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Sunday, February 6, 2022

बाणगंगा मेला मैदान में बुंदेलखंड का मेला फैलाएगा कोरोना संक्रमण...! नपा ने दी अनुमति।



बाणगंगा मेला मैदान में बुंदेलखंड का मेला फैलाएगा कोरोना संक्रमण...! नपा ने दी अनुमति। 


दो सप्ताह पहले 127 वर्षो से जारी ऐतिहासिक मेले पर लगाई गई थी पाबंदी, अब ठेकेदार को दिया गया मेले का ठेका



इंट्रो:- घर का लड़का गोही चाटे मामा खाए अमावट की कहावत इन दिनों शहडोल में चरितार्थ हुई जब  बाणगंगा का ऐतिहासिक मेला जिसकी जाति शहडोल से राजधानी के गलियों तक गुलजार है उस पर कोविड-19 प्रोटोकॉल का हवाला देकर स्थानीय प्रशासन द्वारा या यूं कहें कि कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया। जहां कई वर्षों से स्थानीय व्यापारी अपनी दुकान लगाकर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करते थे, इतना ही नहीं जिले के आखिरी छोर देवलोन सहित आसपास के क्षेत्र से छोटे छोटे उद्यमी अपनी जमा पूंजी सिटी बाजे डमरू लकड़ी के शिल्प कृतियों के रूप में निवेश कर बाणगंगा मेला मैदान में अपनी दुकानें लगा कर अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए साल भर का खर्च निकालते थे, ऐतिहासिक बाण गंगा मेले में पाबंदी लगने के बाद ऐसे दुकानदार गली-गली सामान लेकर घूमते नजर आए। उन पर बंद कमरों में ऐसी का मजा लेने वाले अधिकारियों की नजर नहीं पड़ी। और अब उन्हीं अधिकारियों ने लगभग 2 सप्ताह बाद मऊरानीपुर  के एक बड़े व्यापारी को महज ₹4000 प्रतिदिन के किराए पर बाणगंगा मेला मैदान किराए पर दे दिया गया। जो अपने पूरे सेटअप और अपने क्षेत्र के व्यापारियों के साथ रविवार की सुबह बाणगंगा मेला मैदान पहुंचा और मेला लगाने की तैयारियां प्रारंभ हुई। 



शहडोल :-कोविड-19 प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए जिले के ऐतिहासिक मेले को इस वर्ष प्रतिबंधित किया गया तो अब एक ठेकेदार को नगर पालिका ने 1 माह के लिए ठेके पर दे दिया। और अब रविवार को ठेकेदार ने मेले की तैयारियां शुरू कर दी बाहर से आए ठेकेदार ने बाहर से व्यापारी लाकर मेले का काम बाणगंगा मेला मैदान में शुरू कराया। जानकारी के मुताबिक मेले मे इसी तरह उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सहित पांच जज और हाईकोर्ट के कर्मचारी समेत माघ मेले की सुरक्षा में आए 7 पुलिसकर्मी कोविड-19 मिले। बीते बुधवार लगे मेले मे हुई जांच में यह संख्या बढ़कर 38 हो गई। कोविड-19 संक्रमण के घेरे में 14 पुलिस के जवान और 24 पीएसी के जवान मिले हैं। हालांकि जिला प्रशासन की मुस्तैदी के चलते कोविड की तीसरी लहर को कंट्रोल मे रखा गया है लगातार कोविड 19 के मरीजो की संख्या घट रही है लेकिन अब बाणगंगा मेला मैदान मे लगने वाला मेला कही न कही प्रशासन सहित स्थानीय जनता का सरदर्द बनेगा। यहा संभवत: कोविड-19 संक्रमण फैलाने का खतरा बना रहेगा और कोविड पाजीटिव मरीजो की घटी संख्या बढ़ सकती है। लेकिन मानव जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को इस बात से कोई फर्क ही नहीं पड़ता।

स्थानीय दुकानदारों से छलावा

कलेक्टर श्रीमती वंदना तो मातृशक्ति है किंतु उन्हें स्थानीय दुकानदार के साथ नगर पालिका एवं जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा छलावा नजर नहीं आया। रविवार की दोपहर इस बात की जानकारी दूरभाष में कलेक्टर मैडम को दी गई लेकिन इस संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए जबकि मेले के संबंध में वैध अनुमति एसडीएम कार्यालय से लेनी थी जो नहीं ली गई थी। सवाल यह उठता है कि स्थानीय दुकानदारों के पेट पर लात मारकर जिला प्रशासन अपना खजाना क्यों भरने की फिराक में जुटा हुआ है। यदि यह मेला स्थानीय स्तर पर आयोजित होता तो निश्चित तौर पर आसपास के सभी दुकानदार इसमें अपनी सहभागिता निभाते और उन्हें भी रोजगार मिलता.....। बाणगंगा मेला में प्रतिबंध लगाने के दौरान स्थानीय स्तर पर कई नेताओं ने विरोध भी किया था लेकिन कोविड-19 प्रोटोकॉल का हवाला देकर विरोध के स्वर दबा दिए गए। 


तो क्या खत्म हुआ कोविड...

