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Friday, June 7, 2024

पर्दे के पीछे छुपे सफेदपोश और कॉरपोरेट भूमाफियाओं पर आखिर कब होगी कार्यवाही...



गोहपारु में अवैध प्लाटिंग को अंजाम दे रहा है भूमाफियाओं को कलेक्टर की कार्यवाही और आदेश का भी नहीं भय 


 कॉर्पाेरेट, सफेदपोस, रसूखदार और जनप्रतिनिधियों की खाल में छिपे भू माफिया एक लंबे अरसे से शहडोल में बड़े पैमाने पर जमीन की खरीद फरोख्त कच्ची प्लाटिंग जमीनों पर अवैध कब्जा जैसे मामलों को अंजाम दे रहे हैं यही नहीं ऐसे कारोबारियों ने आईपीसी के विभिन्न धाराओं के तहत जालसाजी, धोखाधड़ी, अवैध कब्जे जैसे अपराधों को भी अंजाम दिया है और फर्श से अर्श तक का सफर तय कर आज रसूखदार व्हाइट कलर समाजसेवी का चोला ओढ़े हमारे समाज में मौजूद हैं इन पर भी कार्यवाही की आवश्यकता है। ऐसे कारोबारी में कुछ जिले के संभ्रांत व्यापारी,जनप्रतिनिधि कुछ समाजसेवी आदि शामिल है।

रिजवान खान

शहडोल। अवैध प्लाटिंग पर लगाम कसने की कलेक्टर शहडोल तरुण भटनागर ने तैयारी कर ली है लगाम कसने के इस सिलसिले में कलेक्टर द्वारा अवैध प्लाटिंग मामले में भू-स्वामियों को जवाब तलब किया गया है बावजूद इसके जिला मुख्यालय से महज 20 कि.मी. दूर गोहपारू में सफेद पोस भूमाफियाओं का अवैध प्लाटिंग का सिलसिला जारी है, बताया जाता है कि कानूनी दांवपेंचों का इस्तेमाल करते हुए गोहपारू तहसील क्षेत्र अंतर्गत रीवा रोड मुख्य मार्ग से जुड़े हुए विभिन्न स्थान पर रसूखदार सफेदपोश माफिया द्वारा गुर्गों को आगे कर अवैध प्लाटिंग को अंजाम दिया जा रहा है। इतना ही नहीं जिन अवैध प्लाटिंग पर पूर्व में पाबंदी लगाई गई थी उसके इर्द गिर्द भी भूमाफियाओं की नजर है और भू माफियाओं द्वारा उन जमीनों को भी खुर्द करने का प्रयास किया जा रहा है। 



सफेदपोस माफिया हावी 

प्राप्त जानकारी के अनुसार गोहपारू के शुक्ला ढाबा के आसपास रीवा रोड में खन्नौदी के समीप गोहपारू बाजार से थोड़ा आगे एवं अन्य स्थानों पर बड़े पैमाने पर सफेद पोस माफिया द्वारा जमीन की खरीद फरोख्त की जा रही है इतना ही नहीं माफियाओं द्वारा किसानों को बरगलाकर उन्हें सामने रखते हुए पावर ऑफ अटर्नी अथवा रजिस्टर्ड एग्रीमेंट के आधार पर जमीन बिक्री की जा रही है ताकि यदि भविष्य में कभी कार्यवाही की गाज गिरे भी तो किसान पर और सफेद पोस माफिया और उनके गुर्गे पूर्णतया सुरक्षित रहें। यह ऐसे सफेदपोस माफिया हैं जो समाज में कॉलर ऊंचा करके इज्जतदार और समाजसेवी जिंदगी जीते हैं लेकिन इनका मूल काम अवैध प्लाटिंग बड़े पैमाने पर राजस्व की चोरी करते हुए भूमि की खरीद फरोख्त होती है।



फर्स से अर्स तक का सफर 

संभागीय मुख्यालय के विकास के साथ-साथ भूमाफियाओं ने निजी विकास की इतनी बड़ी गाथा लिख डाली कि इसका अंदाजा आम आदमी नहीं लगा सकता इसमें ऐसे भी माफिया हैं जो कभी डेढ़ हजार की नौकरी करते थे आज डेढ़ सौ करोड़ से अधिक की संपत्ति उनके पास है तो ऐसे भी माफिया शामिल हैं जो कहने को तो जमीन के दलाल स्वयं को बताते हैं लेकिन दलाली की आड़ में जमीनी एग्रीमेंट कर कर बेचने का बड़े पैमाने पर कार्य कर रहे हैं।

राजस्व को लगाया चूना

जब कोई कॉलोनी डेवलप की जाती है तो रेरा पंजीयन से लेकर मकान के विक्रय अथवा प्लाट के विक्रय तक हर मामले में भूमि स्वामी को शासन प्रशासन को राजस्व देना होता है इतना ही नहीं पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भूखंड का बड़ा हिस्सा वृक्षारोपण गार्डन डेवलपमेंट करने के लिए छोड़ा जाता है लेकिन इसके विपरीत कच्ची अवैध प्लाटिंग कर गोहपारु में सैकड़ो प्लाट बेचे गए जिनमे विधिवत जांच की जाए तो बड़े पैमाने पर रसूखदार भूमाफियाओं पर कार्यवाही हो सकती है। जमीन की खरीद फरोक में सफेद पोस्ट भू माफिया हर हद तक गिरने को तैयार हैं कई बार तो मानवता और कई बार इंसानियत को दरकिनार कर भी अवैध प्लाटिंग के इस सिलसिले को सफेद पोस माफिया अंजाम देते हैं। 


जेल सजा का है प्रावधान 

नियम अनुसार अवैध प्लाटिंग मामले में अवैध कॉलोनाइजर की श्रेणी में रखते हुए अपराध पंजीबद्ध करने का प्रावधान है राजस्व अधिकारी अथवा जिला कलेक्टर जांच उपरांत संबंधित थाने को एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्राचार कर सकते हैं। सजा के प्रावधान के बाद भी भू माफियाओं के हौसले इसलिए बुलंद है क्योंकि वह माफिया अपने गुर्गे अथवा वास्तविक भू स्वामी किसान को सामने रखकर अवैध प्लाटिंग के इस  कारोबार को अंजाम देते हैं, बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग करते हुए सफेद पोस माफियाओं ने करोड़ों की संपत्ति अर्जित की इतना ही नहीं इन भूमाफियाओं का शिकार जिंदा तो दूर मुर्दा भी हुए खैर यह एक अलग मसला है जिसकी चर्चा अगले अंक में की जाएगी लेकिन समय रहते यदि भूमाफियाओं पर जांच और कार्यवाही नहीं की गई तो इनके बढ़ते मनोबल शासकीय राजस्व और खजाने के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं।

इनका कहना है 

शुक्ला ढाबा के आसपास जो प्लाटिंग आपके द्वारा बताई जा रही हैं उन पर विक्रय करे पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है,कलेक्टर सूची में उल्लिखित अवैध प्लाटिंग का जिक्र क्यों नहीं है इसकी जानकारी मुझे नहीं है।

लक्ष्मण पटेल 

तहसीलदार, गोहपारू तहसील, शहडोल


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