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Thursday, December 7, 2023

डीएफओ का मनमानी रवैया-रेंजरो को मानसिक प्रताड़ना सहित अनैतिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतू कर रहे प्रताड़ित, शासन के जिम्मेदार पद का कर रहे दुरुपयोग



डीएफओ का मनमानी रवैया-रेंजरो को मानसिक प्रताड़ना सहित अनैतिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतू कर रहे प्रताड़ित, शासन के जिम्मेदार पद का कर रहे दुरुपयोग 


 पहले महिला अधिकारी सहित कई आधा दर्जन रेंजरो ने की थी शिकायत अब राजेंद्रग्राम रेंजर ने भी सीसीएफ के समक्ष की शिकायत



सवाल:- तो क्या प्रशासन ने डीएफओ श्री प्रजापति को अपने अधीनस्थ रेंजरो को प्रताड़ित करने के उद्देश्य की गई थी पोस्टिंग, जो कर्मचारी को भी कर रहे हैं प्रताड़ित....?


 इस तरह के कृत से हो रही प्रशासन की बदनामी, रेंजरो के शिकायत सहित भ्रष्टाचार के भी लग चुके हैं कई गंभीर आरोप



 अपने कारनामों से बाज नहीं आ रहे वनमंडला अधिकारी, कार्यवाही की जगह उच्च अधिकारी दे रहे हैं संरक्षण 



इंट्रो:- जिले के जिम्मेदार पद वन मंडल मे डीएफओ पद पर पदस्थ सुशील कुमार प्रजापति की पदस्थापना से महिला अधिकारी सहित आधा दर्जन रेंजरो ने मानसिक प्रताड़ना शिकायत भ्रष्टाचार की शिकायत सीसीएफ शहडोल के समक्ष की थी जिसकी जांच गठित टीम द्वारा करते हुए भोपाल उच्च अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया महीनो बीतने के बाद भी कार्यवाही नहीं हुई की डीएफओ जैसे जिम्मेदार पद का दुरुपयोग करते हुए फिर राजेंद्रग्राम  वन परिक्षेत्र अधिकारी को अभद्र व्यवहार, अपशब्द व धमकी देते हुए अनैतिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु निलंबन एवं नौकरी से निकालने की धमकी दे डाले जिम्मेदार पद की जिम्मेदारी भुलाते हुए साहब रिटायरमेंट का जुगाड़ बनाने हेतु भ्रष्टाचार सहित अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को डराने धमकाते हुए पूरे क्षेत्र मे अशांति का माहौल व्याप्त हो चुका है जिससे सरकारी कार्य भी बाधित हो रहा है ऊंची पकड़ ऊंची पहुंच के कारण डीएफओ साहब के खिलाफ हुई जांच में भी कार्यवाही अभी तक लंबित है जिसकी वजह से अब प्रशासन की भी जमकर किरकिरी हो रही है!



शहडोल :- अनूपपुर जिले में 2 महीने पहले लगभग आधा दर्जन वन परिक्षेत्र अधिकारियों द्वारा मुख्य वन संरक्षक शहडोल एल. एल उइके के समक्ष शिकायत प्रस्तुत की गई थी जिसमें महिला अधिकारी नें भी मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था और प्रतिबंधित कीटनाशक दवाई खरीद कर किये गये भ्रष्टाचार की भी शिकायत की गई थी जिसकी जांच भी उच्च अधिकारियों द्वारा किया गया और जांच रिपोर्ट भोपाल में बैठ बड़े अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत कर दी गई थी लगातार हमारी टीम द्वारा खबरों का प्रकाशन भी किया गया जिसके बाद प्रशासन तो जागी लेकिन कार्यवाही शून्य दिखाई दी और कार्यवाही न होने से डीएफओ श्री प्रजापति का मनोबल इस कदर बढ़ा की राजेंद्रग्राम वन परिक्षेत्राधिकारी क़ो दिनांक 16.11.2023 को दूरभाष पर एवं 21.11. 2023 को रेंजर के अधीनस्थ वन अमले के समक्ष अभद्र व्यवहार अपशब्द कहने एवं अपने अनैतिक उदेश्यों की पूर्ति हेतु निलंबन एवं नौकरी से निकालने की धमकी दे डाली हालांकि इसकी शिकायत सीसीएफ शहडोल के समक्ष वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा की गई है!

 पढ़े यह है नया मामला

अनूपपुर डीएफओ सुशील कुमार प्रजापति के खिलाफ लगभग आधा दर्जन रेंजरो द्वारा की गई शिकायत मे जांच उपरांत करवाई न होने से मनोबल इस कदर बड़ा की फिर से श्री प्रजापति द्वारा वन परिक्षेत्र अधिकारी को अनैतिक कार्य न करने पर आप शब्दों का प्रयोग करते हुए निलंबन सहित नौकरी से निकलने की धमकी दे डाली जिसकी शिकायत मुख्य वन संरक्षक शहडोल के समक्ष शिकायत देते बताया कि वन परिक्षेत्राधिकारी राजेन्द्रग्राम, वनमण्डल अनूपपुर के रूप में दिनांक 05.10.2023 से कार्यरत हूँ। मेरे प्रभार लेने के बाद लगातार वनमण्डलाधिकारी अनूपपुर द्वारा मुझे अपने अनैतिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु मेरे खिलाफ आरोप पत्र बनाने, निलंबन कराने, मेरी नौकरी समाप्त कराने की धमकी देने एवं मुझसे भीख मांगवाने जैसे शब्दों का प्रयोग कर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। दिनांक 16.11.2023 को वनमण्डलाधिकारी महोदय द्वारा दूरभाष पर रात्रि करीब 09:38 बजे मुझसे कहा गया कि" तुम्हारी रेंजरी समाप्त करवा दूंगा। लगता है तुमको रेंजरी नहीं करनी है। तुम रेंजर पद के लायक नहीं हो" दिनांक 21. 11.2023 को वनमण्डलाधिकारी महोदय अनूपपुर द्वारा पिपरहा, पठैती मोड़ पर मेरे अधीनस्थ वन अमले के समक्ष मुझसे कहा गया कि तुम्हारी अभी चार्चशीट बना के भेजूंगा तो तुम मेरे समाने दर-दर भीख मांगते फिरोगे" । वनमण्डलाधिकारी अनूपपुर द्वारा मेरे लिए इस प्रकार के कठोर अपशब्द कहने एवं अभद्र व्यवहार करने से मुझे व्यक्तिगत रूप से अत्याधिक मानसिक पीडा हो रही है। जिस कारण मैं अत्याधिक विचलित एवं भयभीत महसूस कर रहा हूँ। शिकायत करते हुए न्याय कि माँग किया गया!


