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Sunday, January 10, 2021

बिना सीपीसीटी किये अंगद के पांव के भांती जमे अहिरवार मामला ईएसआई हाॅस्पिटल अमलाई का



 बिना सीपीसीटी किये अंगद के पांव के भांती जमे अहिरवार मामला ईएसआई हाॅस्पिटल अमलाई का 

(प्रकाश सिंह)

अनूपपुर/अमलई- शहडोल जिले के अन्तर्गत ओपीएम में स्थित ईएसआई हांस्पिटल के जिम्मेदारो ने यहां खुली लूट मचा रखी है या कहें तो वेलागम हांस्पिटल में भर्रेसाही का आमल है सू़त्रो के मुताबिक ईएसआई हाॅस्पिटल में राज्य बीमा सेवा के तहत कर्मचारियों को इलाज की सुविधा मुहैया कराई जाती है। लेकिन इस हांस्पिटल में चाहे दवाई खरीदी का मामला हो या फिर अनुकंम्पा नियुक्तियों का हो ष्षासन के गाईड लाइन के विपरित ही होता नजर आता है। आपको बता दे की इस हांस्पिटल में सहायक ग्रेड-3 मे पदस्थ  राजेन्द्र अहिरवार को उनके पिता भोला प्रसाद जो की  चतुर्थ श्रेणी में कार्यरत थे। जिनकी मृत्यु के बाद उनके पुत्र को अनुकम्पा नियुक्ति 5 सितम्बर 2014 को ईएसआई हांस्पिटल अमलाई ओपीएम में किया गया और ष्षासन के नियम ष्षर्ते यह थे कि आपको 3 साल के अन्दर सीपीसीटी का रिजल्ट ष्षासन के समाने प्रस्तुत करना हैं। लेकिन आज लगभग ढाई साल होने जा रहा हैं। राजेन्द्र अहिरवार ने कम्प्यूटर से संबंधित डिप्लोमा ष्षासन को प्रस्तुत नही किया। जिससे यहां अनुमान लगया जा सकता हैं कि ढाई साल से इनकी नियुक्ति फर्जी तरीके से सहायक ग्रेड-3 पदस्थ है। 

 यह था पूरा मामला 

भोलाप्रसाद चतुर्थ श्रेणी का षासकीय सेवा में हुए दिनांक 25 मार्च 2013 को निधन होने से उनके पुत्र राजेन्द्रप्रसाद अहिरवार को विभागान्तर्गत सहायक ग्रेड-3 के पद पर संचालनालय के आदेष क्रमांक/स्था./अवि./2014 दिनांक 05 सितम्बर 2014 द्वारा अनुकंपा नियुक्ति इस षर्त पर प्रदान की गई थी की वह सामान्य प्रषासन विभाग  के ज्ञाप दिनांक 18 अगस्त 2008 के अनुसार एक वर्ष की समयावधि में हिन्दी मुद्रलेखन परीक्षा उत्तीर्ण करेंगें। तद्नुसार अहिरवार द्वारा दिनांक 11 सितम्बर 2014 को कार्यभार ग्रहण किया गया। लेकिन इसके पष्चात् ष्षासन के द्वारा इनकों नोटिस के माध्यम से अवगत कराया गया था कि राजेन्द्र  अहिरवार की प्रथम नियुक्ति दिनांक 11 सितम्बर 2014 अनुसार चार वर्ष की समयावधि दिनांक 10 सितम्बर 2018 को पूर्ण हो चुकी हैं। इसके बावजूद भी इन्होंने षासन को ठेगा दिखाते हुऐ सहायक ग्रेड-3 में जामे हुऐ है। 

ष्यह था षासन का आदेष

संचालनालय, इंदौर द्वारा पत्र क्रमांक 6349 दिनांक 13 सितम्बर 2015 श्री अहिरवार को जारी कर अवगत किया गया कि षासन द्वारा हिन्दी मुद्रलेखन के स्थान पर सीपीसीटी परीक्षा अनिवार्य की गई है अतः तद्नुसार निर्धारित अवधि में सीपीसीटी अर्हत अनिवार्यतः अर्जित करना सुनिष्चित करे। तत्पष्चात् पुनः पत्र दिनांक 03 अगस्त 2017 जारी कर सीपीसीटी अर्हता अर्जित कर प्रमाण-पत्र निर्धारित अवधि में प्रस्तुत करने बाबद् निर्देषित किया गया, यादि आपके द्वारा सीपीसीटी अर्हता अर्जित नही की जाती है तो आपकी अनुकंपा नियुक्ति समाप्त कर दी जायेगी। 

 इनका कहना है 

 हां इनकी षिकायत भी हुई है और अनुकम्पा नियुक्ति उनकी डिग्री को देखते हुऐ दिया गया था और शाशन के नियमानुसार 3 साल का समय पीजी के लिये दिया गया था। पर उनका समयनुसार नही हुआ तो उनको नोटिस भी जारी किया गया था। लेकिन उनके निवेदन दिया गया था। कि बच्चे का केंसर  इलाज चल रहा है। अब जो भी  निर्णय लेगा वह संचालनायल ही लेगा। 


डाॅ.डी.के गौटिया

उपसंचालक ईएसआई जबलपुर





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