सीतापुर रेत खदान के तर्ज पर कोतमा क्षेत्र के केवई नदी के कटकोना,चंगेरी खदानो मे 3 मीटर के नीचे खोद बना दिये सुरंग
क्या माइनिंग विभाग की कार्यवाही सिर्फ और सिर्फ कागज तक सीमित है या फिर अन्यत्र घटना का इंतज़ार कर रही क्या प्रशासन
माइनिंग विभाग के ऑफिस के बगल मे हो रहा था अवैध उत्खनन, मासूम बच्चों के मौत के बाद खुली पोल
इंट्रो:-अनूपपुर जिला अंतर्गत संपूर्ण खदानों में केजी डेवलपर्स द्वारा खनिज रेत का मनमाने तरीके से स्वीकृत मात्रा से अधिक का उत्खनन करना आम बात है जिसकी निरंतर शिकायत जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीणों द्वारा खनिज विभाग को समय-समय पर किया जाता था पर कहा जाता है कि पैसे के आगे कोई नहीं सुनता जब तक कोई बड़ा हादसा यह घटित न हो जाए यही हाल हुआ ग्राम सीतापुर रेत खदान पर ठेकेदार की मनमानी रवैया और अधिकारियों की अनदेखी के चलते तीन मासूम बच्चों की जान रेत खदान सीतापुर ने ले ली!यदि खनिज महकमा समय-समय पर निरीक्षण करता तो यह घटना घटित न होती अगर समय रहते खनिज विभाग का मैदानी अमला सर्वेयर,निरीक्षक व खनिज अधिकारी रेत खदानों का जांच और माप करते तो भीषण हादसा नहीं होता!
अनूपपुर:-जिले में जबसे केजी डेवलपर क़ो रेत खदानों का ठेका मिला है तब से अवैध उत्खनन को लेकर सुर्खियों में रही है समय-समय पर मीडिया के जरिए माइनिंग विभाग व उच्च अधिकारियों तक जानकारी दी जाती है उसके बाद भी अधिकारियों के चिर निद्रा नहीं खुलती बीते कुछ दिनों पहले माइनिंग विभाग के ऑफिस के नीचे संचालित सीतापुर रेत खदान मे तीन मासूम बच्चों की डूबने से मृत्यु हो गई तत्काल जिला प्रशासन मौके पर पहुंच कर जांच पड़ताल शुरू किया... मामला जैसे ही तूल पकड़ा तो कलेक्टर अनूपपुर के देखरेख पर एक विशेष टीम गठित की गई जिसमें पाया गया कि ठेकेदार केजी डेवलपर्स द्वारा लीज क्षेत्र से बाहर उत्खनन 90 मीटर किया गया है!
ठेकेदार नदियों के भविष्य से कर रहे खिलवाड़ ...
ठेका कंपनी को स्थानीय रसूख का संरक्षण मिलने के बाद लगातार नदियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है कहीं बीच धार से रेत निकाल रही है तो कहीं धार की गति को रोककर आस्थाई पुल का निर्माण कर लेना ठेका कंपनी के लिए आम हो गया है जिसकी जानकारी जिले में बैठे आला अधिकारियों को लगातार जानकारी दी गई और अगर विभाग के अधिकारी अपनी खिड़की का फाटक खोल कर भी देखे तो नदी में बनाया हुआ अस्थाई पुल आसानी से दिख जाएगा लेकिन न ही माइनिंग विभाग को सरकारी दफ्तर से बाहर निकालने की फुर्सत है और न ही ठेका कंपनी के कंधों पर कार्यवाही करने की ताकत इन सारी चीजों को देखकर एक बात तो साफ है कि नदियों का भविष्य अधर पर है।
यह कहते हैं नियम...
खनन योजना एवं क्षेत्रीय कार्यालय पर्यावरण द्वारा जारी CTO के अनुसार नदी के जलस्तर को देखते हुए अधिकतम 3 मीटर से अधिक या रेत निकासी के समय ठेकेदार को 1 मीटर में भी जलस्तर आता है तो तत्काल उत्खनन बंद करना होता है परंतु पैसों के लालच में ठेकेदार ने उत्खनन कार्य बंद नहीं किया जिसका खामियाजा तीन मासूम बच्चों को भुगतना पड़ा!
सिर्फ कागज पर कोरमपूर्ति....
इतना कुछ हो जाने के बाद भी खनिज विभाग जांच के नाम पर 90 मीटर का अवैध उत्खनन बता रहा है और इस पर प्रकरण बनाने की बात कर रहा है क्या इतने से ही खानापूर्ति हो जाएगी अनूपपुर जिले की जनता लगातार हो रहे रेत के अवैध उत्खनन की शिकायत जिले के उच्च अधिकारियों को करते हैं और इसी प्रकार खनिज विभाग सब कुछ सही बताता है यदि समय रहते अन्यत्र सभी खदानों की मापदंड के अनुसार सुरक्षा की व्यवस्था व जांच कर ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो इस तरह की घटनाएं अन्यत्र खदानों में भी घटित हो सकती हैं!
इनका कहना है:-
इस संबंध में खनिज अधिकारी सुश्री आशालता वैध से उनका पक्ष हमारी टीम द्वारा जानना चाहा गया तो उन्होंने अपना अथवा विभाग का पक्ष बताने से मना करते हुए कार्यालय संपर्क करने की बात कही ।
No comments:
Post a Comment