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Wednesday, April 26, 2023

सवाल:-तो क्या शहडोल कलेक्टर की तर्ज पर अनूपपुर कलेक्टर अवैध प्लाटिंग में करवा पाएंगे जांच व कारवाही, या फिर अनावरत चलता रहेगा अवैध प्लाटिंग का खेल



सवाल:-तो क्या शहडोल कलेक्टर की तर्ज पर अनूपपुर कलेक्टर अवैध प्लाटिंग में करवा पाएंगे जांच व कारवाही, या फिर अनावरत चलता रहेगा अवैध प्लाटिंग का खेल 


 लोकप्रिय कलेक्टर के आदेश के बाद भी अनूपपुर सहित कोतमा में अवैध प्लाटिंग को अंजाम दे रहे भू-माफिया



भू-माफियाओं द्वारा भोले-भाले किसानो के जमीन का एग्रीमेंट कर दलालों के माध्यम से कर रहे बिक्री का खेल



 राजस्व विभाग व सीएमओ को जानकारी होने के बाद भी कारवाही की जगह दे रहे संरक्षण


 संवेदनशील कलेक्टर की छवि को धूमिल करने का कार्य कर रहा राजस्व विभाग व नपा कोतमा


इंट्रो:- प्रदेश के मुखिया द्वारा लगातार भू-माफियाओ को जड़ से खत्म करने की बात कह रहे हैं वहीं दूसरी ओर अनूपपुर सहित कोतमा क्षेत्र में भू-माफियाओं द्वारा एन एच के आसपास कृषि भूमि सहित नपा कोतमा क्षेत्र अंतर्गत कई स्थानों में पैसों का लालच दिखाकर एग्रीमेंट करते हुए पर्दे के पीछे से भूमाफियाओ व दलालों के माध्यम से पटवारियों से साठ गाठ कर टुकड़े-टुकड़े में जमीन की खरीदी बिक्री का खेल-खेला जा रहा है और अधिकारियों को जानकारी होने के बाद भी चुप्पी साधना कई प्रश्न चिन्ह लगाते दिखाई पड़ रहा है, ऐसे में किस तरह मुख्यमंत्री के मंसा को साकार करने में सफल हो पाएगी प्रशाशन!


अनूपपुर(कोतमा):- अनूपपुर जिले के कोतमा क्षेत्र में कृषि भूमि व अन्य खाली भूमियों पर भू माफियाओं की नजर लगी रहती है, जहां भी खाली व कृषि भूमि नजर आती है उक्त भूमि मालिक को पैसों का लालच देकर टेंपरेरी एग्रीमेंट कर जमीन में पत्थर गाड़ते हुए प्लाटिंग कर दलालों के माध्यम से बिक्री का खेल खेला जा रहा है जो एनएच के आसपास सहित नपा के कई वार्डों में राजनीतिक संरक्षण प्राप्त भू-माफियाओं  द्वारा अवैध प्लाटिंग कर बिक्री किया जा रहा है हालांकि इसकी जानकारी हमारी टीम द्वारा समय-समय पर राजस्व विभाग व एसडीएम कोतमा को भी दी जा चुकी है लेकिन उसके बाद भी कार्यवाही ना होने से लगातार अवैध प्लाटिंग व  निर्माण कार्य कॉलोनाइजर एवं रेरा नियमों के विपरीत किया जा रहा है!


 विशेष टीम गठित कर संवेदनशील कलेक्टर को संभालना होगा मोर्चा 

 जिस तरह कोतमा नपा क्षेत्र एवं ग्राम पंचायत गोहंन्द्र  व एनएच के आसपास लगे कृषि भूमियों पर पटवारियों की मिलीभगत से अवैध प्लाटिंग किया जा रहा है वह किसी से छुपा भी नहीं है लगातार स्थानीय अखबारों के माध्यम से अवैध प्लाटिंग मामले को लेकर सर्वोच्च पद में बैठे अधिकारियों को भी जानकारी देने के बाद भी कार्यवाही ना होना कहीं न कहीं भू माफियाओं को संरक्षण देने का कार्य किया जा रहा है जो नगर सहित आसपास के क्षेत्रों में चर्चा का विषय भी बना हुआ है जिससे स्थानीय प्रशासन सहित उच्च स्तरीयअधिकारियों एवं सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है!


2 पर कार्यवाही दिखा कर खुद की पीठ थप-थपा रहे जिम्मेदार 

 बीते दिनों कलेक्टर के आदेश के बाद एसडीएम कोतमा तहसीलदार एवं नपा कोतमा की संयुक्त टीम द्वारा एन एच के बगल में हो रहे अवैध प्लाटिंग पर कार्यवाही करते हुए बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया गया था, जिसमें नपा कोतमा द्वारा नोटिस न प्राप्त होने पर जमीन मालिक के आड में भू माफियाओं व दलालो द्वारा प्रशासन के ऊपर कई प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिए और शाम होते ही स्थानीय प्रशासन के मैनेजमेंट की चर्चाएं पूरे शहर में हवा की तरह फैल गया और कार्यवाही वहीं से थम गई! कार्यवाही न होने से भू माफियाओं द्वारा दुगनी तेजी के साथ अवैध प्लाटिंग कर  कॉलोनाइजर एक्ट का उल्लंघन करते हुए कृषि भूमि को टुकड़े-टुकड़े में बेचकर घर बनाने का कार्य शुरू  कर दिया गया है जिसे उच्च अधिकारियों द्वारा नेशनल हाईवे के आस पास व वार्ड क्र.-07 में स्थित मनसूर की अवैध प्लाटिंग भी जीने के संवेदनशील कलेक्टर पहुंचकर देख सकते हैं!


