मध्यप्रदेश शासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाते नगरीय प्रशासन विभाग शहडोल के कर्मचारी व अधिकारी
तिवारी जी की महती कृपा से छोटे तिवारी जल्द ले सकते है सीएमओ का प्रभार
इंट्रो:- मध्यप्रदेश शासन द्वारा माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा नगर पंचायत बनाने की घोषणा की गई थी जिससे युवाओं में भारी उत्साह व रोजगार को लेकर विशेष अवसर मिलने की खुशी व्याप्त थी जैसे ही ग्राम पंचायत से नगर पंचायत में जिले के अंतिम छोर में स्थित नगर पंचायत डोला बनगवा व डूमर कछार में चोरी-छिपे कुछ तथकथित नेताओं की संलिप्तता के आधार पर बाहरी लोगों को भर्ती कर स्थानीय लोगों को दरकिनार करते हुए मुख्यमंत्री के आदेश को अहवेलना कर व नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से अपने रिश्तेदारों व चाहेतो को भर्ती करा कर यहां के गरीब व आदिवासी रहवासियों के साथ छल कर उनके अधिकारों पर डाका डालने का कार्य किया जा रहा है मगर दुर्भाग्य की बात यह है कि मध्य प्रदेश शासन के मुखिया के आदेशों को दरकिनार करते हुए उनके अधीनस्थ कर्मचारी अपने मनमानी तरीके से अपने चहेते व रिश्तेदारों को पैसे व रसूख के दम पर भर्ती करा स्थानीय लोगों को ठेंगा दिखाकर यह जाहिर कर दिया "की पैसा बोलता है" सारे शासन के आदेशों को दरकिनार करते हुए फाइल, शासन के आदेशों को बंद कर धूल खाने के लिए रख दिया गया है। साथ ही पूरे भर्ती में तिवारी जी की महत्वपूर्ण भूमिका व छोटे तिवारी को सीएमओ बनाने के चक्कर में "किसी के बने नाथ किसी को किया अनाथ" और तिवारी जी रातो-रात हो गए मालामाल।
अनूपपुर(प्रकाश परिहार):- मध्यप्रदेश के अंतिम छोर में बसा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के नाम से जाना जाने वाला जिला अनूपपुर में नवनियुक्त नगर पंचायत डोला बनगवा डूमरकछार में लगातार भर्ती के नाम पर वहां के रहवासियों व स्थानीय लोगों को दरकिनार करते हुए बाहरी क्षेत्र के व्यक्तियों को पैसे के दम पर कराया जा रहा भर्ती वहां के रहवासियों व सूत्रों की माने तो यह जाहिर होता है इस भर्ती व संविलियन घोटाले में करोड़ों का वारा न्यारा कर वहां के स्थानीय गरीब आदिवासी युवाओं के अधिकारों का हनन कर बाहरी व्यक्तियों की भर्ती कराई गई है जो कि मानवीय दृष्टिकोण से बहुत ही भाव हीनता की परिभाषा को परिभाषित करता है जो कि यह भर्ती घोटाला बहुत ही बड़ा मानवीय संवेदनाओं को आहत पहुंचा रहा है उसके बावजूद भी निरंतर आंदोलन हुआ शिकवा शिकायत के बाद भी नगरीय प्रशासन के कर्मचारी व तिवारी जी की महिमा से चुप्पी साध भ्रष्टाचार के चरम को पार करते हुए शासन के आदेशों को दरकिनार करते हुए अपनी पूंजीपति तवे की रोटी सेकते हुए अपने करीबियों को नौकरी दिलाने में सफल हो रहे हैं आखिरकार ऐसी कौन सी मजबूरी है जो इन भ्रष्ट अधिकारियों के ऊपर नकेल कसने में प्रशाशन नाकामयाब दिख रही है।
स्थानीय आदिवासियों के साथ किया गया छल...
नगर पंचायत बनगवा डूमरकछार डोला में नगर परिषद के द्वारा किए जा रहे कर्मचारियों की भर्ती शासन प्रशासन के नियम विरोध कराया जा रहा है क्योंकि मध्य प्रदेश शासन के मुखिया द्वारा जब नगर पंचायतों की घोषणा की गई थी उनके द्वारा एक आदेश पारित किया गया था वह कहा गया था कि सभी नगर पंचायतों में वहां के ग्राम पंचायतों में जो कर्मचारी कार्यरत हैं वहीं कर्मचारियों की नियुक्ति नगर पंचायत में की जाएगी आवश्यकता पड़ने पर स्थानीय रहवासियों को प्राथमिकता दी जाएगी मगर यहां पर नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा शासन के आदेशों को बंद फाइल में रखकर दरकिनार करते हुए अपने मनमानी तरीके से अपने भाई व रिश्तेदार व रसूखदार नेताओं के चहेते को पैसों के दम पर नौकरियां दिलाई गई व भर्ती कराई गई जो कि यह प्रश्न चिन्ह उठता है आखिरकार मध्य प्रदेश शासन के मुख्यमंत्री के आदेशों की अवहेलना करने की जुर्रत इन अधिकारियों में कैसे आई व स्थानीय आदिवासी युवाओं के साथ छल कर बाहरी युवाओं को भर्ती कराने में आखिरकार कहीं न कहीं स्थानीय नेताओं का हाथ होना बताया जा रहा है।
यह दुनिया है काला बाजार की पैसा बोलता है....
जब अधिकारियों से इस भर्ती के विषय में मीडिया द्वारा लगातार चर्चा की जा रही है तो उनके द्वारा हमेशा एक ही जवाब आता है आप शिकायत करिए हम इस पर जांच करेंगे यह मामला हमारे संज्ञान में नहीं है तब मीडिया द्वारा निरंतर विगत कई माह से अखबार पत्राचार के माध्यम से खबरें प्रकाशित की गई और स्थानीय वहां के रहवासियों द्वारा निरंतर उच्च अधिकारियों के पास शिकायत की गई वह आंदोलन किया गया फिर भी उच्च अधिकारियों द्वारा हमेशा एक ही उत्तर मिलता है इस प्रकार की कोई भी जानकारी हमारे पास नहीं है आखिरकार यह अधिकारी इस मामले पर किस प्रकार मानने को तैयार होंगे कि यहां पर भर्ती घोटाला किया गया है व तीनों नगर पंचायतों की जिम्मेदारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी को दी गई है जिन से कई बार मीडिया द्वारा पूछा गया तो उनका एक ही रटा रटाया जवाब होता है कि मुझे यह के एक कुर्सी की भी जानकारी नहीं है इनके इस जवाब से ऐसा प्रतीत होता है कहीं ना कहीं इस घोटाले में इनका भी सरोकार है क्योंकि इतने बड़े इतने बड़े जिम्मेदार पद पर बैठे हुए अधिकारी कहते हैं मुझे किसी भी चीज की जानकारी नहीं है जो कि इनके द्वारा उत्तर देना कहीं ना कहीं संदेह प्रद स्थिति से अवगत कराता है की इनके द्वारा भर्ती घोटाला किया गया है।
इनका कहना है:-
आपके माध्यम से मामला संज्ञान में आया है आप शिकायत भेजें मैं दिखवाता हूं।
राजीव शर्मा
कमिश्नर संभाग शहडोल
No comments:
Post a Comment