प्रतिदिन लगभग आधा सैकड़ा कोरोना संक्रमण के मामले शहडोल में आ रहे हैं ऐसा हम नहीं कहते ऐसा कहते हैं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर सागर, लेकिन प्रतीत होता है डॉक्टर सागर यह बात जिले के आला अधिकारियों और नगरपालिका के सीएमओ को व्यक्तिगत रुप से कान में नहीं बताते, यही कारण है कि उन्हें लगता है कि शहर में कोरोनावायरस खत्म हो गया है, और अगर सच में कोरोनावायरस का प्रभाव खत्म हो गया है तो उन व्यापारियों को मिलना चाहिए जिनका नुकसान बाणगंगा मेला ना लगने से हुआ है। ना कि ऐसे लोगों को जो ठेकेदार बन कारपोरेट मेले का टेंडर लेकर अपने क्षेत्र से व्यापारियों के क्षेत्र में लेकर आते हैं और स्थानीय व्यापारियों की हक पर डाका डालते हैं, और इसके एवज में अपने क्षेत्र के व्यापारियों से प्रतिदिन लंबी रकम चार्ज करते हैं। 

पुलिस को भी नहीं दी सूचना...

मामले अहम पहलू यह भी है कि बाहर से आए एक सैकड़ा कर्मचारी मेला आयोजित करने शहर के अंदर आयोजित रहे है जिनकी पुलिस का रिकार्ड मे स्थानीय थाना कोतवाली मे मुसाफिरी तक दर्ज नही है साथ-साथ अति आवश्यक कोविड टेस्ट भी शहर की जनता के महफूज रहने के लिए आवश्यक है इसे भी नजर अंदाज करना लोगो की जान से खिलवाड करना ही कहलाएगा। सवाल यह भी उठता है कि यदि मेले के व्यापारी के रूप में किसी प्रकार का अपराधी शहडोल में संरक्षण लेता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।


आपदा प्रबंधन  की बैठक में लेना था निर्णय: भूपेंद्र  

इस संबंध में हमारी टीम ने भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष एवं सुहागपुर जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष भूपेंद्र मिश्रा से चर्चा की गई उन्होंने बताया कि बाणगंगा मेला मैदान में मेला लगाने का निर्णय प्रशासन द्वारा गठित आपदा प्रबंधन समिति की बैठक बुलाकर सर्वसम्मति से लेना चाहिए था, साथ ही स्थानीय व्यापारियों को इसका अधिक से अधिक फायदा मिले इस बात पर विशेष ध्यानाकर्षण की जरूरत थी। लेकिन इस प्रकार से बिना समिति से चर्चा की है मेले की अनुमति देना कहीं ना कहीं कई सवाल खड़े कर रहा है। तो स्थानीय व्यापारियों में इस प्रकार बाहर के व्यक्ति को मेले की अनुमति एवं एकाधिकार देने से स्थानीय व्यापारी भी उपेक्षित महसूस करेगा बतौर जनप्रतिनिधि मैं इस निर्णय से सहमत नहीं हूं।


प्रक्रिया गलत व्यापरी संघ घोर निंदा करता हैं:  ऋतुराज

वरिष्ठ समाजसेवी एवं जिला व्यापारी संघ के पदाधिकारी ऋतुराज गुप्ता ने बताया कि स्थानीय व्यापारियों की उपेक्षा कर इस प्रकार चोरी छुपे दूसरे जिले के व्यापारी को बिना किसी ओपन  टेंडर मेले का एकाधिकार अथवा अनुमति देना स्थानीय व्यापारियों के साथ नाइंसाफी है, व्यापारी संघ इस निर्णय की घोर निंदा करता है प्रशासन को अपने निर्णय पर विचार करना चाहिए, जब स्थानीय व्यापारियों के मेले पर प्रतिबंध लगाया गया तो बाहरी व्यापारी को तवज्जो देना बिल्कुल गलत है, संबंध में आपदा प्रबंधन कमेटी एवं जिला व्यापारी संघ से परामर्श भी नहीं लिया गया है।यदि ऐसा है तो ओपन टेंडर निकालना चाहिए ताकि स्थानीय व्यापारी को भी अवसर मिले।


बढ़ेगा कोरोना संक्रमण  फैलने का खतरा:तेजप्रताप

इस संबंध में जानकारी के लिए आदिवासी नेता गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष तेज प्रताप से संपर्क किया गया तो उन्होंने स्पष्ट शब्दों में बताया कि कोविड की तीसरी लहर मे 1895 से अनवरत चलने वाले मेले मे एहतियात रोक लगाई थी यह जनहित मे अच्छा निर्णय था लेकिन कोविड पाजीटिव मरीज एक्टिव केस अभी बने हुए है और इस पर मेला आयोजित किया जाना निंदनीय है यदि इस मेले पर रोक ना लगाई गई तो कोविड संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ेगा। यदि रोक ना लगाई तो कलेक्टर को ज्ञापन सौपेगे। यह आदिवासी अंचल है स्थानीय छोटे बडे व्यापारियो पर प्रतिबंध लगाया गया है और बाहरी के छूट मिल जा रही है। चिंता जनक है।


इनका कहना है:-

₹4000 प्रतिदिन के राजस्व पर बाणगंगा मेला मैदान को एक कंपनी को मेला लगाने के लिए एक माह हेतु दिया गया है। इसमें कोई गलत शासन को राजस्व मिलेगा।

अमित तिवारी 
सीएमओ नगर पालिका शहडोल


जानकारी आप के माध्यम से संज्ञान में आई है, अगर ऐसा है तो मैं अपने स्तर पर दिखवाती हूं।

श्रीमती वंदना वैध 
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, शहडोल






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