शासन के नियमों को नहीं मानते डीएफओ साहब



 साहब की प्रतिस्थापन के साथ ही रिटायरमेंट के जुगाड़ बनाने शुरू हुआ भ्रष्टाचार का खेल वन मंडल अनूपपुर में जनवरी 2023 से पदस्थ वन मंडल अधिकारी  एस.के. प्रजापति द्वारा निरंतर अपनी पदस्थापना के उपरांत शासन के नियमों के विरुद्ध अपने पद का दुरुपयोग करते हुए वन मंडल अनूपपुर में पदस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों पर अनावश्यक रूप से दबाव बनाकर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है जिसमे कृषि में उपयोग होने वाली प्रतिबंधित कीटनाशक दवाइया क्लोरापायरिफोस टोन अप ग्रोथ की लगभग 30 लाख की खरीदी नियम विरुद्ध की गई एवं अधीनस्थ वन अमले पर उक्त दवाइयों के छिड़काव को जंगल में करवाने हेतु अनावश्यक दबाव बनाया गया प्रतिबंधित कीटनाशक दवाइयां की जंगल में क्या उपयोगिता है यह बेहद गंभीर संधिगता से परिपूर्ण व भ्रष्टाचार का मामला है। इस तरह वन मंडलाधिकारी द्वारा लगातार भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है और सरकारी राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है!


 जिम्मेदार पद का कर रहे दुरुपयोग

 साहब का जबसे डीएफओ अनूपपुर के वन मंडल अधिकारी का पदभार ग्रहण किए हैं तब से साहब शासन के नियमों को दरकिनार करते हुए वन मैन आर्मी के तर्ज पर रिटायरमेंट के पहले अपना स्वहित देखते हुए खरीदी के नाम पर भ्रष्टाचार को अंजाम देने का कार्य शुरू किया गया विभागीय सूत्रों के माने तो मार्च का फंड खाली करने के जुगाड़ पर शासन की गाइडलाइन अनुसार जेम पोर्टल से खरीदी न करते हुए अपने खास ठेकेदार के साथ मिलकर टुकड़ों टुकड़ों में खरीदी करते हुए अनियमित सहित भ्रष्टाचार को अंजाम देने का कार्य किया गया हालांकि शिकायत पर जांच हो चुकी है रसूक के आगे कार्यवाही अभी लंबित है प्रतिबंधित कीटनाशक दवाइयों के उपयोग से मना करने पर  लगातार वन परिक्षेत्र अधिकारियों के ऊपर दबाव बनाने का कार्य डीएफओ अनूपपुर द्वारा किया जाने लगा जब गलत कार्य करने से रेंजरो ने विरोध किया तो डीएफओ साहब नें मानसिक प्रताड़ना करना शुरू किया डीएफओ के रवैया से परेशान होकर लगभग आधा दर्जन वन परिक्षेत्र अधिकारियों द्वारा सीसीएफ के समक्ष शिकायत कर कार्यवाही की मांग की गई लेकिन राजधानी में बैठे उच्च अधिकारियों द्वारा उक्त मामले को ठंडा बस्ती के हवाले करते हुए मानो डीएफओ को मनमानी करने की खुली छूट दे डाली हो!


 वन मैन आर्मी के तर्ज पर साहब कर रहे कार्य 

 वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा की गई शिकायत पर जांच टीम द्वारा जांच की गई लेकिन महीनो बीत जाने के बाद भी आज तक किसी भी प्रकार का उच्च अधिकारियों द्वारा नहीं लिया गया जो कहीं ना कहीं वन मंडल अधिकारी की ऊंची पकड़ को दर्शाता खरीदी में किए गए भ्रष्टाचार की भी शिकायत होने के बाद भी जांच उपरांत कार्रवाई न होना उच्च अधिकारियों द्वारा खुली छूट देने के बराबर है साथ ही सभी क्षेत्रों में कार्य प्रभावित हो रहे हैं और वन मंडलाअधिकारी अपने रवैया से बात आते नहीं दिखाई दे रहे हैं!


इनका कहना है


 राजेंद्रग्राम रेंजर द्वारा शिकायत दी गई है  पूर्व में हुई इस प्रकार की शिकायत की जांच कर रिपोर्ट भोपाल भेज दी गई है यह रेंजर नया आया है इसे भी उसी प्रकार धमकाया गया है जिसकी हम जांच करवाएंगे पुराने शिकायत मामले पर चार सीट बनाकर भेज दिया गया है जो भी कार्रवाई होगी अब ऊपर से ही होनी है!

एल. एल. उइके

 मुख्य वन संरक्षक शहडोल

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