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Thursday, March 2, 2023

संवेदनशील कलेक्टर को हस्तक्षेप करने की है जरूरत, अवैध प्लाटिंग पर रोक लगाने एसडीएम व राजस्व अमला हो रहा नाकामयाब



संवेदनशील कलेक्टर को हस्तक्षेप  करने की है जरूरत, अवैध प्लाटिंग पर रोक लगाने एसडीएम व राजस्व अमला हो रहा नाकामयाब

चूड़ी वाले ने वार्ड क्रमांक 7 में कि अवैध रूप से की प्लाटिंग, राजस्व अमला आखिर क्यों बना मूकदर्शक

 कोतमा नगर पालिका क्षेत्र सहित नेशनल हाइवे से सटे ग्राम अवैध प्लाटिंग के लिए भू माफियाओं का बना चारागाह


इंट्रो:- एक ओर प्रदेश के मुखिया अवैध कार्यों में रोक लगाने की बात कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर अनूपपुर जिले के कोतमा तहसील अंतर्गत इन दिनों राजस्व विभाग के मनमानी रवैया या यह कहना भी गलत नहीं है कि राजस्व विभाग के संरक्षण से नियम विरुद्ध तरीके से भू माफियाओं का चारागाह बनता जा रहा कृषि एवं बिना डायवर्शन भूमि में अवैध प्लाटिंग का खेल! राजस्व विभाग को जानकारी होने के बाद भी इन पर कार्यवाही न करना कई सवालों को जन्म देता है ऐसे में कैसे होगा प्रदेश के मुखिया के सपने साकार, और कब अवैध प्लाटिंग सहित अवैध कब्जे पर लगेगा रोक या फिर भू माफियाओं को मिलेगा अभय दान, शासन को राजस्व का लगता रहेगा चूना!

अनूपपुर(प्रकाश सिंह परिहार):- ज़िले के सबसे बड़े व्यवसायिक केंद्र माने जाने वाले कोतमा नगर पालिका क्षेत्र में इन दिनों भू-माफिया और अवैध प्लाटिंग कर लोगों को छल करने वाले गैंग का आतंक तेजी से बढ़ चला है। कोतमा राजस्व विभाग की अनदेखी ने भू माफियाओं को संरक्षण दे रखा है। बिना परमिशन अवैध प्लाटिंग कर नियम को धता बताकर अवैध प्लाटिंग का कार्य कर रहे हैं। कोतमा और आसपास क्षेत्रों में नगरपालिका के नामचीन भू माफिया इन दिनों सक्रिय हैं। कोतमा नगर पालिका के राजस्व विभाग की कथित सांठगांठ से जारी अवैध तरीके से बिना नगर पालिका के राजस्व विभाग की परमिशन के बगैर घरों का निर्माण किया जा रहा है। कोतमा मुख्य सड़क के समीप स्थित खेतिहर भूमि को पहले तो नगर पालिका से सांठगांठ कर उसमें अवैध तरीके से सड़क का निर्माण कर दिया गया और अब उस पर अवैध प्लाटिंग कर बेचने की फिराक में है। 

बगैर अनुमति प्लाटिंग और निर्माण कार्य

 कोतमा शहर से लेकर गांव तक अनुमति के बगैर जमीन की अफरा तफरी को अंजाम दिया जा रहा। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के बिना कई एकड़ खेती वाली जमीन भी बेची जा रही है। वार्ड क्रमांक 7 में चूड़ी के व्यवसाई द्वारा अपनी खेतिहर भूमि पर अवैध तरीके से बिना परमिशन के प्लॉटिंग कर डायवर्सन की भूमि को खंड खंड कर बेचा जा रहा है जो कि नियमों के बिल्कुल विपरीत है।हाल ऐसा है कि क्षेत्रीय नेताओं की मिलीभगत से खेत के मध्य से पहले तो शासकीय सड़क का निर्माण कराया गया और अब सड़क निर्माण के बाद जमीन के दाम आसमान पर चढ़ने पर उसे बिना परमिशन अवैध तरीके से बेचा जा रहा है। वोही दूसरी ओर वार्ड क्र.-7 में नेशनल हाईवे के बगल से लगभग 3 एकड़ की भूमि  दलालों और व्यवसाई द्वारा अपनी खेतिहर भूमि पर अवैध तरीके से बिना परमिशन के प्लॉटिंग कर डायवर्सन की भूमि को खंड खंड कर बेचा जा रहा है जो कि नियमों के बिल्कुल विपरीत है। सरकार से टैक्स की चोरी कर राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से प्रशासन को चूना लगाने का काम किया जा रहा है। 


