जप्त करने की कार्यवाही की गई थी। अवैध शराब का जखीरा बुढार से जबलपुर की ओर जा रहा था मौके से वाहन चालक पुलाट सिंह को फरार बताया जा रहा था,वंही वाहन स्वामी व किस ठेकेदार द्वारा शराब की खेप जबलपुर भेजी जा रही है उसकी तलाश जारी थी किंतु ठेकेदार द्वारा स्वयं एवं अपने कथित रिश्तेदार वाहन स्वामी को बचाने के लिए स्थानीय पुलिस से सांठगांठ कर कूट रचना करते हुए ना सिर्फ फर्जी एग्रीमेंट करा कर जालसाजी की गई अपितु रातों-रात कोतवाली शहडोल में बंद नाबालिक वाहन चालक को बदलकर वाहन चालक के स्थान पर दूसरे व्यक्ति को शराब तस्करी के मामले में जेल भेज दिया गया। वही ठेकेदार द्वारा आबकारी विभाग से भी सांठगांठ कर शराब के बैच नंबर की जांच भी दबा दी गई इतना ही नहीं ठेकेदार द्वारा अब एक बार पुनः पूरे क्षेत्र में शराब की तस्करी जोरों से की जा रही है।
ठेकेदार ने की जालसाजी..
मामले की भनक शहडोल के मीडिया संगठन को लगने के बाद शहडोल के पत्रकारों ने इस बात पड़ताल शुरू की तो पड़ताल में ठेकेदार द्वारा स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर पेश किए गए फर्जी एग्रीमेंट समेत अन्य दस्तावेज हाथ लगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार ठेकेदार दादा पहले वाहन चालक कुल आठ सिंह को कोतवाली में सरेंडर कराया गया साथ ही वाहन का एग्रीमेंट ₹50 के स्टांप में वाहन चालक के नाम पर कराकर मामले से रफा-दफा करने की तैयारी कर ली गई वही सरेंडर कराए गए वाहन चालक के नाबालिग होने पर एक रात कोतवाली में रहने के बाद स्थानीय पुलिस से सांठगांठ कर आरोपी बदलकर दूसरे आरोपी के नाम पर एग्रीमेंट कराया गया। इतना ही नहीं ठेकेदार के गुनाह जिस कर्मचारी के सर पर थोप कर उसे जेल की कालकोठरी के हवाले कर दिया गया उसके परिवार को 10 दिन में जमानत का हवाला ठेकेदार द्वारा दिया गया था। वही इसके अलावा स्थानीय पुलिस द्वारा शराब के बैच नंबर की जांच की बात कही जा रही थी जो भी समय के साथ ठंडे बस्ते में डाल दी गई शिकायतकर्ता पत्रकार द्वारा बताया गया कि उक्त जालसाजी बुरहार के लाइसेंसी ठेकेदार अजय यादव द्वारा की गई है।
ठेकेदार पर दर्ज होगा 420 का मुकदमा?
जिस प्रकार ठेकेदार द्वारा स्वयं को बचाने के लिए फर्जी दस्तावेज और आरोपी बदल कर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया गया है उस पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा किंतु अवैध शराब तस्करी के साथ-साथ ठेकेदार ने अब स्वयं को जालसाजी का मुजरिम भी बना लिया है तो देखना यह भी होगा कि उक्त मामले में ठेकेदार का साथ देने वाले स्थानीय पुलिस पर क्या कार्यवाही की जाती है।
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