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Thursday, April 15, 2021

शासकीय भूमि, जंगल की भूमि, निजी भूमि का भू-माफियाओं का जारी है अवैध प्लाटिंग का खेल

 


शासकीय भूमि, जंगल की भूमि, निजी भूमि का भू-माफियाओं का जारी है अवैध प्लाटिंग का खेल

राजस्व अधिकारियों सहित कई पर लगे मिलीभगत के आरोप-ट्रांसफर के बाद भी नही हुए पटवारी रिलीफ

सफेदपोश नेताओं के सह पर जंगल विभाग आदिवासी की भूमि पर किया जा रहा है प्लाटिंग



इन्ट्रो- एक अर्से से भू-माफिया कोतमा मुख्यालय में सक्रिय है कही शासकीय भूमि को लेकर  तो कही आदिवासीयों की भूमि में  प्लाटिंग को लेकर जानकारों का मानना है कि  इन भू-माफियों पर सफेद पोश नेताओं का सफेद साया है जिसकी बजह से आज तक उन पर कोई कार्यवाही नही हो सकी हाल ही में एक शिकायत उक्त मामले में हुई है। शिकायतकर्ता की शिकायत के बाद भी कोतमा में ऐसी कई भूमियों  है जिन पर पूंजीपतियों का अधिपत्य बना हुआ है जिसके बाद भी राजस्व विभाग हाथ पर हाथ रखे बैठा है वही  सरकार एक ओर अतिक्रमण हटाने पर इस कदर उतारू है कि गरीबों के घरौंदे भी अछूते नहीं रहे और पूंजीपतियों के खेल इस कदर प्रभावी कि रसूखदारो के रसूख के आगे प्रशासन मौन दिखाएं दे रहा है।

अनूपपुर(प्रकाश परिहार):- जिले के कोतमा तहसील अंतर्गत कई भूमियों का अवैध प्लटिंग किया जा रहा है जिनमें से कुछ भूमि शासकीय तो कुछ आदिवासियों की बताई जा रही है। जानकारों का मानना है कि हो रहे अवैध प्लाटिंग को लेकर सफेद पोश ने ऐसी रिश्तेदारी निभाया की एक रिश्तेदार के सहयोग से दूसरे ने गंगा नहा लिया हो  ऐसी ही रिश्तेदारी निभाने का एक मामला सामने आया, जिसमें कोतमा नगर के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति ने शिकायत करते हुए शासन-प्रशासन व सरकार से गुजारिश की है कि कोतमा में चल रहे भूमियों के क्रय-विक्रय व अन्य गतिविधियों की जांच की जाकर न्यायोचित कार्यवाही की जाए।

यह है मामला.......

एन. एच -43 के बगल में जंगल चैकी के निकट ग्राम कल्याणपुर पटवारी हलका कल्याणपुर रा. नि. मं. व तहसील कोतमा जिला अनूपपुर में आ. ख. नं. 295ध्2ध्1 रकवा 1.472 हे., आ. ख. नं. 296ध्9ध्ख रकवा 0.303 हे., ख. नं. 296ध्9ध्ग रकवा 0.303 हे., ख. नं. 296ध्11ध्क रकवा 0.636 हे., ख. नं. 297ध्8 रकवा 0.607 हे., ख. नं. 295ध्3ध्कध्च रकवा 0.024 हे. भूमियों पर अजीमुद्दीन के द्वारा खरीदी-बिक्री कर खेल कर राजस्व अधिकारियों के साथ सांठ-गांठ कर अपने पुत्रों के नाम पर दर्ज करवा दी गई और अब इन भूमियों पर प्लाटिंग कर बिक्री का कार्य भी जारी कर दिया गया है। ग्राम कल्याणपुर पटवारी हलका कल्याणपुर की ख. नं. 295,296,297 की भूमियां वर्ष 1958-59 की वार्षिक खतौनी जमाबंदी में वर्ग 06 गैर हकदार काश्तकार अंकित कर कोसई भरिया, गुरजुल भरिया, छोटू अहीर, भुलई अहीर, दद्दी अहीर, मोहन अहीर, सरला भरिया व जैराम केवट के नाम  राजस्व अभिलेख में दर्ज हैं।

न्याय उचित कार्यवाही की मांग.....

