खनिज निरीक्षक के पहुंचते ही क्रेशर चोरी होने का हुआ नया खुलासा, मामला बसखला पत्थर खदान का
सवाल:-खनन कर आखिर किसके क्रेशर भेजा जाता था बोल्डर,चोरी के पहले भी उपस्थित नहीं था क्रेशर
जांच का विषय -भारी मात्रा में खनन कर रात के अंधेरे में कहां भेजा जाता था बोल्डर
बिना क्रेशर कट रही थी गिट्टी कि टीपी, नोटिस जारी कर मांगा जाएगा जवाब
इंट्रो :- जिले के अंतिम छोर पर स्थित कोतमा जनपद अंतर्गत बसखला में अवैध खनन को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहा है सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला क्षेत्र माना जाने वाला कोतमा धीरे-धीरे गर्त की ओर जा रहा है इन क्षेत्रों पत्थर की मात्रा अधिक होने के कारण माफियाओं की नजर भी बनी रहती है जैसे- जैसे दिन ढलता है वैसे -वैसे खनिज को लेकर सक्रिय माफिया एक्टिव हो जाते हैं और शुरू होता है अवैध खनन और परिवहन खा कार्य!पैरीचूवा स्थित खसरा क्र.335/1 ग्राम पैरीचुवा व 444/1 क्रेसर के बगल मे स्थित पत्थर खदान कि नाप व गहराई कि जांच से होगा बढ़ा खुलासा 6 मीटर से नीचे DGMS के परमिशन के बिना बना दिए जांच से हो सकता है बड़ा खुलासा !
शहडोल/अनूपपुर(कोतमा):- कोतमा अंतर्गत ग्राम बसखला में स्थित बोल्डर खदान /क्रेसर की लीज 2018 मे मेसर्स विनय पुरोहित द्वारा लिया गया जो हमेशा ही खनिज विभाग के नियमों के विपरीत उत्खनन को लेकर सुर्खियों में रहा! जिसको लेकर समीक्षा सागर अखबार द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था! जिसे संज्ञान में लेकर खनिज अधिकारी द्वारा निरीक्षक को मौके पर जांच करने भेजा गया तो मौके पर क्रेशर नहीं मिला साथ ही वहां उपस्थित लोगों ने बताया कि क्रेशर चोरी हो गया है जिसकी शिकायत दिसंबर माह मे थाना कोतमा में दर्ज किया गया है!
सुर्खियों में रहा संचालक
पुरोहित द्वारा जबसे खदान की लीज ली गई है वह खनिज विभाग के नियमों के विपरीत कार्य करने को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहा हैं चाहे मामला उत्खनन कर मिट्टी दूसरे की जमीन में रखने का हो या फिर मनमानी ढंग से बोल्डर खनन का हो! जिसको लेकर तत्कालीन खनिज अधिकारी द्वारा नोटिस का जवाब भी मांगे गए थे! क्रेशर चोरी होने के बाद भी न तो बोल्डर का उत्खनन बंद हुआ और न ही गिट्टी की बिक्री हमारी टीम जब मौके पर पहुंची तो वहां उपस्थित लोगों द्वारा बताया गया कि रात के अंधेरे में हाइवा ट्रक के माध्यम से रोजाना 50 ट्रिप बोल्डर परी चौक स्थित क्रेशर में ले जाया जाता है हालांकि यह जांच का विषय है!
यह हैं मामला
ग्राम पंचायत बस्खला मे खसरा नंबर 128/1 रकवा 4.765 हेक्टेयर विनय पुरोहित द्वारा पत्थर खदान लीज में 2018 से 20028 तक लीज मे ली गई जिसमे खदान मे क्रेसर स्थापना एवं संचालन कि अनुमति छेत्रिय कार्यालय प्रदुषण विभाग शहडोल से प्राप्त करनी होती हैं सूत्रों कि माने तो इनके द्वारा परमिसशन नहीं ली गई जो जांच से सामने आ सकता हैं ! फिर भी संचालन द्वारा स्वीकृत खदान मे किस यत्रों से गिट्टी का निर्माण कर इ- खनिज पोर्टल के माध्यम से गिट्टीयो का विक्रय इ-टीपी के माध्यम से किया गया हैं जो जांच का विषय हैं!
एनजीटी नियमों कि उड़ाई धज्जियां
खनिज विभाग के नियम के अनुसार माने तो उत्तखनीत खनिज खनिज पट्टे में प्रदूषण को लेकर हर वर्ष लगभग हजार पौधे लगाना था लेकिन खदान संचालक द्वारा बिना वृक्षारोपण किये ही नियमों कि धज्जिय्या उड़ाते हुये खनन कार्य किया गया जो प्रदूषण विभाग के ऊपर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा हैं! जानकारों की माने तो संचालक द्वारा हर वर्ष खदान संचालित करने के लिए किये गये वृक्षारोपण का हिसाब-किताब व फोटो खनिज विभाग व प्रदूषण विभाग को देना होता है!
सिर्फ कागजों पर कोरमपूर्ति
जानकारों की माने तो यदि क्रेशर व खदान पर वृक्षारोपण नहीं किया गया तो खनिज विभाग द्वारा टीपी बंद कर दी जाती है लेकिन पुरोहित के खदान में न तो किसी प्रकार के वृक्ष लगाए गए नहीं प्रदूषण के नियमों का पालन किया जा रहा है बात या खड़ी हो रही है कि खनिज एवं पर्यावरण विभाग के अधिकारी निरीक्षण के दौरान केवल कागज की खानापूर्ति तक सीमित है मौके पर भौतिक रूप से कोई भी चीज स्थापित नहीं है!
सुरक्षा के नहीं कोई इंतजाम
खदान की लीज देते समय नियम शर्तों के अनुसार कार्य करने की बात कही जाती है लेकिन बिना पुरोहित द्वारा संचालित खसरा नंबर 128/1 मे सभी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए खदान का संचालन किया जा रहा है लीज में ली गई शर्तों के अनुसार न तो पिलर लगाया गया और न ही फेसिंग की गई सिर्फ खनन कार्य किया गया जो कभी भी बड़ी दुर्घटना को आमंत्रण भी दे सकता है!
नोटिस जारी कर मांगा जवाब
खबरों के प्रकाशन के बाद खनिज अधिकारी द्वारा खनिज निरीक्षक को मौके पर जांच करने भेजा गया खनिज निरीक्षक द्वारा बताया गया कि उक्त खदान में बहुत ही कमियां पाई गई हैं जिसमें संचालक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा और विस्तृत जांच की जाएगी!
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