"भ्रस्टाचार मुक्त मध्यप्रदेश" के सपने कैसे होगा साकार,वेंडर ने पत्रकार को भ्रष्टाचार में भागी न बनने पर दी धमकी
वेंडर व अधिकारी मिलकर कर रहे हैं सरकारी पैसे का दोहन,प्रशाशन बना मूकदर्शक
शहडोल:- भ्रष्टाचार में लीन कुछ अधिकारियों द्वारा इन दिनो जनपद पंचायत गोहपारू के ग्राम पंचायत खांड में सप्लायर पीपी इंटरप्राइजेज की कमीशनखोरी का समाचार प्रोपाइटर प्रभात पाण्डेय को इतना नागवार गुजरा की उन्होंने भ्रस्टाचार को छुपाने के लिए पहले उन्होंने पत्रकार से समझौता करने की भी बात की बात न बनने में बोखलाए वेंडर ने पत्रकार को धमकी ही दे डाली। मजे की बात तो यह है की उपरोक्त सप्लायर इंजीनियर सीतासरन की शरण में घोटालों की बिल्डिंग खड़ी कर भ्रष्टाचार की इबारात लिख रहा यूं कहें कि दोनों मिलकर भ्रष्टाचार के कुए पर डुबकी लगा रहे हैं जिसकी पुष्टि वहां के निवासी ग्रामीणजन करते हैं।
कमिश्नर से हुई शिकायत......
जब भ्रष्टाचार का पोल खोलने लगा तो बौखलाए बेंडर द्वारा पहले समझौते की बात कही गई लेकिन खबर चलते ही वेंडर द्वारा भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए पत्रकार पर दबाव बनाने के लिए धमकी दे डाली ऐसी परिस्थिति में आप पत्रकारों को कार्य करने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है अब देखना यह है कि शिकायत के बाद भ्रस्टाचार की जांच होती है या कोरम पूर्ति तक रह जाती है या फिर देश का चौथा स्तम्भ कैसे स्वतंत्र रूप से कार्य करेगा।
जीएसटी फर्जीवाड़े से लगा रहे सरकार को चूना....
उपरोक्त सप्लायर के पास जीएसटी रजिस्ट्रेशन तो है लेकिन ना तो दुकान है और न ही गोदाम जिससे सीमेंट रेत ईंट आदि भिन्न भिन्न ग्राम पंचायतों को सप्लाई किया जा रहा है। ऐसी कौन सी जादू की छड़ी उपरोक्त सप्लायर के पास है कि उनके द्वारा हर प्रकार के कार्यों की सप्लाई कर और जादुई छड़ी के दम पर कमीशन के फेर पर बिल का भुगतान बड़ी आसानी से हो जाता है उपरोक्त बातें हमें पड़ताल के दौरान पता चली।
सरकारी पैसो का हो रहा बंदरबाट....
कमीशनखोरी का खेल इस हद तक फैल चुका है की इंजीनियर सप्लायर और सचिव की कमीशनखोरी के चक्कर में पंचायतों में होने वाले निर्माण कार्य में घटिया किस्म की सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है और वित्त का आहरण कई फर्जी बिल लगा कर लिया जाता है। बदले में भ्रष्ट अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा कमीशन के रूप में रंगीन कागजों में अपना वारा न्यारा कर लिया जाता है। ग्रामीणों को मिलता है घटिया निर्माण कार्य जो उन्हें क्षणिक सुख के तौर पर मिला प्रतीत होता है।
इनका कहना है...
अभी एक हफ्ते पहले ही मेरी पोस्टिंग जनपद पंचायत गोहपारू में हुई है।मुझे कोई जानकारी नहीं है।आप मुझे जानकारी दीजिए मैं कार्यवाही करता हूं।
प्रशांत लगरखा
एसडीओ जनपद पंचायत गोहपारू
ऐसे सप्लायर जिनके पास दुकान नहीं है वो बोगस सप्लायर की कैटेगरी में आते हैं।जिनके खिलाफ़ कठोर कार्यवाही का प्रावधान है। उपरोक्त मामले की जांच कर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
सुमन लता मरावी
सहायक आयुक्त वाणिज्य कर विभाग, शहडोल
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