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Thursday, May 11, 2023

वार्ड क्र.-08 मगरदहा टोला में रेरा एवं कॉलोनाइजर एक्ट के नियमों की धज्जियां उड़ाते इकलाख ने किया अवैध प्लाटिंग



वार्ड क्र.-08 मगरदहा टोला में रेरा एवं कॉलोनाइजर एक्ट के नियमों की धज्जियां उड़ाते  इकलाख ने किया अवैध प्लाटिंग


लगभग 1 एकड़ कृषि भूमि में अवैध प्लाटिंग कर बिना डायवर्सन रजिस्ट्रार की सेटिंग से बेच दिया भूमि


 नियमों के विपरीत अवैध प्लाटिंग करने वालों पर कब होगी कानूनी कार्रवाई

इंट्रो:-कोतमा क्षेत्र में इन दिनों भू माफियाओं का जलजला देखने को मिल रहा है चाहे अवैध प्लाटिंग हो या फिर खेतिहर भूमि में बिना डायवर्जन टुकड़े टुकड़े में जमीन बेचने का कार्य हो या फिर आवंटन की भूमियों के रजिस्ट्री का खेल हो, सारे खेल में माहिर सफेदपोश नेताओं के संरक्षण में भू माफियाओं द्वारा राजस्व को क्षति पहुंचाते हुए अधिकारियों एवं रजिस्ट्रार के साथ सांठगांठ कर जमीन खरीदी विक्रय का खेल खेला जा रहा है हालांकि समय-समय पर समाचार पत्रों एवं पीड़ित पक्षों द्वारा कोतमा के अधिकारियों से लेकर कलेक्टर, कमिश्नर साहित राजस्व मंत्री मुख्यमंत्री के पास शिकायत कर न्याय की आस लगाए बैठी है, लेकिन वह माफियाओं के रसूख के आगे राजस्व अमला मूकदर्शक बन संरक्षण देने का कार्य कर रहा है!


कोतमा:-अनूपपुर जिले के कोतमा तहसील अंतर्गत एन एच बनने के बाद से भूमियों की कीमत में बढ़ोतरी होने से कोतमा क्षेत्र में भू माफियाओं की नजर कृषि भूमि में पढ़ चुकी है, भू माफियाओं द्वारा पैसों का लालच देते हुए  किसानों की भूमि कम दाम में खरीद कर व स्टांप  के माध्यम से लिखा पढ़ी कर टुकड़े टुकड़े में प्लाटिंग कर पटवारी से सेटिंग करते हुए बिना डायवर्सन के ही राजस्व को हानि पहुंचाते हुए बिक्री का खेल खेला जा रहा है जिससे शासन को करोड़ों के राजस्व की क्षति पहुंच रही है! साथ ही पटवारी प्रतिवेदन व रजिस्ट्रार द्वारा एक ही खतरा की भूमि को टुकड़े-टुकड़े में बेचना नियमों को तिलांजलि देते हुए भू माफियाओं के साथ सांठगांठ को प्रदर्शित करता है राजस्व की हानि व भू माफियाओं में कारवाही की मांग शिकायत के माध्यम से कई बार उच्च अधिकारियों तक की जा चुकी है!


 वार्ड क्र.-08 मगरदहा टोला में इकलाख की अवैध प्लाटिंग

 नपा कोतमा के वार्ड क्रमांक 8 मगरदहा टोला में इकलाख नामक व्यक्ति द्वारा लगभग 1 एकड़ क़ृषि भूमि में टुकड़े टुकड़े में अवैध प्लाटिंग कर बिक्री का खेल राजस्व महकमा एवं रजिस्ट्रार की सेटिंग से बेचते हुए रजिस्ट्री करवा दिया गया अब बात क्या खड़ी हो रही है कि एक ही खसरा को कई भूखंड में बेचने के लिए रेरा एवं कॉलोनाइजर की परमिशन की जरूरत पड़ती है लेकिन कोतमा क्षेत्र में भू माफियाओं द्वारा रजिस्टर के साथ सांठगांठ कर जमीन के बिक्री का खेल अकेला जा रहा है बिना डायवर्शन भूमि विक्रय व कॉलोनी परमिशन ना होने के बाद भी जमीन का रजिस्ट्री होना शासन को कई करोड़ों की चपत लगाने के बराबर होती है! जिसकी उच्च अधिकारियों द्वारा भू माफियाओं के साथ सांठगांठ करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों पर जांच कराकर कार्रवाई करने की मांग नगर की जनता द्वारा किया जा रहा है!


 शासन को पहुंच रही करोड़ों की छती

 बिना परमिशन व डायवर्शन के बिना रेरा नियमों के विपरीत कॉलोनी का डेवलप करना कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है इन दिनों कोतमा क्षेत्र में भू माफियाओं का एक गिरोह सक्रिय होकर रेरा एवं कॉलोनाइजर नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए मनमानी ढंग से राजस्व एवं रजिस्ट्रार से सेटिंग करते हुए एक ही खतरा नंबर की भूमि को टुकड़े टुकड़े में प्लाटिंग के माध्यम से बेचते हुए शासन को करोड़ों के राजस्व की क्षति पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है हालांकि संवेदनशील कलेक्टर के मामला संज्ञान में आने के बाद कुछ जगहों पर अवैध प्लाटिंग को पर कार्यवाही की गई लेकिन उसके बाद भी वार्ड क्रमांक 8 मगरदहा टोला में इकलाख द्वारा की गई अवैध प्लाटिंग प्रशासन की नजर नहीं पड़ी और धड़ल्ले से प्रशासन के नाक के नीचे अवैध प्लाटिंग कर बिक्री का खेल खेला जा रहा है!


बगैर अनुमति प्लाटिंग और निर्माण कार्य

 कोतमा शहर से लेकर गांव तक अनुमति के बगैर जमीन की अफरा तफरी को अंजाम दिया जा रहा। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के बिना कई एकड़ खेती वाली जमीन भी बेची जा रही है। वार्ड क्रमांक 8 मगरदा टोला में बिना डायवर्शन व कॉलोनीइजर के परमिशन के बिना टुकड़े टुकड़े में बेचकर भू माफियाओं द्वारा करोड़ों कमाया गया सरकार से टैक्स की चोरी कर राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से प्रशासन को चूना लगाने का काम किया जा रहा है।


 भू माफियाओं को संरक्षण देने वाले अधिकारियों पर आखिर कार्यवाही कब...?

आजकल कोतमा नगर में कही कोई भी मिट्टी तथा मुरम की सड़कें डलवा कर वहां भूखंड काट देता है,जबकि कॉलोनी में न तो विद्युत पोल होते हैं,न कोई पार्क,पेयजल की व्यवस्था,मंदिर, और न ही टीएनसीपी से अनुमति ली जा रही है।यह सब कुछ राजस्व विभाग को भी नजर आता है लेकिन अवैध कॉलोनाइजर से सुविधा शुल्क लेकर उन पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं करते हैं और न ही ये  प्रकरण को अधिकारियों के संज्ञान में लाते है।ऐसे में फिर यदि यह कहा जाए कि अवैध कॉलोनियां राजस्व विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों की सरपरस्ती में ही काटी जाती हैं तो अतिश्योक्ति नहीं होगी...?बात अगर कानून की करें तो अवैध प्लाटिंग की जानकारी होते हुए भी इसकी अनदेखी करने वाले अधिकारी-कर्मचारी भी धारा 339सी के प्रावधानों के अनुसार दंड के भागीदार होते हैं।ऐसे में कहीं न कहीं प्रशासनिक अधिकारी अभी भी इन भू माफियाओं को अभयदान दे रहे हैं।



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