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Friday, May 17, 2024

कलेक्टर की पाबंदी पर हावी बोरवेल संचालक और दलाल, जारी खनन हो रहे मालामाल



सक्सेना, गणेश, लक्ष्मण, महाकाल, शिवशक्ति सहित अन्य बोरवेल संचालकों पर कड़ी निगरानी और ठोस कदम उठाने की आवश्यकता

शहडोल जिले में गिरते जलस्तर को मद्दे नजर रखते हुए कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट तरुण भटनागर द्वारा ग्रीष्मकालीन सत्र में नलकूप खनन बोरवेल पर पूर्णत पाबंदी लगाई है बावजूद इसके कथित नलकूप दलाल स्थानीय पुलिस से सेटिंग करके धड़ल्ले से नलकूप खनन ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में करवा रहे हैं, बोरवेल मशीन संचालकों द्वारा विधिवत शहडोल क्षेत्र में तीन गोहपारु जैतपुर क्षेत्र में दो जयसिंहनगर ब्यौहारी क्षेत्र में पांच और केशवाही क्षेत्र में एक दलाल को तैनात किया है बताया जाता है  इनका काम है सक्सेना गणेश महाकाल लक्ष्मण व अन्य को अवैध बोरिंग का काम सौपना और अपनी दलाली कमाना इसके लिए भले ही जिले में जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो या कलेक्टर के आदेश को धता बताना हो कथित दलाल और बोरवेल संचालक हर हद तक जाने को तैयार है।

शहडोल। शहडोल जिले में गिरते जल संकट के मतदान अगर रखते हुए शहडोल कलेक्टर द्वारा बोरवेल और नलकूप खदान पर तत्काल प्रभाव से पाबंदी लगाई गई है बावजूद इसके बोरवेल संचालक और कथित दलाल पाबंदी को नजरअंदाज करते हुए दुगनी रफ़्तार से स्थानीय पुलिस से सेटिंग बनाकर अवैध नलकूप खनन को अंजाम दे रहे हैं, क्षेत्र में के किए गए सर्वे के अनुसार प्रतिदिन शहडोल जिला मुख्यालय में तीन से पांच अवैध नलकूप खनन किए जाते हैं तो इसके अलावा ग्रामीण अंचल में प्रतिदिन लगभग दो दर्जन अवैध नलकूप खनन किए जाते हैं जिनकी जानकारी स्थानी पुलिस कथित दलाल और बोरवेल संचालक को होती है, बताया जाता है कि स्थानीय पुलिस नलकूप खनन के आवाज में प्रति पॉइंट ₹3000 की वसूली कथित दलाल अथवा बोरवेल संचालक से करती है, गौरतलाप है कि जल संकट को मध्य नजर रखते हुए जो पाबंदी लगाई गई है यदि इस पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में शहडोल का जलस्तर और गिर जाएगा जिससे आम आदमी को पेयजल के लिए भी दर-दर भटकना पड़ेगा। 

मुख्यालय में मनमानी का आलम

पाबंदी के बाद भी शहडोल जिला मुख्यालय व जिला मुख्यालय से लगे 20 किलोमीटर के दायरे के ग्रामों में लगातार सक्रिय दलालों के माध्यम से अवैध नलकूप का खनन कराया जा रहा है ग्राम कोटमा,कुदरी, पोंगरी, चापा, अमिलिहा, पंचगांव, विचारपुर, छतवाई, बरूका श्यामडीह सहित अन्य ग्रामों में रात के अंधेरे में बोरवेल संचालकों द्वारा कथित दलालों के साथ मिलकर बोरवेल मशीन लगाई जाती है और रात के अंधेरे में ही खनन का काम निपटाया जाता है सूत्रों की माने तो सक्सेना नमक बोरवेल कारोबारी व उससे संबंधित दो दलाल बड़े पैमाने में अवैध बोरवेल खनन को अंजाम दे रहे हैं इसी तर्ज पर गणेश और लक्ष्मण व एक अन्य बोरवेल संचालक द्वारा भी अवैध रूप से बोरवेल खनन को अंजाम दिया जा रहा है सूत्रों की माने तो गणेश और लक्ष्मण सिंहपुर रोड, पतखई घाट तक तो दूर दराज के क्षेत्र में रात की अंधेरे में अवैध बोरवेल खनन को अंजाम दे रहे हैं। 

