कप्तान के जीरो टाॅलरेन्स पर थाना प्रभारी लगा रहे बट्टा
मंझा और साथियों ने सोनटोला में शुरू किया अवैध रेत का खनन
इंट्रो:-शहडोल जिला जीरो टाॅलरेन्स पर है। निष्चित रूप से स्थानीय स्तर पर पुलिस कर्मियों की कमाई पर कप्तान श्री गोस्वानी के प्रभार लेने के बाद से बट्टा लगा हुआ है। लेकिन लोकल स्तर पर गोहपारू थाना क्षेत्र अंतर्गत रात के अंधेरे पर रेत खदान संचालन स्थानीय पुलिस की सांठ-गांठ से जमकर चर्चे में बनी हुई है।
शहडोल(टीम-डेस्क):- जहां एक ओर पुलिस कप्तान अवधेष गास्वानी की कार्यप्रणाली ने जन-जन का मन मोह लिया है इसमें कोई संदेह नहीं कि कप्तान की नजरों में अवैध गतिविधि आयेगी उस पर न सिर्फ अंकुष लगेगा अपितु सारथी बन गोस्वामी षिवराज के बुलडोजर को माफिया के घर का रास्ता भी दिखा सकते हैं। किन्तु कहावत यह भी है कि एक मछली पूरे तालाब को गन्दा कर देती है इसलिए समय रहते ऐसी मछली को तालाब से बाहर निकाल फेंकना भी वरिष्ठ अधिकारियों की जिम्मेदारी होती है। अवैध रेत उत्खनन पर पुलिस अधीक्षक एवं एडीजीपी शहडोल द्वारा ऐतिहासिक कार्यवाही की गई थी। तब से बीते 24 अप्रैल तक अवैध रूप से खनन लगभग बन्द था। या यूँ कहें कि खनन कारोबारियों को साहब के स्थानांतरण का इन्तेजार है। लेकिन 24 के बाद वैध खदान ठेकेदार ने भले ही अवैध खनन की हिम्मत न जुटा पाया लेकिन स्थानीय पुलिस की सांठ-गांठ से खनिज के लिए रेकी लगाकर सोनटोला में खनन का कारोबार प्रारम्भ हुआ।
ऐसे संचालित हो रही खदान -
शहडोल जिले के गोहपारू थाना क्षेत्र अंतर्गत जहां बीते वर्ष ग्राम पंचायत की खदान संचालित थी, वंषिका कंपनी के काम लेने के बाद से खदान का संचालन पूर्णतः बन्द है। लेकिन 24 अप्रैल की रात थाने के सामने मुख्य मार्ग में स्थानीय पुलिस और कथित मंझा नामक शराबी और उसके साथी सन्तू को एक ऐसा आष्वासन मिला कि 24-25 की दरम्यिानी रात से लगभग 03 दर्जन टेªक्टर एवं आधा दर्जन डग्गी रात के अंधेरे में सोनटोला पहुॅची जिसमें करार यह हुआ कि प्रति डग्गी 3000/- रू0 मंझा महराज को देना होगा जिसमें 1500/- रू0 स्थानीय साहब को कार्यवाही न करने के लिए दिये जायेंगे और फिर क्या कारोबार बाखूबी फलने-फूलने लगा।
कार्यवाही में अक्षम प्रतीत हुए साहब...
26 अप्रैल की शाम जब मामले की जानकारी हमारी टीम को लगी तो मामले के संबंध में हमारी टीम ने थाना प्रभारी गोहपारू डी.एस. पाण्डेय से दूरभाष में सम्पर्क साधा। पहले तो साहब इस खनन से अंजान बने रहे, लेकिन जब साझेदारी की जनचर्चा की बात साहब से कही गई तो साहब ने न सिर्फ मंझा महाराज को पहचान लिया बल्कि उसकी आदतें भी बता डाली। यही नहीं साहब ने बताया कि विभिन्न चैराहों पर रेकी, मुखबरी की वजह से कार्यवाही नहीं हो पा रही है। बीते दिनों उन्होने दबिष दी थी लेकिन मौके में गाड़ियां नहीं मिली।
जीरो टाॅलरेन्स में बट्टा....
जीरो टाॅलरेन्स का इतना भय कि माफियाओं ने कप्तान को महाकाल का नाम दे दिया। अब महाकाल का इतना भय है कि कुछ ने दो नंबर का धन्धा बन्द कर दिया तो कुछ ने साहब की अन्यत्र पदस्थापना तक शहडोल ही छोड़ दिया। कुछ तो शहडोल, अनूपपुर छोड़ रीवा और जबलपुर अपना डेरा लेकर बस गये। लेकिन इस बीच नये माफियाओं का उदय होना कहीं न कहीं यह दर्षाता है कि स्थानीय पुलिस की सह मिली होगी वरना बड़े-बड़े माफियाओं का हौंसला जहां पस्त हो चुका है वहां यह नये माफिया कैसे पनपने लगे। निष्चित तौर पर इसकी भनक कप्तान को नहीं है, अन्यथा अब तक कप्तान ने मामा के बुलडोजर का मुख गोहपारू की तरफ मोड़ दिया होता।
इनका कहना है -
सोनटोला खदान हमें आवंटित है किन्तु खदान का संचालन नहीं किया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर रेत चोरी की जानकारी प्राप्त हो रही है, इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों एवं खनिज विभाग के संज्ञान में मामला लाया जायेगा।
अजीत जादौन, जी.एम. वंषिका ग्रुप शहडोल।
जानकारी संज्ञान में है, कार्यवाही की जावेगी। यह आरोप कि हमारी अथवा पुलिस की साझेदारी है पूर्णतः गलत है। हम मौके पर गये थे, गाड़ियां नहीं मिली, मंझा महाराज शराबी है, उसकी गाड़ी मिलेगी तो हम तो राजसात कराने की कार्यवाही करेंगे।
डी.एस. पाण्डेय, थाना प्रभारी गोहपारू।
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