अवैध खनन को वैध खनन बता रहा केजी डेवलपर, केवई नदी के कटकोना घाट में हो रहा अवैध उत्खनन
सुनहरी रेत में भविष्य तलाश रहे नेता, दिन रात कर रहे बंदूक की नोक पर अवैध उत्खनन
इंट्रो:- जब ठेका कंपनियों को खादी का संरक्षण मिला है तब से जिले में केवई के कई घाटों पर भी रेत की चमक में भगवा रंग चढ़ने का खबर जोरों पर है और आलम यह है कि स्थानीय खादी का रसूख और पड़ोसी जिले के खादी का रसूख इस कदर हावी है की जिले की केवई नदी का भविष्य खतरे में प्रतीत होने लगा है नदियों की बात करें तो इसकी चिंता ना जिले के प्रशासन को है ना ही स्थानीय नेताओं को, और हद तो तब हो गई जब जिले की खादी भी रेत माफियाओं के नाम से मशहूर होने लगी हैं। अब देखना यह है कि कहीं रह की चमक खादी की चमक में धुंधली ना पड़ जाए।
अनूपपुर(प्रकाश सिंह परिहार):- जिले में केजी डेवलपर्स को रेत निकालने का ठेका मिला हालांकि यह बात अलग है कि शासन ने जिस मनसा से केजी डेवलपर को ठेका दिया था उसमें नदियों को सुरक्षा का भी ध्यान रखने का जिम्मा शामिल रहा लेकिन स्थानीय अधिकारियों के संरक्षण मिलने के बाद ठेका कंपनी का मनमानी रवैया इस कदर बढ़ा कि कहीं अवैध खनन खुद करा रही है तो कहीं स्थानीय नेताओं के संरक्षण में पेटी कॉन्ट्रैक्ट में भी दे दिए और अचरज तो इस बात का है की जिला प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा एक खदान जो जिला प्रशासन के नाक के नीचे ही संचालित है लेकिन महज कुछ ही दूरी पर संचालित खदान के अवैध खनन में भी जिला प्रशासन कोई ठोस कार्यवाही नहीं की।
नियम विरुद्ध खनन......
केजी डेवलपर पर जो ठेका मिलने के बाद से ही अपने नियम विरुद्ध खनन के लिए चर्चा में रही है चाहे फिर वह सीतापुर का स्वर्ण घाट हो जा केवई का कटकोना व गुलिडाँड़ घाट हालांकि इन सब के पीछे खादी धारी के संरक्षण छिपा हुआ है चर्चा तो इस बात की भी है कि पड़ोसी जिले का एक खादी के संरक्षण के बाद ठेका कंपनी खुलेआम नियम विरुद्ध खनन करा रही है जो नाही प्रशासन से छुपा है और ना ही सत्ताधारी नेताओं से अब देखना यह है कि नियम विरुद्ध खनन रुकता है या और तेज हो जाता है।
खादी के दम पर अवैध खनन.....
ठेका कंपनी केजी डेवलपर अपनी मनमानी को लेकर चर्चा में जरूर है लेकिन जिले से लेकर संभाग भर में इस बात की भी चर्चा है कि ठेका कंपनी को किस टूटपुजिआ खादी का संरक्षण प्राप्त है जानकारों की मानें तो पड़ोसी जिले कथित खादी धारी माफिया जो कि पहले से ही खनिज माफियाओं की सूची में अपने नाम के साथ सितारों की चमक बटोर रहा है और दरोगा रिश्तेदार के नाम पर अवैध खनन करवा रहा।
खतरे में नदियों का भविष्य...
ठेका कंपनी को स्थानी रसूख का संरक्षण मिलने के बाद लगातार नदियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है कहीं बीच धार से रेत निकाल रही है तो कहीं धार की गति को रोककर आस्था इस पुल का निर्माण कर लेना ठेका कंपनी के लिए आम हो गया है जिसकी जानकारी जिले में बैठे आला अधिकारियों को लगातार फोन में दूरभाष के माध्यम से भी दी गई और अगर विभाग के अधिकारी अपनी खिड़की का फाटक खोल कर भी देखे तो नदी में बनाया हुआ अस्थाई पुल आसानी से दिख जाएगा लेकिन नाही माइनिंग विभाग को सरकारी दफ्तर से बाहर निकालने की फुर्सत है और ना ही ठेका कंपनी के कंधों पर कार्यवाही करने की ताकत इन सारी चीजों को देखकर एक बात तो साफ है कि नदियों का भविष्य अधर पर है।
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