गोहपारू में रामानुज जैतपुर में संजय

तो शहडोल जिला मुख्यालय से लगे थाना क्षेत्र अंतर्गत मानो कलेक्टर की पाबंदी पूर्णतः बेअसर हो चुकी है बहुचर्चित बोरवेल संचालकों का दलाल बताया जाने वाला रामानुज नामक व्यक्ति प्रति पॉइंट 3 हजार रु की सेटिंग स्थानीय एक सितारा धारी पुलिस अधिकारी से बनाकर प्रतिदिन 3 से 5 बोर गोहपारू से लगे क्षेत्रों में कर रहा है, आलम यह है कि जरूरत पड़ने पर बोरवेल मशीन दूर दराज के क्षेत्र से बुलाई जा रही है, तो इसी क्रम में संजय नामक व्यक्ति द्वारा खाखी से रिश्तेदारी बताकर  रस्मोहिनी से लगे भाटिया जैतपुर क्षेत्र में प्रतिदिन  मशीन उतार कर बोरवेल किया जा रहा है, बताया यह भी जाता है कि कथित दलालों ने शहडोल ब्यौहारी व आसपास के क्षेत्र के बोरवेल संचालक को और स्थानीय पुलिस से गठबंधन कर रखा है और धड़ल्ले से अवैध नलकूप खनन को अंजाम दिला रहे हैं।

ब्यौहारी जयसिंह नगर में एक सा हाल

अवैध नलकूप खनन के मामले में जयसिंहनगर ग्रामीण अंचल और ब्यौहारी शहरी व ग्रामीण दोनों अंचल भी किसी से पीछे नहीं है यहां भी धड़ल्ले से दलालों द्वारा बोरवेल संचालकों से सेटिंग बनाकर एवं स्थानीय पुलिस से मिली भगत कर बोरवेल खनन कराया जा रहा है सूत्रों की माने तो ब्यौहारी  देवलोन मार्ग में स्थित शिव शक्ति नामक बोरवेल संचालक द्वारा कलेक्टर के आदेश को साफ तौर पर धता बताते हुए और बढ़ते नलकूप खनन के आर्डर को पूरा करने बाहर से किराए की भी  मशीन लाकर आसपास के क्षेत्र में खनन कराया जा रहा है, इसी तारतम्य में जयसिंह नगर में सूत्रों के अनुसार देवरा के शुक्ला महाराज द्वारा और खन्नौदी के  पारस द्वारा बड़े पैमाने पर अवैध बोरवेल खनन को अंजाम दिया जा रहा है जिसमे महाकाल बोरवेल्स और शहडोल जिला मुख्यालय के बोरवेल संचालक कथित दलालो से सम्बद्ध बताये जाते हैं।

जीपीएस टेक्नोलॉजी का हो उपयोग

जिस तरह पाबंदी के बाद भी बोरवेल संचालकों द्वारा मनमानी रवैया अपनाते हुए बोरवेल को अंजाम दिया जा रहा है ऐसे में जिला प्रशासन को कथित बोरवेल संचालकों पर लगाम लगाने ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है जिस प्रकार कोल परिवहन कर रहे हैं वाहनों में जीपीएस प्रणाली इंस्टॉल कर कोल वाहनों की मॉनिटरिंग की जाती है उसी प्रकार जिले के तमाम बोरवेल संचालकों की बोर मशीन में जीपीएस टेक्नोलॉजी इंस्टॉल की जानी चाहिए ताकि बोरवेल मशीन है कहां-कहां गई और कहां-कहां अवैध बोरिंग नलकूप खनन को अंजाम दिया गया इसकी जानकारी पुष्ट हो सके। साथ ही स्थानी पुलिस और स्थानी मैदानी राजस्व अमले को भी सक्रिय करने की आवश्यकता है कि अवैध रूप से नलकूप खनन पर समय रहते पाबंदी लग सके।

गहरा सकता है जिले में जलसंकट

जिले में बारिश की मात्रा औसत वर्षा और भूमिगत जल स्तर के संबंध में अधीक्षक भू अभिलेख शाखा शहडोल एवं अन्य अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत किए गए आंकड़ों के आधार पर कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जिले में ग्रीष्मकालीन सत्र में बोरवेल खनन पर पाबंदी लगाई जाती है, लगभग 3 वर्षों से पर्याप्त बारिश की वजह से शहडोल में ग्रीष्मकालीन सत्र में भी खनन पर पाबंदी नहीं लगाई गई थी लेकिन इस वर्ष घटते जलस्तर को मद्देनजर रखते हुए संभावित जल संकट से पूर्व संवेदनशील कलेक्टर द्वारा खनन नलकूप खनन बोरवेल पर पाबंदी लगाई गई बावजूद इसके बोरवेल संचालक नहीं थम रहे जिसकी वजह से जिले में जलस्तर और नीचे गिर सकता है और जिले में जल संकट गहरा सकता है जिसके लिए कहीं ना कहीं कथित बोरवेल संचालक ही जिम्मेदार होंगे। खैर जिले में कहां-कहां कब अवैध बोरवेल खनन किया जा रहा है इसको लेकर जन सरोकार और सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत हमारी टीम द्वारा लगातार अवैध बोरवेल खनन की सूचना एवं समाचार की मुहिम जारी रहेगी।

इनका कहना है

(इस संबंध में जानकारी के लिये शहडोल कलेक्टर तरूण भटनागर एवं प्रभारी संयुक्त कलेक्टर राजेष जैन को दूरभाष में संपर्क साधा गया लेकिन दोनों अधिकारियों का फोन नहीं उठा।)


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