वार्ड क्र. 07 में प्राइवेट भूमि पर बना दी शासकीय सड़क

मुख्यमंत्री शिवराज चौहान की मंशा है कि किसी भी प्रकार की अवैध प्लाटिंग कर अवैध कॉलोनियों का निर्माण किसी भी क्षेत्र में न हो जिसके लिए हाल ही में नगर पालिका अध्यक्ष के साथ बैठक लेकर शिवराज ने इसकी घोषणा की थी लेकिन कोतमा में इसके विपरीत वार्ड क्रमांक 7 में खसरा क्रमांक 561 में प्राइवेट भूमि को सांठगांठ कर क्रय विक्रय हेतु नगर पालिका द्वारा प्राइवेट भूमि के मध्य से सड़क का निर्माण कर दिया गया जिससे उस सड़क के कारण भूमि का मूल्य बढ़ गया है और वहां अवैध प्लाटिंग कर ग्राहकों को महंगे दर पर कृषि की भूमि निर्माण हेतु बेची जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब तक बिना कलेक्टर के अनुमति के डायवर्शन भूमि पर तीन प्लाट को प्लाटिंग कर बेच दिया गया है बताया जाता है कि उक्त भूमि का मालिक सब्जी मंडी के बगल से चूड़ी का व्यवसाई है जिसका ऊपर तक पकड़ है जिस कारण से किसी भी प्रकार की कार्यवाही कोतमा के राजस्व विभाग द्वारा नहीं की जा रही है वही नगरपालिका के कुछ सफेदपोश नेताओं ने मोटी रकम लेकर संरक्षण देने का काम किया है। जबकि डायवर्सन भूमि को बिना कलेक्टर की अनुमति के क्रय विक्रय नहीं किया जा सकता है फिर भी वह माफियाओं और राजस्व के अधिकारी कर्मचारियों की सांठगांठ से बिना अनुमति के यह संभव हो रहा है।


 संवेदनशील कलेक्टर के हस्तक्षेप की उठ रही मांग 

 कोतमा व आस पास के नेशनल हाइवे से सटे ग्राम में इन दिनों कृषि भूमि में भू माफियाओं व दलालों की नजर टिकी हुई है पैसों का लालच दिखाकर सकरी भू माफियाओं द्वारा किसानों की भूमि को ओने पौने दाम में खरीद कर या फिर एग्रीमेंट कर टुकड़ों में बेचने का कार्य किया जा रहा है शासन के बिना अनुमति के हो रहे अवैध प्लाटिंग व बिना डायवर्जन के भूमि विक्रय करने से राजस्व की हानि शासन को पहुंच रही है, जानकारी के अनुसार राजस्व विभाग के अधिकारियों से सांठगांठ कर भू माफियाओं द्वारा अवैध प्लाटिंग का खेल धड़ल्ले से खेला जा रहा है जिसमें अखबारों एवं शिकायत होने के बाद भी इन पर जांच हुआ कार्यवाही नहीं की जाती ऐसी परिस्थिति में क्या अवैध प्लाटिंग से हो रहे राजस्व की हानि को बचाने में राजस्व अमला फेल होते दिखाई दे रहा है तो क्या ऐसे परिस्थिति में जिले के संवेदनशील कलेक्टर भू-माफियाओं और नियम विरुद्ध अवैध प्लाटिंग करने वालों पर करेंगे कारवाही या फिर इसी तरह धड़ल्ले से चलता रहेगा अवैध प्लाटिंग का खेल!



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