प्राप्त शिकायत के अनुसार मामला  एन.एच - 43 के बगल में पूर्व राजस्व रिकॉर्ड के मुताबिक आदिवासियों की भूमि, अहीर की भूमि, केवट की भूमि, जंगल की भूमि व अहस्तांतरणीय भूमि होने के बावजूद भी रशूखदारों ने पैनी निगाहें जमा रखी हैं और निरंतर इन भूमियों की खरीद-फरोख्त का खेल खेला जा रहा और सोचनीय विषय है कि पुराने राजस्व रिकार्ड में जो भूमि जंगल याअहस्तांतरणीय या आदिवासी की भूमि दर्ज हैं तो इन भूमियों की खरीदी या बिक्री कैसे संभव है वैसे तो आदिवासियों की भूमि किसी सामान्य व्यक्ति के नाम हस्तांन्तरित ही नही हो सकती लेकिन यदि हुई है तो कई राजस्व अधिकारी की मिलीभगत की भी शंका जताई जा सकती है।

राजस्व विभाग में भी आरोप...

शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत करते इस बात का उल्लेख किया गया है कि राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से कई रशूखदारों ने जंगल की भूमियों, आदिवासियों की भूमियों, गैर हकदार भूमियों और अहस्तांतरणीय भूमियों पर कब्जा कर गोल माल करते हुए उसका पट्टा बनवा कर उस पर अपना आधिपत्य प्राप्त किया है और धीरे-धीरे उन अधिकारियों के तबादले होते गए या रिटायरमेंट होते गए। मामला लंबे अर्शे तक दबा रहा और उन भूमियों पर इनके आधिपत्य की समय सीमा बढ़ती रही, और  लगातार उनके हौसले बुलंद होते रहें।

प्लाटिंग कर किया विक्रय....

 वर्षों से यह प्रक्रिया जारी है शासकीय सम्पत्ति के इस प्रकार से दोहन पर आपत्ति जताते हुए शिकायत करते हुए राजस्व अधिकारियों व पटवारियों की मिलीभगत से इन भूमियों पर भारी विसंगति की है और शासन की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया गया है और इतना ही नहीं बल्कि इन भूमियों पर प्लाटिंग कर मां भवानी वाटिका के नाम से बोर्ड लगाकर सस्ते दामों पर आवासीय प्लाट उपलब्ध कराए जाने का प्रचार प्रसार भी किया गया लेकिन  इसके बाद भी प्रशासन की निद्रा नहीं टूटी। शिकायतकर्ता ने उस संबंध में सी.एम हेल्पलाइन में भी शिकायत दर्ज कराई है लेकिन उक्त भूमियों के संबंध में स्थानीय प्रशासन चिर निद्रा में लीन है।

भू- माफियाओ पर अभी तक नही हुई कार्यवाही.....


शिकायत होने के बाद शिकायत की जांच एसडीएम कोतमा द्वारा कोतमा तहसीलदार को जांच दी गई तहसीलदार साहब द्वारा बताया गया कि  जिनके द्वारा जांच कर nh-47 के बगल में हो रहे प्लाटिंग का कार्य नियम संगत नहीं पाई गई जिसमें उचित कार्यवाही के लिए अनूपपुर कलेक्टर महोदय को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है जिसमें आदेश आने के बाद कार्यवाही करने की बात की जा रही है लेकिन और कोतमा नगर में हो रहे अतिक्रमण को लेकर तहसीलदार द्वारा जांच की जा रही है जिसमें न्याय संगत कार्यवाही की जाएगी लेकिन बात यह खड़ी हो रही है की जब प्लाटिंग के कार्य में नियत संगत नहीं पाई गई है तो प्रतिवेदन भेजने के बाद भी अभी तक क्यों कार्यवाही नहीं की जा रही है? कार्रवाई ना होने के कारण माफियाओं के हौसले और बुलंद होते चले जा रहे हैं जिसके कारण लगातार सरकारी जमीनों पर भूमाफिया अपना कब्जा जमाते चले जा रहे हैं।

(इस पूरे संबंध में जानकारी के लिए अपर कलेक्टर सरोधन सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन फोन नहीं लगा)









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