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Tuesday, January 10, 2023

मुख्यमंत्री के "भ्रष्टाचार मुक्त मध्यप्रदेश" के सपनों में पानी फेरता दिखाई दे रहा नवगठित नगर परिषद बनगवा



मुख्यमंत्री के "भ्रष्टाचार मुक्त मध्यप्रदेश" के सपनों में पानी फेरता दिखाई दे रहा नवगठित नगर परिषद बनगवा

अध्यक्ष,सीएमओ और ठेकेदार के मिलीभगत से लिखा जा रहा भ्रष्टाचार का इबारत


सप्लाई,निर्माण और जेम पोर्टल से क्रय सामानों की भौतिक सत्यापन से हो सकता है करोड़ों के भ्रष्टाचार का उजागर


इंट्रो:- एक ओर प्रदेश के मुखिया भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकने की बात कही जाती है वहीं दूसरी ओर अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार करने के नए-नए तरीके ढूंढ सरकारी पैसे का दोहन करने का कार्य किया जाता है, एक ओर प्रदेश के मुखिया "भ्रष्टाचार मुक्त मध्यप्रदेश"की परिकल्पना कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अनूपपुर जिले के नवगठित नगर परिषद बनगवा मे जेम पोर्टल के माध्यम से ठेकेदार के साथ सांठगांठ कर भ्रष्टाचार को अंजाम देने का कार्य किया जा रहा है, जिसकी शिकायत के बाद जांच उपरांत अनियमितता पाई गई जो कहीं न कहीं बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता दिखाई दे रहा है, समय रहते प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान द्वारा इस तरह के भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी व शामिल ठेकेदार के ऊपर कार्यवाही करते हुए जेल भेज देना चाहिए, जिससे भ्रष्टाचारियों के  मन में भय का माहौल बना रहे और भ्रष्टाचार को रोका जा सके!


अनूपपुर(प्रकाश सिंह परिहार):- नवगठित नगर परिषद बनते ही गुणवत्ता विहीन सामग्री क्रय एवं निर्माण कार्य में लीपापोती व अनियमितता मामले को लेकर नगर में चर्चा का विषय बना रहता है कि अधिकारी, ठेकेदारों के साथ साठगांठ कर ठेकेदारी का कार्य किया जा रहा है जिसमें मुख्य रुप से नगर के दो मुख्य ठेकेदारों के नाम आते रहते हैं! जिसका जीता जागता उदाहरण बीते दिनों नपा उपाध्यक्ष सहित कुछ पार्षदों द्वारा मुख्य कार्यपालन यंत्री के समक्ष शिकायत की गई जिसमें जांच उपरांत अनियमितता पाई गई जो भ्रष्टाचार को प्रदर्शित करता है इसी तरह यदि वार्ड क्र.-11पार्षद विकास प्रताप सिंह उर्फ विक्की सिंह द्वारा की गई शिकायत  जिसमे नगर परिषद बनने के बाद निर्माण एवं जेम पोर्टल के माध्यम से लिए गए सप्लाई और स्टोर साहित आये समानो की भौतिक सत्यापन उच्च अधिकारियों द्वारा विधिवत जांच की गई तो एक बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा सहित कई भ्रष्टाचारियों के चेहरे सामने आ सकते हैं जो लगभग 4 से 5 करोड़ हो सकता है!


पूर्व मे सीएमओ द्वारा निर्माण,सामग्री क्रय एवं सेवा कार्य में की जा रही अनियमित्ताओ की जांच कराने संबंध कि गई शिकायत - विकास प्रताप सिंग(पार्षद)

नगर परिषद बनगवा के मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ दिलाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से सामग्री क्रय की खंडशः फाइल बनाई जा रही है जोकि शासन द्वारा प्रतिबंधित है एवं निर्माण संबंधी कई कार्य ऐसी भी हैं जिन्हें मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा कमीशन की मोटी रकम के लिए अपने चहेते ठेकेदारों को बिना टीएस के ही करवा लिया जाता है और बाद में सेटिंग के माध्यम से अपने चहेते ठेकेदार को यह काम एलॉट करा दिया जाता है। ताकि उसमें प्रतिस्पर्धा ना हो सके जिसके फल स्वरूप नगर में कई जगह पर गुणवत्ता विहीन कार्य देखने को मिल रहा है एवं इसी प्रकार सेवा कार्यों को भी खंडित करके अपने चहेते ठेकेदारों को मोटी कमीशन की रकम के लिए अनैतिक लाभ दिलाया जाता है। ऐसे समस्त सेवा कार्य और समस्त निर्माण कार्यों के गुणवत्ता की जांच कराने एवं 1 अप्रैल 2022 से जितने भी सामग्री क्रय की गई है उनकी जांच कराने एवं अति आवश्यक भुगतान छोड़कर समस्त भुगतान पर तत्काल रोक लगाने कि माँग कि गई है जिसमें मुख्य कार्यपालन अधिकारी नगरीय प्रशासन शहडोल द्वारा सीएमओ को पत्र जारी करते हुए 01अप्रैल 2022 से दिनांक 06-01-2023 तक समस्त नस्तियों की सत्यापित छायाप्रति बिल व्हाउचर सहित कार्यालय में 3 दिवस के अंदर उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया यदि उक्त जांच नस्तियों के आधार पर भौतिक सत्यापन कराया गया तो लगभग 4 से 5 करोड़ के भ्रष्टाचार खुलने की संभावना हो सकती है!