यहा कार्यवाही कब...? प्रशासन पर खड़ा हो रहा प्रश्न चिन्ह 

 राजस्व विभाग व नपा कोतमा का राजस्व अमला का आलम यह है कि अपने ऑफिस के बगल कि अवैध प्लाटिंग पर कार्यवाही छोड़कर दूरस्थ जगह पर जाकर कार्यवाही कर रहे हैं। जबकि एसडीएम कार्यालय से 100 मीटर की दूरी पर लगभग 3 एकड़ की भूमि पर अवैध तरीके से प्लॉटिंग कर बेचने का कार्य किया जा रहा है। वही जनपद के पीछे भी भूमि के क्रय विक्रय का खेल जोरों से चल रहा है साथ ही निगवानी रोड,हाइवे,वार्ड नं 8 पुलिया के आसपास,कल्याणपुर,वार्ड नं 5 पुरानी बस्ती,वार्ड नं 7 मयूर ढाबा के पीछे, मंसूर की अवैध प्लाटिंग ,वार्ड नं 4 मवेशी बाजार के पास,वार्ड नंबर 7 और 8 में बड़े स्वरूप में अवैध तरीके से प्लॉटिंग की गई लेकिन राजस्व विभाग के अधिकारियों को जानकारी के बाद भी कारवाही न करना कहीं भू माफियाओं को संरक्षण व अभयदान देना तो नहीं है हालांकि समय समय में स्थानीय पत्रकारों द्वारा यह मुद्दा एसडीएम, तहसीलदार एवं  संवेदनशील कलेक्टर को बताया गया है जिसमें उनके द्वारा कारवाही करने का भरोसा दिया गया है, लेकिननगर के लोगों की मांग यह है कि जिला प्रशासन द्वारा उच्च स्तरीय कमेटी गठित करते हुए सच की मौके पर जांच कर कार्यवाही करें जिससे पूरा कोतमा क्षेत्र व नगर भू माफियाओं के शिकंजे से मुक्त हो सके!


भ्रष्ट तंत्र से मिलता है सहारा

आम आदमी जमीन के एक छोटे से टुकड़े को खरीदने अथवा बेचने के लिये पटवारी से लेकर तहसील और फिर रजिस्टार कार्यालय के इर्द गिर्द चक्कर काटने को मजबूर होता है लेकिन इसके विपरीत भू माफिया दर्जनों रजिस्ट्रीया चन्द दिनों में करा लेते है। इसका कारण यह है कि विभिन्न कुर्सियों में बैठे बाबुओं से माफियाओं का गठजोड़ है। यही कारण है कि आम आदमी जो काम महीनों में करा पाता है उस काम को ये भू माफिया कुछ ही दिनों में करा लेते है। चर्चा तो यह भी है कि प्रति भू खण्ड के एवज में नजराना हर एक जिम्मेदार तक पहुंचता है। यही कारण है कि ये खामोश है।


होगी कार्यवाही या फिर चलता रहेगा अवैध प्लाटिंग का खेल

 जिस प्रकार कोतमा क्षेत्र में भू माफियाओं द्वारा अवैध प्लाटिंग को लेकर सुर्खियों में हैं और उन पर कार्यवाही न होने से जिला प्रशासन सहित सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है जिसका असर आगामी समय में झेलना पड़ सकता है हालांकि संवेदनशील कलेक्टर द्वारा अवैध प्लाटिंग में कार्यवाही को लेकर आश्वासन दिया गया था लेकिन बात यह खड़ी होती है कि कलेक्टर के आदेश के बाद भी एसडीएम एवं राजस्व विभाग के अधिकारीयों द्वारा चुनिंदा लोगों पर कार्यवाही कर स्वयं अपना पीठ थपथपाते दिखाई दे रहे हैं वही बात की जाए तो नगर पालिका कोतमा क्षेत्र अंतर्गत अवैध प्लाटिंग व कॉलोनी विस्तार व मूलभूत सुविधाओं के बिना परमिशन कैसे निर्माण कार्य किया जा रहा है जो कहीं ना कहीं मिलीभगत का अंदेशा करते दिखाई दे रहा है!


जिम्मेदारों का नहीं उठता फोन

इस संबंध में जानकारी बीते दिनों राजस्व महकमें के संज्ञान में लाई गई थी समाचार प्रकाशन के उपरांत मानों विभाग के हाथ अब तक खाली है यही कारण है कि जिम्मेदार अधिकारी अब मीडिया के सवालों से बचते नजर आ रहे है। इस संबंध में जानकारी हेतु एसडीएम कोतमा से दूरभाष में सम्पर्क साधा गया लेकिन उनका फोन नहीं उठा!पूर्व में भी अवैध प्लाटिंग के मामले में एसडीएम कोतमा से सम्पर्क साधने का प्रयास किया गया था किन्तु प्रतीत हो रहा है कि अवैध प्लाटिंग मामले में जिम्मेदार कुछ सुनना ही नहीं चाहते यही कारण है कि सवालों से बचते नजर आते है।



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