 नपा उपाध्यक्ष सहित पार्षदों ने की थी शिकायत

नवगठित नगर परिषद बनगवा खरीदी एवं निर्माण कार्य में गुणवत्ता विहीन समान और जेम पोर्टल के माध्यम से ठेकेदार के साथ मिलकर सरकारी पैसे को लूटने का कार्य किया जा रहा है जिसका जीता जागता उदाहरण बीते दिनों जेम पोर्टल से सामग्री क्रय हेतु आमंत्रित निविदाओं में योजनाबद्ध तरीके से की जा रही अनियमितताओं की शिकायत नपा उपाध्यक्ष सहित वार्ड क्र.-11,4 और 3 के पार्षद द्वारा 3 जनवरी को मुख्य कार्यपालन यंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास संभाग शहडोल के समक्ष की गई जिसमे जेम पोर्टल के माध्यम से किए जा रहे समस्त सामग्री क्रय जैसे केमिकल संबंधी विद्युत संबंधी वेकिल माउंटेड फॉगर ट्रैक्टर ट्रॉली झूले जैसी और समस्त क्रय जो जेम पोर्टल द्वारा किए जा रहे हैं या उनका टेंडर जेम पोर्टल मे लगाया जा रहा है उन समस्त टेंडरों में अपने किसी चहेते ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसे नियम विरुद्ध कंडीशन डाले जाते हैं। जिससे कि प्रतिस्पर्धा न हो सके और अपने चहेते ठेकेदार को इसका लाभ दिलाया जा सके एवं कमीशन कि मोटी रकम प्राप्त किया जा सके इस प्रकार योजनाबध्द तरीके से यह टेंडर जेम पोर्टल में लगाए जाते हैं। जो कि भ्रष्टाचार एवं वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है जिसका पत्र आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल के पत्र दिनाँक 6/8 /2022 का भी उल्लंघन है।शिकायत के बाद मुख्य कार्यपालन यंत्री द्वारा नस्तिया उपलब्ध कराने हेतु आदेशित किया गया जिसमे जेम के 13 नस्तियां उपलब्ध कराई गई जांच उपरांत टेंडरों में भारी अनियमितता पाया गया जो कहीं ना कहीं यह दर्शाता है कि अध्यक्ष सहित अधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत से सरकारी खजाने को खाली करने की तैयारी की जा रही थी!


टेंडर निरस्त कर, अनियमितता मामले में 7 दिवस के अंदर मांगा जवाब 


 शिकायत पश्चात नस्तियों की जांच की गई जिसमे म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग के पत्र क्रमांक / 2022-23 / 87 भोपाल, दिनांक 06.08.2022 तथा म०प्र० नगर पालिका (लेखा एवं वित्त) नियम 2018 के नियम 91(a) (ii) का पालन नहीं किया गया है जिसमे स्पष्ट उल्लेख है कि 1 लाख से अधिक एवं राशि रू 10 लाख तक सामग्री अथवा निर्माण कार्य का प्राक्कलन अधिक परिचालन वाले एक हिंदी समाचार पत्र में किया जावेगा। साथ ही विद्युत तार क्रय में उल्लेखित सामग्री की बिड जारी नहीं किया जाकर खण्डशः नस्तियां तैयार कर जैम पोर्टल के माध्यम से कांट्रैक्ट आर्डर तैयार किये गये हैं जो कि म०प्र० नगर पालिका (लेखा एवं वित्त ) नियम 2018 में उल्लेखित नियमों की धारा 86 एवं 93 के विपरीत है तथा म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग के पत्र क्रमांक / 2022-23/87 भोपाल, दिनांक 06.08.2022 की कंडिका 5 का उल्लंघन है। सोलर लाईट क्रय की तकनीकी स्वीकृति प्राप्त नहीं किया जाकर टेंडर जारी किये गये हैं। साथ ही जैम पोर्टल पर जारी समस्त टेंडरों को निरस्त करते हुये किया गया अनियमितता  म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 92 तथा म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 एवं म.प्र. नगर पालिका सेवा (कार्यपालन) नियम 1973 के नियम के विपरीत है जिसमे अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया जाने कि बात कहते हुये मुख्य नपा अधिकारी से 7 दिवस के अंदर जवाब मांगा गया है!



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